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इस वर्ष विमान के इंजन बंद होने की 6 घटनाएं आई सामने, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ने संसद में दी जानकारी

Byadmin

Aug 6, 2025


सरकार ने राज्यसभा को बताया कि इस साल विमान के इंजन बंद होने की छह घटनाएं हुईं और तीन बार मेडे कॉल किया गया। इंडिगो और स्पाइसजेट के विमानों में दो-दो बार इंजन बंद हुए। एअर इंडिया के विमान एआइ 171 ने अहमदाबाद में उड़ान भरने के बाद आपातकालीन कॉल किया था। 12 जुलाई को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने प्रारंभिक रिपोर्ट प्रकाशित की।

पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने राज्य सभा को बताया कि इस वर्ष विमान के इंजन बंद होने की कुल छह घटनाएं हुईं, वहीं तीन बार ‘मेडे’ यानी आपातकालीन काल किया गया। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने सोमवार को प्रश्न के उत्तर में डाटा साझा किया।

इसके अनुसार इस वर्ष इंडिगो और स्पाइसजेट के विमानों में इंजन बंद होने की दो-दो घटनाएं हुई हैं, जबकि एअर इंडिया और एलायंस एयर विमानों में ऐसी एक-एक घटना हुई है। मंत्री ने कहा कि एअर इंडिया के विमान एआइ 171 समेत तीन बार ‘मेडे’ यानी आपातकालीन काल किया गया।

अहमदाबाद में हुई थी बड़ी दुर्घटना

12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का बोइंग ड्रीमलाइनर विमान एआइ-171 अहमदाबाद हवाईअड्डे से उड़ान भरने के चंद मिनटों के भीतर ही मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के भवन से टकराते हुए मेस पर जा गिरा था।

इन विमान के पायलट ने उड़ान भरने के तुरंत बाद ‘मेडे’ यानी आपातकालीन काल दी थी। इंडिगो और एअर इंडिया एक्सप्रेस में भी ‘मेडे’ की एक-एक घटना हुई। मेडे काल का इस्तेमाल बहुत ज्यादा इमरजेंसी की हालात में किया जाता है यानी जब जान पर बन आए। मेडे शब्द फ्रांसीसी भाषा से लिया गया है जिसका मतलब होता है ‘मेरी मदद करो’।

अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि 12 जुलाई को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की प्रारंभिक रिपोर्ट उपलब्ध तथ्यों के आधार पर प्रकाशित की गई थी। इस रिपोर्ट से एअर इंडिया विमान दुर्घटना के बारे में निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। इस दुर्घटना की जांच जारी है। दुर्घटना के संभावित कारणों का पता लगाने के लिए हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है।

इस साल 48 लोगों को नो-फ्लाई लिस्ट में किया गया शामिल

अन्य प्रश्न के उत्तर में मोहोल ने बताया कि इस वर्ष 30 जुलाई तक 48 यात्रियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाला गया है। अशिष्ट या अनुशासनहीन व्यवहार करने वाले यात्रियों पर उनके आचरण की गंभीरता के आधार पर उड़ान प्रतिबंध की अवधि तय की जाती है।

मंत्री द्वारा साझा किए गए डाटा के अनुसार वर्ष 2024 में 82 और 2023 में 110 यात्रियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाला गया था। वहीं, 2022 में 63, 2021 में 66, और 2020 में 10 यात्रियों को नो-फ्लाई लिस्ट में शामिल किया गया था।

क्या है नियम

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी नागरिक उड्डयन नियम के तहत, विमान में अनुशासनहीन यात्रियों को उनकी गलत हरकत की गंभीरता के आधार पर तीन स्तरों में वर्गीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि स्तर-1 की अनुशासनहीनता के लिए अधिकतम तीन महीने, स्तर-2 के लिए अधिकतम छह महीने और स्तर-3 के लिए न्यूनतम दो वर्ष या उससे अधिक की उड़ान प्रतिबंध अवधि निर्धारित की जाती है।

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