राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने जोर देते हुए कहा कि मेरी कोशिश होती है कि संसद की गरिमा और परंपरा बरकार रहे। उन्होंने कहा कि सभापति द्वारा दिए गए फैसलों का सम्मान किया जाना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति ने इस बात पर जोर दिया कि सभी सदस्यों को सभी मुद्दों को नियमों के अनुसार उठाने का अवसर मिलेगा।
एएनआई, नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को सदन की परंपराओं का पालन करने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि सभापति द्वारा दिए गए फैसलों का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्यसभा के सदस्यों से उत्पादकता का स्तर बढ़ाने तथा चर्चा, संवाद और नियमों के पालन का माहौल बनाने का आह्वान किया।
दरअसल, इस समय संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस बीच राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अध्यक्ष के फैसले के लिए सम्मान की आवश्यकता होती है, न कि मतभेदों की वजह बनने की।
उन्होंने कहा कि यह भारतीय संविधान को अपनाने की सदी की चौथी तिमाही के पहले दिन का ऐतिहासिक दिन है, आइए हम उत्पादकता का स्तर बढ़ाएं, आइए हम ऐसा माहौल बनाएं जो चर्चा, संवाद, विचार-विमर्श और नियमों के पालन का उदाहरण बने।
सदन की गरिमा बनी रहे: सभापति
उन्होंने कहा कि राज्यसभा को वरिष्ठों का सदन और उच्च सदन कहा जाता है। हम सभी को इस सदन की गरिमा को बनाए रखना चाहिए। वहीं, संविधान को अपनाने के अवसर पर हाल ही में मनाए गए उत्सव पर विचार करते हुए उन्होंने सदस्यों को याद दिलाया कि इस मील के पत्थर के लिए सदन के भीतर जिम्मेदारी और सम्मान की भावना को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अध्यक्ष द्वारा दिए गए फैसलों को मतभेद के स्रोत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें ऐसे निर्देशों के रूप में देखा जाना चाहिए जिनका सम्मान किया जाना चाहिए।
नियमों से उठाए जाएं मुद्दे
राज्यसभा के सभापति ने इस बात पर जोर दिया कि सभी सदस्यों को सभी मुद्दों को नियमों के अनुसार उठाने का अवसर मिलेगा। चूंकि नियमों में इन मुद्दों को किसी न किसी रूप में प्रस्ताव के माध्यम से उठाने का प्रावधान है, इसलिए इन नोटिसों को अस्वीकार किया जा रहा है। बता दें कि कांग्रेस के एक सांसद ने सूचीबद्ध कार्य के निलंबन के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश करने के लिए नोटिस दिया था।
विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को लेकर सभापति ने कहा कि पिछले 30 सालों के कार्यकाल में कई सरकारें आईं और प्रसाशन सत्ता में आए। लेकिन कभी प्रस्तावों की संख्या एकल अंक से ज्यादा नहीं रही।
विपक्ष ने दिया था स्थगन प्रस्ताव
विपक्ष ने आज संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया। वहीं, विपक्ष के कई सांसदों ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया। कांग्रेस ने मांग की है कि अडाणी अभियोग मुद्दे पर चर्चा हो। विपक्ष ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुए बवाल पर चर्चा कराने की मांग कर रहा था। विपक्ष ने इन दोनों मुद्दों को लेकर संसद में हंगामा किया, जिस वजह से राज्यसभा की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
दरअसल, राज्यसभा में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गौतम अडानी के अभियोग के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत कार्य स्थगन नोटिस दिया था।
नोटिस में क्या लिखा गया?
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा दिए गए नोटिस में लिखा गया था कि मैं राज्य सभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 267 के तहत 27 नवंबर, 2024 के लिए सूचीबद्ध कार्य के निलंबन के लिए निम्नलिखित प्रस्ताव पेश करने के लिए नोटिस देता हूं। यह सदन अमेरिकी अदालत के अभियोग में गंभीर खुलासे पर चर्चा करने के लिए सभी निर्धारित कार्य स्थगित करता है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अडानी समूह एसईसीएल निविदाओं के माध्यम से बिजली आपूर्ति समझौते हासिल करने के लिए राज्य के अधिकारियों को रिश्वत देने में शामिल था।
उल्लेखनीय है कि विपक्ष अडाणी, संभल और मणिपुर को लेकर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग कर रहा है। इसी मांग को लेकर दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा देखने को मिला था। दोनों सदनों की कार्यवाही भारी हंगामे के चलते कल सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई।