गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक किताब के विमोचन के दौरान विपक्ष पर जमकर हमला बोला। आजादी के समय हुए देश के बंटवारे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक तिहाई देश को पहले ही काट चुके हो और कब तक काटते रहोगे। शाह ने कहा कि आने वाले समय में इसे स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा और कोई इतिहासकार इस कालखंड को अनदेखा नहीं कर पाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 10 साल के कार्यकाल को विकसित भारत की नींव रखने वाला बताया है।
‘इंडियन रेनेसां : द मोदी डिकेड’ पुस्तक का विमोचन करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को नीतिगत पंगुता से निकालकर दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बनाने के साथ ही विकसित भारत का पूरा रोडमैप भी तैयार कर लिया है।
पुस्तक में संग्रहित कई लेख
पुस्तक में देश के कई गणमान्य व्यक्तियों के लेख संग्रहित हैं। अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी के काम को देश को जोड़ने वाला बताते हुए तमिलनाडु और कर्नाटक के कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा दक्षिण भारत को अलग करने के बयान पर आड़े हाथों लिया।
काशी तमिल संगमम का जिक्र
- उन्होंने कहा कि एक ओर जहां विपक्षी नेता दक्षिण भारत को अलग करने की बात कर रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री मोदी काशी तमिल संगमम के माध्यम से देश की एकता को मजबूत करने का काम कर रहे हैं।
- अमित शाह ने पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश के सभी क्षेत्रों में किए गए बदलावों और लोगों के जीवन में लाए गए सकारात्मक परिवर्तन का हवाला देते हुए कहा कि आने वाले समय में इसे स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। कोई भी इतिहासकार मोदी सरकार के इस कालखंड को अनदेखा नहीं कर सकता है।
- उन्होंने इस कालखंड की तुलना वटवृक्ष के बीज के साथ की, जो आने वाली सदियों में विकसित भारत का विशाल वटवृक्ष बनाने का काम करेगा। कहा कि आने वाले समय में इतिहासकार मोदी के पहले और मोदी के बाद के भारत के रूप में इतिहास का लेखन करेंगे।
- अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में देश को जटिल समस्याओं से मुक्ति दिलाने का काम किया है, जिसके बारे में पहले सोचा भी नहीं जा सकता था। इस सिलसिले में उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ ही राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने का जिक्र किया।
नए आपराधिक कानून पर बोले
मोदी सरकार के दौरान भारत के पुनर्जागरण का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान गुलामी की निशानी से पूरी तरह से मुक्ति के लिए कई कदम उठाए गए। इनमें अंग्रेजों के बनाए आपराधिक कानूनों की जगह भारतीय आत्मा के साथ नए आपराधिक कानून बनाना भी शामिल है।
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