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ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) के हॉस्टल में एक नेपाली छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत और उसके बाद नेपाली छात्रों के प्रदर्शन पर नेपाल के मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया हुई है.
इस मामले को लेकर केआईआईटी, भारत स्थित नेपाली दूतावास, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बयान जारी किया है.
ओडिशा पुलिस का कहना है कि भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) के हॉस्टल में रविवार शाम को बी-टेक थर्ड ईयर की छात्रा का शव मिला था.
पुलिस के अनुसार, 16 फ़रवरी की शाम नेपाल की प्रकृति लामसाल ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
नेपाली मीडिया में इस पूरी घटना को लेकर क्या-क्या छपा? डालते हैं एक नज़र.
आत्महत्या एक गंभीर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्या है.
अगर आप भी तनाव से गुजर रहे हैं तो भारत सरकार की जीवन आस्था हेल्पलाइन 1800 233 3330 से मदद ले सकते हैं.
आपको अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी बात करनी चाहिए.
काठमांडू पोस्ट ने क्या लिखा?
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नेपाल के अंग्रेज़ी अख़बार ‘द काठमांडू पोस्ट’‘ ने इस मामले पर कई रिपोर्ट्स प्रकाशित की हैं.
अख़बार ने इस मामले को लेकर नेपाल की संसद में हंगामा होने की जानकारी दी है.
अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, “भारत के भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) में बीटेक की तीसरे वर्ष की नेपाली छात्रा 20 साल की प्रकृति लामसाल की कथित आत्महत्या का मुद्दा मंगलवार को (नेपाल की) संसद में उठाया गया.”
रिपोर्ट में कहा गया है, “नेपाल, भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों से लामसाल के लिए इंसाफ़ की आवाज़ उठाई जा रही है.”
अख़बार ने इस मामले में भुवनेश्वर-कटक के पुलिस कमिश्नरेट के बयान की भी जानकारी दी है.
अख़बार के मुताबिक सीपीएन (माओवादी सेंटर) और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी सहित नेपाल में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के सांसदों ने लामसाल की मौत के मामले को ठीक से न संभाल पाने के लिए सरकार की आलोचना की है. उन्होंने इसे सरकार की ‘कूटनीतिक’ विफलता करार दिया है.
राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के स्वर्णिम वागले ने नेपाल की संसद में कहा, “इस (घटना) पर नज़र रखने की ज़रूरत है.”
नेपाल के विदेश मंत्रालय की देरी से कार्रवाई की आलोचना करते हुए वागले ने कहा, “बयानबाज़ी से ये मुद्दा हल नहीं होने वाला है. जब तक मामला सुलझ नहीं जाता, वहां क्या हो रहा है, इस पर हमें रोज़ाना अपडेट दिए जाने की ज़रूरत है.”
नेपाली छात्रों से कक्षाएं लेने की अपील
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नेपाल के सरकारी टेलीविजन स्टेशन ‘नेपाल टेलीविजन‘ के नेपाल टीवी ऑनलाइन डॉट कॉम ने केआईआईटी के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर सरनजीत सिंह का माफ़ीनामा प्रकाशित किया है.
इस माफ़ीनामे में लिखा गया है, “16 फरवरी 2025 की शाम को हमारे कैंपस में हुई अप्रिय घटना से हम बेहद स्तब्ध हैं. हममें से कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया, उसके लिए भी हमें खेद है. हम अपने छात्रों से प्यार करते हैं और हमने कभी उनका कोई अहित नहीं किया.
इसके अलावा, नेपाली छात्रों से तत्काल प्रभाव से नियमित शिक्षा में शामिल होने की कुलपति की अपील को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है.
कान्तिपुर ने क्या लिखा?
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नेपाल के बड़े अख़बार ‘कान्तिपुर’ में केआईआईटी हुए तनाव के अब शांत होने की रिपोर्ट प्रकाशित की है.
अख़बार लिखता है, “भारतीय राज्य ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) में पैदा हुआ तनाव अब शांत होने लगा है. कॉलेज के संस्थापक से लेकर कुलपति और रजिस्ट्रार की ओर से घटना पर दुःख जताते हुए माफी मांगने के बाद नेपाली छात्रों ने हॉस्टल में लौटना शुरू कर दिया है.”
अख़बार के मुताबिक मंगलवार (18 फरवरी) की शाम तक 60 नेपाली छात्र हॉस्टल में लौट आए हैं.
इसमें बताया गया है, “दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास से ओडिशा पहुंचे नेपाल पुलिस के एसएसपी संजीव शर्मा ने बताया कि हालात सामान्य हैं. मृतका प्रकृति लामसाल के शव का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है. छात्रा के शव को उसके परिजनों के साथ बुधवार (19 फरवरी) को नेपाल भेजने की तैयारी कर ली गई है.”
अपनी एक दूसरी रिपोर्ट में अख़बार ने नेपाल के शिक्षा मंत्रालय की ओर से ज़ारी बयान की जानकारी दी है.
इसमें बताया गया है, “शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता शिवकुमार सापकोटा ने मंगलवार, 18 फ़रवरी को एक बयान जारी कर कहा कि अगर समस्या का न्यायोचित समाधान नहीं किया गया, तो ओडिशा राज्य के विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के लिए दिए जा रहे एनओसी को रोका जा सकता है.”
पूरा मामला क्या है?
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ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) के हॉस्टल में रविवार, 16 फ़रवरी की शाम को बी-टेक थर्ड ईयर की एक नेपाली छात्रा का शव पाया गया था.
पुलिस के मुताबिक नेपाल की प्रकृति लम्साल ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
इस घटना के ख़िलाफ़ कैंपस में नेपाल के छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि छात्रा के बैच का ही एक भारतीय छात्र उसे प्रताड़ित कर रहा था, लेकिन कई शिकायतों के बाद भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की.
नेपाली छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने तनाव बढ़ने पर कथित तौर पर छात्रों को 17 फ़रवरी, 2025 तक कैंपस ख़ाली करने का आदेश दिया था.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया था कि बढ़ते तनाव को देखते हुए यह क़दम उठाया गया. एक अधिकारी ने कहा, “यह फ़ैसला छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और परिसर में शांति बहाल करने के लिए लिया गया था.”
हालांकि, अब केआईआईटी ने छात्रों से कैंपस वापस लौटकर अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने की अपील की है.
कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी ने एक दूसरी पोस्ट में लिखा है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में नेपाली छात्रों को वापस लौटने में सहायता के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जो दिन रात काम करेगा.
छात्रों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.
वहीं केआईआईटी यूनिवर्सिटी ने मंगलवार, 18 फ़रवरी को जानकारी दी कि उसने दो सुरक्षा कर्मियों को निष्कासित कर दिया है. साथ ही, हॉस्टल के दो वरिष्ठ कर्मियों और इंटरनेशनल रिलेशंस ऑफ़िस के एक सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफ़िसर को जांच होने तक निलंबित कर दिया है.
पुलिस ने क्या बताया?
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भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त सुरेश देव दत्ता सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “हमें सूचना मिली थी कि एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली है. शुरुआती जांच में यह सामने आया कि उन्हें विश्वविद्यालय के ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष में पढ़ने वाले एक छात्र द्वारा परेशान किया जा रहा था.”
पुलिस के अनुसार, पीड़ित छात्रा के रिश्तेदारों ने शिकायत दर्ज कराई है और आरोप लगाया है कि अभियुक्त पीड़ित छात्रा को ब्लैकमेल कर रहा था, जिसकी वजह से उसने यह क़दम उठाया.
पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. साथ ही मृतक छात्रा का मोबाइल और अन्य वस्तुएं ज़ब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजी गई हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित