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दुबई क्रिकेट स्टेडियम के मैदान पर रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ एशिया कप का फ़ाइनल मैच ऑफ़-फ़ील्ड विवादों को लेकर सुर्ख़ियों में रहा. इस मैच पर दोनों देशों के बीच जारी तनाव की छाया साफ़ देखी गई.
तिलक वर्मा की नाबाद 69 रनों की पारी की बदौलत भारत ने 147 रनों के लक्ष्य को पा लिया और इसी के साथ ही रिकॉर्ड नौवीं बार एशिया कप जीता.
हालांकि मैच के बाद भारत ने यह कहते हुए ट्रॉफ़ी प्रेज़ेंटेशन का बहिष्कार कर दिया कि वह ट्रॉफ़ी एशियन क्रिकेट काउंसिल के प्रमुख और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नक़वी से नहीं लेगा.
इसी वजह से यह प्रेज़ेंटेशन समारोह 90 मिनट की देरी से शुरू हुआ.
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आख़िरकार नक़वी ट्रॉफ़ी के साथ वहां से चले गए. उनके इस क़दम पर भारत में कड़ी प्रतिक्रिया देखी गई.
पाकिस्तानी मीडिया ने क्या कहा?
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वहीं पाकिस्तानी मीडिया ने इस घटना को व्यापक रूप से कवर किया है और भारतीय टीम के क़दम को खेल भावना के उलट, राजनीति से प्रेरित और क्रिकेट की भावना का उल्लंघन बताया है.
उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव से जोड़ा है. साथ ही कहा है कि मई में सैन्य संघर्ष के बाद यह दोनों पक्षों के बीच पहली क्रिकेट सिरीज़ है.
कई पत्रकारों और पूर्व खिलाड़ियों ने भारत के क़दम को “अपमानजनक” बताते हुए टीम इंडिया के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार डॉन ने अपनी एक रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस जीत को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जोड़ने का ज़िक्र किया है. अख़बार दावा करता है कि पीएम मोदी ने ‘बिहार चुनाव जैसे छोटे दांव के लिए’ भारत की जीत को एक कार्यक्रम में बदल दिया.
भारत की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर टीम को बधाई दी थी. उन्होंने अपनी पोस्ट में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ज़िक्र किया था.
प्रधानमंत्री ने लिखा था, “खेल के मैदान पर ऑपरेशन सिंदूर. नतीजा वही है – भारत जीतता है. हमारे क्रिकेट खिलाड़ियों को बधाई.”
भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया था.
प्रधानमंत्री के इस पोस्ट पर एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नक़वी ने एक्स पर प्रतिक्रिया दी.
उन्होंने पीएम मोदी के पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा, “अगर युद्ध आपके गर्व का पैमाना है, तो इतिहास पहले ही भारत की पाकिस्तान के हाथों मिली अपमानजनक हार को दर्ज कर चुका है और कोई क्रिकेट मैच उस सच को नहीं बदल सकता. युद्ध को खेल में घसीटना निराशा और खेल भावना का अपमान है.”
ट्रॉफ़ी लेने से इनकार
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सबसे प्रमुख मुद्दा भारतीय टीम का एसीसी प्रमुख मोहसिन नक़वी से एशिया कप ट्रॉफ़ी और पदक लेने से इनकार करना था. नक़वी पीसीबी अध्यक्ष और देश के गृह मंत्री भी हैं.
नक़वी ने भारत को लेकर कहा कि ‘युद्ध को खेल में घसीटा जा रहा है.’ पीटीवी एंकर बीनिश सलीम ने दावा किया कि भारत पाकिस्तान के ख़िलाफ़ ‘सैन्य संघर्ष में हार का ग़ुस्सा क्रिकेट से निकाल रहा है.’
ग़ौरतलब है कि मई महीने में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष में पाकिस्तान ‘जीत’ का दावा करता है जबकि भारत का दावा है कि उसने पाकिस्तान के कई सैन्य अड्डों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया था.
भारत ये भी दावा करता है कि उसने पाकिस्तान में स्थित ‘कई आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया.’
राजनेता रज़ा हारून ने पीटीवी से बात करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के व्यवहार की निंदा की और कहा कि “ऐसा लगता है कि वे खेल को युद्ध और युद्ध को खेल की तरह ले रहे हैं.”
जियो न्यूज़ के एंकर जावेद बलोच ने कहा कि ट्रॉफ़ी लेने से इनकार करने के भारतीय टीम के रवैये की “दुनियाभर में निंदा की जानी चाहिए.”
जियो न्यूज़ ने इसे “बेहद निंदनीय” और एक नई विवादास्पद घटना क़रार दिया, जिसने “आक्रोश को जन्म दिया,” जबकि डॉन ने इसे क्रिकेट में राजनीति घुलने का मामला बताया, जिससे मैच के बाद की औपचारिकताओं में देरी हुई.
एआरवाई न्यूज़ से बात करते हुए एक स्पोर्ट्स रिपोर्टर शोएब जट्ट ने कहा कि भारत ने क्रिकेट में राजनीति को खींचा है और “ग़लत मिसाल कायम की है.”
वहीं पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान राशिद लतीफ़ ने आईसीसी से मांग की है कि भारतीय क्रिकेट टीम को निलंबित किया जाए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आईसीसी में भारत के दबदबे की वजह से शायद ही ऐसी किसी कार्रवाई को अंजाम दिया जाए.
हैंडशेक न करना भी रहा सुर्ख़ियों में
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समाचार कवरेज में बार-बार इस बात पर ध्यान दिलाया गया कि भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तानी कप्तान सलमान आग़ा के साथ टॉस, मैच के बाद और टूर्नामेंट के दौरान हाथ नहीं मिलाया.
विश्लेषकों ने इसे “खेल भावना की कमी” और जानबूझकर तनाव बढ़ाने वाला क़दम बताया है. वो यह मानते हैं कि राजनीति को क्रिकेट से बाहर रखा जाना चाहिए.
खेल पत्रकार मोही शाह ने भारतीय कप्तान के व्यवहार की निंदा की.
इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि राजनीति को खेल के मैदान पर नहीं लाया जाना चाहिए.
भारत ने क्या कहा?
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भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मोहसिन नक़वी से ट्रॉफ़ी न लेने के फ़ैसले को टीम का सामूहिक फ़ैसला बताया.
टीम के इस फ़ैसले के बाद नक़वी ट्रॉफ़ी के साथ वहां से चले गए जिसके बाद इस क़दम पर भारत में कड़ी प्रतिक्रिया देखी गई.
टीम इंडिया के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं देखा कि चैंपियन टीम को ट्रॉफ़ी न दी गई हो.
उन्होंने कहा, “वो भी ऐसी ट्रॉफ़ी, जिसे मेहनत से जीता गया हो. मेरा मानना है कि हम इसके हक़दार थे. मैं और कुछ नहीं कह सकता, मैंने अपनी बात साफ़ कर दी है. अगर आप मुझसे ट्रॉफ़ियों के बारे में पूछते हैं, तो मेरी ट्रॉफ़ियाँ मेरे ड्रेसिंग रूम में हैं. मेरे साथ मौजूद सभी 14 खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ़ ही असली ट्रॉफ़ियाँ हैं.”
जब एक पत्रकार ने पूछा कि मोहसिन नक़वी से ट्रॉफी न लेने का फ़ैसला आधिकारिक था या नहीं, तो सूर्यकुमार यादव ने कहा, “यह फ़ैसला हमने मैदान पर ही किया, हमें किसी ने नहीं बोला ऐसा करने के लिए. आप जब पूरे टूर्नामेंट में इतना अच्छा खेलते हैं और जीत गए, तो ट्रॉफ़ी डिज़र्व करते हैं या नहीं? आप ही बताओ?”
हालाँकि बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, “हमने एसीसी अध्यक्ष से एशिया कप 2025 ट्रॉफ़ी न लेने का फ़ैसला किया है. वे पाकिस्तान के प्रमुख नेताओं में से एक हैं. इसलिए हमने उनसे इसे न लेने का निर्णय लिया. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ट्रॉफी और पदक उनके पास ही रहेंगे. हम आशा करते हैं कि इन्हें जल्द से जल्द भारत को लौटा दिया जाएगा. नवंबर में दुबई में आईसीसी की बैठक है. हम एसीसी अध्यक्ष के ख़िलाफ़ कड़ा विरोध दर्ज कराएँगे.”
पाकिस्तान में क्रिकेट के स्तर को लेकर चिंता
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पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन ख़ालिद महमूद ने कहा कि भारत का यह व्यवहार “क्रिकेट के नियमों का उल्लंघन है” और “क्रिकेट के उच्च मूल्यों और सिद्धांतों” की अनदेखी करता है.
कई पत्रकारों ने टीम के ख़राब प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान में क्रिकेट के स्तर पर भी चिंता जताई.
राजनीतिज्ञ रज़ा हरून ने कहा कि पाकिस्तान में क्रिकेट का “धीरे-धीरे पतन” हो रहा है और फ़ंड की कमी भी है.
उन्होंने इसे “भाई-भतीजावाद और मेरिट को ख़त्म करने की लंबी कहानी भी बताया.”
एआरवाई न्यूज़ के एंकर अशफ़ाक़ इसहाक सत्ती ने कहा कि पूरे पाकिस्तानी राष्ट्र को अपनी टीम से बहुत बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन एशिया कप के दौरान लगातार असफलताओं से निराशा ही हाथ लगी.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.