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ईरान ने बुधवार को दावा किया कि उसने इसराइल पर अपने सबसे घातक हथियार हाइपरसोनिक फ़तह मिसाइल से हमला किया है.
ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने ये दावा किया है कि मिसाइल इसराइल की राजधानी तेल अवीव की ओर दागी गई है.
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी मेहर और सरकारी चैनल प्रेस टीवी ने भी आईआरजीसी के हवाले से फ़तह-1 मिसाइलें दागने की बात कही.
प्रेस टीवी के अनुसार, “आईआरजीसी ने इस अभियान के ताज़ा चरण को टर्निंग पॉइंट बताया. उसका कहना है कि पहली पीढ़ी की फ़तह मिसाइलों की तैनाती इसराइल की काल्पनिक मिसाइल डिफ़ेंस प्रणाली के अंत की शुरुआत है.”
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शुक्रवार से शुरू हुए संघर्ष में एक तरफ़ इसराइल ने ईरान के परमाणु केंद्रों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है तो दूसरी तरफ़ ईरान ने तेलअवीव और हाइफ़ा पोर्ट पर मिसाइलें दागी हैं.
इससे पहले ईरान ने एक अक्तूबर 2024 को जब इसराइल पर हमला किया था, तब उसने दर्जनों फ़तह-1 मिसाइलें छोड़ी थीं.
हालांकि मौजूदा संघर्ष में पहली बार इस मिसाइल का इस्तेमाल किया गया है.
फ़तह मिसाइल को पहली बार 2023 में सार्वजनिक किया गया था और इसका नाम ईरान के सर्वोच्च नेता अली ख़ामेनेई ने रखा था. आईआरजीसी ने इस मिसाइल को ‘इसराइल-स्ट्राइकर’ कहा है.
और जब इसका अनावरण किया गया तो एक बड़ा बैनर लगा था जिस पर हिब्रू में लिखा था, “400 सेकंड्स टू तेल अवीव.”
आईआरजीसी ने इसके हाइपरसोनिक मिसाइल होने का दावा किया है लेकिन सैन्य विशेषज्ञों को इसकी वास्तविक हाइपरसोनिक क्षमता पर संदेह है.
अल फ़तह की रफ़्तार: 5 किलोमीटर प्रति सेकंड
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हाइपरसोनिक का मतलब वह हथियार हैं जिनकी रफ़्तार आमतौर पर आवाज़ की रफ़्तार से 5 से 25 गुना तक ज़्यादा होती है.
ईरान पहली बार फ़तह मिसाइल को बैलिस्टिक और क्रूज़ दोनों वर्गों में हाइपरसोनिक मिसाइल के तौर पर सामने लाया था.
‘अल-फ़तह’ हाइपरसोनिक मिसाइल की रेंज 1400 किलोमीटर है और आईआरजीसी का दावा है कि वह मिसाइल को नष्ट करने वाली सभी रक्षा प्रणालियों को चकमा देकर उन्हें तबाह करने की क्षमता रखती है.
‘अल-फ़तह’ ठोस ईंधन की मिसाइल की एक पीढ़ी है जिसकी रफ्तार लक्ष्य को निशाना बनाने से पहले 13 से 15 ‘मैक’ तक है. मैक 15 का मतलब पांच किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार है.
रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स एयरोस्पेस आर्गनाइज़ेशन के कमांडर अमीर अली हाजीज़ादा ने अल-फ़तह मिसाइल के अनावरण समारोह में कहा था कि यह मिसाइल तेज़ रफ़्तार है और वातावरण के अंदर और बाहर जा सकती है. साथ ही, हाजीज़ादा ने यह दावा भी किया था कि फ़तह को किसी मिसाइल से नष्ट नहीं किया जा सकता.
अल-फ़तह बैलिस्टिक मिसाइल के अनावरण के बाद तेहरान के ‘फ़लस्तीन स्क्वायर’ में इसराइल को धमकी देने के लिए एक इश्तेहार लगाया गया जिस पर ‘400 सेकंड में तेल अवीव’ लिखा था.
इसराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने ईरान के दावों और हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की धमकी के जवाब में कहा था, “मैंने सुना है कि हमारे दुश्मन अपने बनाए हुए हथियारों पर शेख़ी बघार रहे हैं. हमारे पास किसी भी टेक्नोलॉजी का बेहतर जवाब है, चाहे वह ज़मीन पर हो, हवा में या समंदर में.”
‘अल-फ़तह 1′ के अनावरण के चार महीने बाद रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने अल-फ़तह 2’ का अनावरण किया जो 1500 किलोमीटर तक मार करने वाली क्रूज़ मिसाइल की एक पीढ़ी है.
ईरानी मीडिया के अनुसार ‘अल-फ़तह 2’ बहुत कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता रखती है और उड़ान के दौरान कई बार अपना रास्ता भी बदल सकती है.
‘अल-फ़तह 2’ क्रूज़ मिसाइल का अनावरण उस समय किया गया जब ईरान के सर्वोच्च नेता अली ख़ामेनेई ने आईआरजीसी से जुड़े एयरोस्पेस साइंसेज़ ऐंड टेक्नोलॉजी की आशूरा यूनिवर्सिटी का दौरा किया लेकिन इस मिसाइल की रेंज के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई.
हालांकि ईरान फ़तह मिसाइल को इसराइल के ख़िलाफ़ ख़तरे से निपटने के लिए सामने लेकर आया था लेकिन उसने 13 अप्रैल और फिर एक अक्तूबर के हमले में इन मिसाइलों का इस्तेमाल नहीं किया.
ईरानी मिसाइलों की चार श्रेणियां
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पिछले साल 7 अक्तूबर को बीबीसी ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रमों पर एक पड़ताल प्रकाशित की थी. इसके अनुसार-
- रॉकेट
- क्रूज़ मिसाइल
- बैलिस्टिक मिसाइल
- हाइपरसोनिक मिसाइल
ईरान निर्मित मिसाइलों के इन चार समूहों में बुनियादी तौर पर ज़मीन से ज़मीन पर और ज़मीन से समंदर में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं.
हालांकि रक्षा प्रणाली की मिसाइल भी ईरान के हथियारों में शामिल हैं जिनमें से कुछ रूस और चीन की बनाई हुई हैं और कुछ ईरानी सशस्त्र सेनाओं की अपनी कोशिश से बनी हैं जिनका यहां ज़िक्र नहीं किया गया है.
अप्रैल 2024 में इसराइल पर अपने मिसाइल हमले में ईरान ने ‘इमाद थ्री’ बैलिस्टिक मिसाइल, ‘पावह’ क्रूज़ मिसाइल और ‘शाहिद 136’ ड्रोन का इस्तेमाल किया.
लेकिन ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ने ‘ख़ैबर शिकन’ बैलिस्टिक मिसाइल दागने का भी दावा किया था.
इमाद बैलिस्टिक मिसाइल मध्यम दूरी तक मार करने वाला हथियार है और उसकी रेंज 1700 किलोमीटर तक होने का दावा किया जाता है.
इस मिसाइल की लंबाई 15 मीटर है और कहा जाता है कि इसके वारहेड का वज़न 750 किलोग्राम है. इस मिसाइल को सन 2015 में सार्वजनिक किया गया था.
इमाद मिसाइल ‘अल क़द्र’ बैलिस्टिक मिसाइल का बेहतर रूप है.
‘पावह’ मध्यम दूरी तक मार्ग करने वाली क्रूज़ मिसाइलों की एक शृंखला है जिसकी रेंज 1650 किलोमीटर है और कहा जाता है कि यह मिसाइलों की एक ऐसी पीढ़ी है जो लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अलग-अलग रास्ते अपना सकती है.
‘पावह’ मिसाइल ग्रुप में हमला करने और हमले के दौरान एक दूसरे से संपर्क करने की क्षमता रखती है और शायद इसी वजह से इसे इसराइल पर हमले के लिए चुना गया था.
‘पावह’ मिसाइल को फ़रवरी 2023 में सार्वजनिक किया गया था और ईरान ने दावा किया था कि यह मिसाइल इसराइल तक पहुंचने की क्षमता रखती है. यह दावा 13 अप्रैल को हुए हमले में सही साबित हुआ.
ईरान के पास इस समय मिसाइल की अधिक से अधिक प्रभावी रेंज दो हज़ार से ढाई हज़ार किलोमीटर के बीच की है और वह फ़िलहाल यूरोपीय देशों को निशाना बनाने की क्षमता नहीं रखती.
ईरान की सशस्त्र सेनाओं ने दावा किया है कि ऐसा सर्वोच्च नेता अली ख़ामेनेई के निर्देश पर है जिन्होंने कहा था कि फ़िलहाल ईरानी मिसाइल की रेंज दो हज़ार किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए. इस निर्देश के बाद लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल की तैयारी का सिलसिला रोक दिया गया है. आयतुल्लाह ख़ामेनेई के अनुसार इस फ़ैसले की एक ‘वजह’ है लेकिन उन्होंने वह वजह नहीं बताई.
‘ज़ुल्फ़िक़ार’ एक और कम दूरी (700 किलोमीटर) तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है जिसे सन 2017 और 2018 में दाएश (आईएसआईएस) के ठिकानों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया गया था. इस मिसाइल की लंबाई 10 मीटर है, इसमें एक मोबाइल लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म है और उसके रडार पर नज़र न आने की क्षमता से लैस होने का दावा किया जाता है.
‘ज़ुल्फ़िक़ार’ फतेह 110 मिसाइल का बेहतर रूप है और इसके वारहेड का वज़न 450 किलो बताया जाता है