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‘कमजोर रहकर सुनिश्चित नहीं की जा सकती शांति’, रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में और क्या बोले राजनाथ सिंह?

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Feb 12, 2025


एयरो इंडिया 2025 में रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्चस्व की लड़ाई हथियार निर्माण के नए तरीके एवं साधन विघटनकारी प्रौद्योगिकियों ने विश्व व्यवस्था को और अधिक नाजुक बना दिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत की भागीदारी सभी के लिए सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है।

पीटीआई, बेंगलुरु। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत का स्पष्ट तौर पर मानना है कि कमजोर रहकर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और शांति सुनिश्चित नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि उभरते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में नवीन दृष्टिकोण और मजबूत साझेदारी की आवश्यकता है। आतंकवाद, साइबर अपराध, जलवायु-प्रेरित आपदाओं से सभी को साथ मिलकर लड़ना होगा।

दरअसल, एयरो इंडिया 2025 में रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्चस्व की लड़ाई, हथियार निर्माण के नए तरीके एवं साधन, विघटनकारी प्रौद्योगिकियों ने विश्व व्यवस्था को और अधिक नाजुक बना दिया है।

सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा में कम हो रहा अंतर

उन्होंने कहा कि संघर्षों की बढ़ती संख्या हमारी दुनिया को अप्रत्याशित जगह बना रही है। सीमाओं की सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा के बीच का अंतर कम होता जा रहा है, क्योंकि ‘हाइब्रिड’ युद्ध शांति काल में भी राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे को निशाना बना सकता है।

क्या होता है हाइब्रिड युद्ध?

‘हाइब्रिड’ युद्ध में किसी विरोधी देश की सरकार को अस्थिर करने और कमजोर करने के लिए कूटनीति, राजनीति, मीडिया, साइबरस्पेस और सैन्य बल का प्रयोग किया जाता है। वैश्विक मंच पर भारत की भागीदारी सभी के लिए सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद, साइबर अपराध, मानवीय संकट और जलवायु-प्रेरित आपदाएं जैसी चुनौतियां सीमाओं को पार करती हैं। इन चुनौतियों से एकजुट होकर निपटना होगा।

भारत के व्हीकल-माउंटेड काउंटर-ड्रोन सिस्टम का अनावरण

अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने डीआरडीओ के सहयोग से भारत के व्हीकल-माउंटेड काउंटर-ड्रोन सिस्टम का अनावरण किया। यह अत्याधुनिक प्रणाली उभरते हवाई खतरों के खिलाफ भारत की रक्षा तैयारियों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम है। आधुनिक युद्ध में टोही और आक्रामक अभियानों के लिए ड्रोन के बढ़ते उपयोग के कारण मजबूत एंटी-ड्रोन सिस्टम की की आवश्यकता अनिवार्य हो गई है।
इस ड्रोन को सिंगल 4म4 व्हीकल के साथ एकीकृत किया गया है। इसमें किसी ड्रोन को मार गिराने के लिए हाई-एनर्जी लेजर सिस्टम लगा हुआ है। इसमें 7.62 एमएम गन और एडवांस रडार है। यह 10 किलोमीटर की रेंज में टारगेट को हिट कर सकता है।

करोड़ों रुपये के ऑर्डर बुक पर एचएएल की नजर

  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने घोषणा की कि उसके पास 1.2 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर बुक हैं। आने वाले वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये का और ऑर्डर मिलने वाला है। जिससे कुल ऑर्डर बुक 2.2 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी, जिसे 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
  • एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डीके सुनील ने कहा कि एचएएल अनुसंधान और विकास पर सालाना 2,500 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।
  • दो प्रमुख अनुबंधों के बारे में जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि इनमें 97 हल्के लड़ाकू विमान (तेजस) और 156 हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर (प्रचंड) के आर्डर शामिल हैं।
  • उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले पांच से छह महीनों के भीतर इन्हें अंतिम रूप दे दिया जाएगा। कंपनी सुखोई विमान के लिए 240 इंजन का निर्माण कर रही है।

उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए और क्या किया? 

कंपनी ने उत्पादन क्षमता बढ़ाने और अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए टाटा और एलएंडटी सहित निजी कंपनियों के साथ सहयोग किया है। घरेलू ऑर्डर के अलावा, निर्यात के अवसर भी तलाशी जा रही है। डोर्नियर विमान के लिए फिलीपींस के साथ चर्चा जारी है।
गुयाना पहले को एचएएल ने दो डोर्नियर विमानों की आपूर्ति की है। नाइजीरिया, मोरक्को और मिस्त्र में बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि एडवांस्ड मीडियम काम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) का डिजाइन लगभग पूरा हो चुका है। हमें 2028 की शुरुआत में पहली उड़ान की उम्मीद है। उत्पादन 2034 तक शुरू होने की उम्मीद है।यह भी पढ़ें: ‘बजट में कोई पक्षपात नहीं किया गया’, विरोधी पार्टी के किन-किन आरोपों पर सीतारमण ने दिया करारा जवाब?

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