इमेज स्रोत, Alex Edelman/Bloomberg via Getty Images
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन की पत्नी और देश की प्रथम महिला एमीन अर्दोआन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप को पत्र लिखा है.
इस पत्र में उन्होंने मेलानिया ट्रंप से इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से संपर्क कर ग़ज़ा में बच्चों की दुर्दशा का मुद्दा उठाने का आग्रह किया है.
अंकारा में अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
एमीन अर्दोआन ने अपने पत्र में लिखा कि उन्हें प्रेरणा उस समय मिली जब मेलानिया ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन और रूस के बच्चों को लेकर पत्र भेजा था.
उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि आपने 648 यूक्रेनी बच्चों के लिए जो संवेदनशीलता दिखाई है, वही ग़ज़ा के लिए भी दिखाई जाएगी.”
तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी किए गए इस पत्र पर फ़िलहाल व्हाइट हाउस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
एमीन अर्दोआन ने आगे लिखा, “इन दिनों, जब दुनिया एक सामूहिक चेतना में है और फ़लस्तीन की मान्यता एक वैश्विक इच्छा बन गई है, मेरा मानना है कि ग़ज़ा की ओर से आपका आह्वान फ़लस्तीनी लोगों के प्रति एक ऐतिहासिक ज़िम्मेदारी को पूरा करेगा.”
एक वैश्विक भूख निगरानी संस्था ने शुक्रवार को निर्धारित किया कि ग़ज़ा सिटी और आसपास के क्षेत्र आधिकारिक तौर पर अकाल की चपेट में हैं और आने वाले समय में यह स्थिति और बिगड़ सकती है.
इस रिपोर्ट के बाद इसराइल पर फ़लस्तीनी क्षेत्रों में और अधिक सहायता पहुंचाने का दबाव बढ़ा है.
हालांकि, इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस रिपोर्ट को “सरासर झूठ” बताते हुए ख़ारिज कर दिया और कहा कि इसराइल की नीति “भुखमरी रोकने की है, न कि भुखमरी पैदा करने की.”
यह युद्ध 7 अक्तूबर 2023 को तब शुरू हुआ, जब हमास ने दक्षिणी इसराइल में 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया था.
ग़ज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों का दावा है कि अब तक इसराइली सैन्य अभियान में 62,000 से अधिक फ़लस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.