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भारतीय चुनाव आयोग ने पिछले महीने के अंत में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची (इलेक्टोरल रोल) के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर के दूसरे चरण की घोषणा की थी.
चुनाव आयोग का कहना है कि यह विशेष पुनरीक्षण दोहराए गए नामों को हटाने और मृत मतदाताओं के नाम मिटाने के लिए किया जा रहा है और हर चुनाव से पहले ये किया जाता है.
इसके बाद अब सभी 12 राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और बूथ लेवल ऑफ़िसर (बीएलओ) घर-घर जाकर एसआईआर फ़ॉर्म को वितरित करना शुरू कर चुके हैं.
इसके अलावा भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की ओर से ऑनलाइन अप्लाई करने का भी विकल्प दिया गया है.
एसआईआर प्रक्रिया और फॉर्म भरने को लेकर मतदाताओं के मन में कई तरह की उलझनें हैं.
इसके अलावा, जो मतदाता दूसरे शहर या ज़िले में स्थानांतरित हो गए हैं, उनमें भी कई तरह के सवाल हैं.
यहां एसआईआर प्रक्रिया, इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों और अन्य सवालों के बारे में जानकारी दी गई है.
मतदाता अपने और अपने परिवार के सदस्यों के बारे में चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जानकारियां हासिल कर सकते हैं.
बीएलओ से मिलेगी मदद
चुनाव आयोग के अनुसार, एसआईआर प्रत्येक मतदाता से संपर्क करने के तीन प्रयास करेगा.
बीएलओ द्वारा दिए गए दो फ़ार्म में से एक भरकर वापस करना होगा, जबकि दूसरा आपको अपने पास रखना होगा.
बीएलओ का नाम और मोबाइल नंबर आपको अपने निकाय के पदाधिकारियों से मिल जाएगा.
इसके अलावा, आप वोटर कार्ड नंबर (एपिक नंबर) की मदद से ईसीआईएनईटी ऐप या चुनाव आयोग की वेबसाइट से नाम और नंबर लेकर भी बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं.
चुनाव आयोग ने संबंधित बीएलओ से बात करने के लिए अपने नेट ऐप पर ‘बुक-ए-कॉल’ का फ़ीचर दे रखा है.
इसके अलावा किसी और मदद के लिए अपने एसटीडी कोड के साथ 1905 पर भी कॉल कर सकते हैं.
एसआईआर फ़ॉर्म ऑनलाइन कैसे भरें
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ऑनलाइन एसआईआर फ़ॉर्म भरने के लिए मतदाता को चुनाव आयोग की वोटर सर्विसेज पोर्टल या अपने राज्य के सीईओ पोर्टल पर जाना होगा. ये पोर्टल चार नवंबर से चार दिसंबर तक ओपन रहेगा.
इसमें एन्यूमरेशन फ़ॉर्म 2026 पर क्लिक कर इसमें एपिक नंबर या इससे जुड़े अपने मोबाइल नंबर को भर सकते हैं. इसके बाद इसमें अपने राज्य को सेलेक्ट करें.
इसी के ठीक नीचे पिछले एसआईआर में अपने नाम खोजने का विकल्प है. जहां अपने राज्य, ज़िले का चुनाव करके सीधे अपने बूथ की वोटर लिस्ट डाउनलोड कर सकते हैं.
एपिक नंबर डालने के बाद आप सर्च बटन क्लिक करें. यहां नीचे दिए गए विकल्पों में एक को चुनना होगा-
- पिछले एसआईआर के मतदाता सूची में नाम मौजूद है
- पिछले एसआईआर में माता-पिता, दादा-दादी का नाम मौजूद है या
- ना तो मतदाता का नाम और ना ही माता-पिता का नाम मतदाता सूची में मौजूद है
अगर नाम मौजूद है तो मदताता अपने परिजनों की जानकारियां भर सकते हैं.
अगर पिछले एसआईआर में आपका नाम नहीं है तो अपने माता-पिता और दादा-दादी का नाम ढूंढना होगा और ये जानकारी भरनी होगी.
सावधानी ये बरतने की ज़रूरत है कि पिछले एसआईआर, आधार और एपिक में नाम एक जैसे लिखे हों. अगर नाम बदला है तो ऑफ़लाइन फ़ॉर्म भरना होगा.
और, अगर आपका वोटर आईडी कार्ड है तो आप अपना एपिक नंबर भरें, फ़ॉर्म में अपने आप सारी जानकारी आ जाएगी.
जो नए वोटर हैं या जिनके पास वोटर कार्ड नहीं है, वो न्यू फ़ॉर्म सेलेक्ट करें.
फॉर्म भरने से पहले नाम, उम्र, लिंग और दिए गए पते को चेक कर लें और ज़रूरी हो तो इसमें संशोधन करें.
सफेद बैकग्राउंड में एक पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो अपलोड करना होगा, जिसमें चेहरा स्पष्ट हो. फॉर्म भरने के बाद आप उसी पोर्टल पर अपने एसआईआर फॉर्म के स्टेटस के बारे में जानकारी ट्रैक कर सकते हैं.
कौन से दस्तावेज ज़रूरी?
दूसरे चरण के एसआईआर की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मान्य दस्तावेजों के बारे में भी बताया था.
उनके अनुसार, इस सूची में पहचान पत्र, पेंशन पेमेंट ऑर्डर, पासपोर्ट, बोर्ड/यूनिवर्सिटी डिग्री, आवास प्रमाण पत्र, आधार समेत कई अन्य दस्तावेज शामिल हैं.
हालांकि ज्ञानेश कुमार कहना था कि आधार नागरिकता, डोमिसाइल या जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है, लेकिन एसआईआर में पहचान पत्र के रूप में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
वैध दस्तावेज़-
- सरकारी कर्मचारी के मामले में पहचान पत्र या पेंशन आदेश
- किसी सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन द्वारा जारी पहचान पत्र या दस्तावेज़ (1989 से पहले का)
- सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- स्कूल, विश्वविद्यालय या शैक्षिक प्रमाणपत्र (मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र)
- स्थायी पता प्रमाण पत्र
- वन अधिकार प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (ओबीसी, एससी, एसटी)
- आधार कार्ड
- राज्य सरकार या स्थानीय सरकारी निकाय का परिवार रजिस्टर
- सरकार द्वारा भूमि/भवन के आवंटन का प्रमाण
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहाँ लागू हो)
नाम जोड़ने, हटाने और पता बदलने के लिए क्या करें

अगर मतदाता सूची से नाम हटाने का आवेदन करना चाहते हैं तो वोटर्स सर्विसेज़ पोर्टल पर ही एक सेक्शन फॉर्म-7 का है जहां आप आवेदन कर सकते हैं.
दरअसल यह फ़ॉर्म आपत्ति दर्ज करने के लिए होता है और अगर किसी का नाम ग़लत तरीक़े से जोड़ा या हटाया गया है तो ये फ़ॉर्म भरा जा सकता है.
इसके अलावा नए नाम जोड़ने के लिए बीएलओ से फ़ॉर्म-6 लेकर भरना होगा. इसके बाद नए मतदाता के रूप में पंजीकरण कराया जा सकता है.
एसआईआर प्रक्रिया में, केवल उन्हीं लोगों के नाम मतदाता सूची में दिखाई देंगे जिन्होंने भरा हुआ फ़ॉर्म जमा किया है.
इसलिए, यदि भरा हुआ फ़ॉर्म बीएलओ को जमा नहीं किया जाता है, तो बीएलओ इसके पीछे के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर सकता है, जैसे मतदाता की मृत्यु या नामों का दोहराव.
जिन लोगों के नाम ड्राफ़्ट वोटर लिस्ट में शामिल नहीं हैं, उनकी सूची पंचायत भवन या शहरी स्थानीय निकाय कार्यालय और खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) कार्यालय में नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित की जाएगी.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.