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कक्षा 3 का बच्चा नहीं सुना पाया हिंदी कविता, टीचर ने की पिटाई- कहा स्कूल में घुसने नहीं देंगे; अब यह एक्शन हुआ

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Feb 24, 2025


तमिलनाडु में हिंदी कविता नहीं सुनाने पर एक छात्र की पिटाई का मामला सामने आया है। मामला प्रकाश में आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने हिंदी टीचर को निलंबित कर दिया है। घटना चेन्नई के किलपौक स्थित एक निजी स्कूल की है। पीड़ित छात्र कक्षा तीन में पढ़ता है। उधर निजी स्कूलों के निदेशक एम पलानीसामी ने कहा कि उन्होंने अभी तक मामले की जांच नहीं की है।

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु में हिंदी कविता नहीं सुनाने पर एक छात्र की पिटाई का मामला सामने आया है। मामला प्रकाश में आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने हिंदी टीचर को निलंबित कर दिया है। घटना चेन्नई के किलपौक स्थित एक निजी स्कूल की है।

पीड़ित छात्र कक्षा तीन में पढ़ता है। उधर, निजी स्कूलों के निदेशक एम पलानीसामी ने कहा कि उन्होंने अभी तक मामले की जांच नहीं की है। स्कूल प्रबंधन से बात करेंगे सोमवार को एक रिपोर्ट जारी करेंगे।

शिकायत के बाद लिया गया एक्शन

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक छात्र के माता-पिता ने स्कूल प्रबंधन से टीचर के खिलाफ लिखित में शिकायत की थी। टीचर ने उसे स्कूल में घुसने नहीं देने की धमकी भी दी थी। शिकायत के बाद स्कूल प्रबंधन ने टीचर के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया।

कुछ दिन पुरानी है घटना

माता-पिता के मुताबिक घटना कुछ दिन पुरानी है। पिटाई वाले दिन छात्र बेहद परेशान था। बता दें कि चेन्नई के किलपौक स्थित इस स्कूल में तमिल, अंग्रेजी और हिंदी भाषा पढ़ाई जाती है। मगर बच्चा हिंदी कविता सुना नहीं पाया। इसके बाद टीचर ने उसकी पिटाई कर दी।

स्कूल में बच्चों को पीटना अपराध

अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2009 की धारा 17(1) स्कूलों में बच्चों पर शारीरिक दंड और मानसिक उत्पीड़न को प्रतिबंधित करता है। धारा 17(2) के तहत यह दंडनीय अपराध है। उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। सीबीएसई भी छात्रों पर शिक्षकों की हिंसा के खिलाफ सख्त रुख अपनाता है।

बच्चों के साथ ऐसी क्रूरता नहीं कर सकते शिक्षक

भारत में बच्चों पर शारीरिक दंड की कोई वैधानिक परिभाषा तय नहीं है। आरटीई अधिनियम- 2009 के प्रावधानों के मुताबिक इसे शारीरिक, मानसिक उत्पीड़न और भेदभाव के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। स्कूल में बच्चे को मारना, लात मारना, खरोंचना, चुटकी काटना, बाल खींचना, कान पर मुक्का मारना, थप्पड़ मारना, बेंत से पीटना, छड़ी से पीटना, जूता, चाक, डस्टर, बेल्ट, चाबुक या किसी अन्य तरह से पीटना अपराध है।
बच्चों को असहज स्थिति में लाना जैसे बेंच पर खड़ा करना, कुर्सी बनाना, दीवार के सहारे खड़ा करना, सिर पर स्कूल बैग रखकर खड़ा करना, पैरों से कान पकड़ना, घुटने टेकाना अपराध है। शिक्षक बच्चे को कक्षा, पुस्तकालय, शौचालय या स्कूल में किसी भी जगह बंद नहीं कर सकता है।
सोर्स: सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइटhttps://saras.cbse.gov.in/cbsedoc/2015-16Circular/Circular/CIRCULAR26.pdf

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