स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर भारत ने सैन्य सम्मानों की घोषणा की। पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर में शामिल सात सैन्य अधिकारियों को सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक दिया गया। वायु सेना के पायलटों जिन्होंने पाकिस्तान में आतंकी ढांचों पर हमले किए और एस-400 प्रणाली का संचालन किया उन्हें भी सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति मुर्मु ने 127 वीरता पुरस्कारों और 40 विशिष्ट सेवा पुरस्कारों को मंजूरी दी।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अपने वार्षिक सैन्य सम्मानों के तहत पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपेरशन सिंदूर की योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने में शामिल वरिष्ठ सात सैन्य अधिकारियों को सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक से नवाजा।
पाकिस्तान में आतंकी ढांचों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल भारतीय वायु सेना के पायलटों के साथ-साथ एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों को संचालित करने वाले पायलटों को भी प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किए गए। इन जांबाजों ने सात से 10 मई के बीच दोनों देशों के बीच हुए संघर्ष के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके चलते पाक को घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ा।
वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती, भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा उन शीर्ष सैन्य अधिकारियों में शामिल हैं जिन्हें सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा।
दक्षिण पश्चिमी वायु कमान और पश्चिमी वायु कमान का नेतृत्व कर रहे क्रमश: एयर मार्शल नागेश कपूर और एयर मार्शल जितेंद्र मिश्रा को भी सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह जिन्होंने पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के रूप में पहलगाम हमले के बाद नौसेना के संसाधनों की तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, को भी इस सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक के लिए नामित किया गया है।
नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती, जिन्होंने पहलगाम हमले के बाद नौसेना की तैनाती रणनीति को अंतिम रूप देने में प्रमुख भूमिका निभाई थी, को उत्तम युद्ध सेवा पदक से नवाजा जाएगा। भारतीय वायु सेना के नौ लड़ाकू पायलटों को प्रतिष्ठित वायु चक्र से सम्मानित किया जाएगा।
चार कीर्ति चक्र, 15 वीर चक्र, 16 शौर्य चक्र दिए जाएंगे
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों के लिए 127 वीरता पुरस्कार और 40 विशिष्ट सेवा पुरस्कारों को मंजूरी दी। इनमें चार कीर्ति चक्र, 15 वीर चक्र, 16 शौर्य चक्र, दो ‘बार टू सेना’ पदक (वीरता), 58 सेना पदक (वीरता), छह नौसेना पदक (वीरता) और 26 वायु सेना पदक (वीरता) शामिल हैं।
पुरस्कारों में नौ उत्तम युद्ध सेवा पदक और 24 युद्ध सेवा पदक भी शामिल हैं। राष्ट्रपति ने 290 ‘मेंशन-इन-डिस्पैच’ को भी मंजूरी दी है, जिनमें से 115 भारतीय सेना से, पांच भारतीय नौसेना से और 167 भारतीय वायु सेना से हैं। ‘मेंशन-इन-डिस्पैच’ एक सम्मान है जो भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों को दिया जाता है, विशेष रूप से उन लोगों को जिन्होंने विशिष्ट वीरता या सराहनीय सेवा का प्रदर्शन किया है।
असम के IPS दंपती को मिलेगा मेडल
असम पुलिस के इतिहास में एक दिलचस्प उपलब्धि दर्ज हो गई है। राज्य के एक आईपीएस दंपती पार्थ सारथी महंत और इंद्राणी बरुआ को राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के लिए गुवाहाटी में स्वतंत्रता दिवस पर प्रतिष्ठित पदक से सम्मानित किया जाएगा।
गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त, 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी पार्थ सारथी महंत को राज्य में पुलिस व्यवस्था में उनके असाधारण नेतृत्व और अटूट योगदान के लिए विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया है। महंत असम पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के प्रमुख भी हैं। पिछले कुछ वर्षों में महंत असम पुलिस के कई सफल अभियानों के पीछे रहे हैं।
भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) से संबद्ध बांग्लादेश स्थित अंसार उल बांग्ला टीम (एबीटी) के उभरते स्लीपर सेल नेटवर्क का भंडाफोड़ करने से लेकर नार्को नेटवर्क को ध्वस्त करने में सफलता तक, श्री महंत ने इन हालिया सफलताओं में अपनी छाप छोड़ी है।
आतंकवादी समूह आईएसआईएस इंडिया के प्रमुख हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारुखी और उसके सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान को इस साल की शुरुआत में बांग्लादेश से सीमा पार करने के बाद असम के धुबरी जिले में गिरफ्तार किया गया था। श्री महंत की टीम ने इस अभियान का नेतृत्व किया था।