शिवराज, हिमंता और बाबूलाल को मिली पूरी छूट
कम वोट से हार-जीत वाले विधानसभा क्षेत्रों में रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी बीजेपी के झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा को सौंपी गई है। वहीं इस बार के चुनाव में बाबूलाल मरांडी को भी पूरी छूट दी गई है, ताकि इन सीटों पर पिछली बार मिली हार को इस बार जीत में बदला जा सके।
2019 में कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों पर विशेष ध्यान
भारतीय जनता पार्टी 2019 विधानसभा चुनाव में हारी सीटों को जीत में बदलने के लिए काम कर रही है। इस सीटों पर जीत हासिल करना पार्टी का लक्ष्य है। क्योंकि इस सीटों पर अगर भाजपा जीतती है तो भाजपा को सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता है। खासकर नाला, जामा, जरमुंडी, कोडरमा, गोड्डा, मांडू, बाघमारा, सिमडेगा और देवघर सीट पर बीजेपी का विशेष ध्यान है।
9 सीटों पर हार-जीत का अंतर काफी कम रहा
इन नौ सीटों में पिछली बार भी बीजेपी ने कोडरमा, गोड्डा, मांडू, बाघमारा और देवघर में जीत हासिल की थी। जबकि कोडरमा, गोड्डा, देवघर में गठबंधन की राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे। वही बाघमारा में कांग्रेस और मांडू में आजसू पार्टी के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे। नाला और जामा में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जबकि जरमुंडी और सिमडेगा में कांग्रेस को जीत मिली थी। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी दूसरे स्थान पर इन सीटों पर रहे थे।
सिमडेगा में सबसे कम वोट से बीजेपी प्रत्याशी की हार हुई
सबसे कम वोट का अंतर सिमडेगा सीट पर था। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी उम्मीदवार को सिर्फ 285 वोटों से पराजित किया। जबकि बाघमारा में 824 वोट से का अंतर रहा था। जामा में 2426 वोट से झामुमो ने भाजपा को हराया, जरमुंडी में 3099 वोट से भाजपा हारी, नाल में 3520 वोट से हारी। ऐसे में पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार किसी भी तरह की चूक न हो। इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और पिछले विधानसभा चुनाव के वोटो के जोड़ घटाव की गणित भी जारी है।
खिजरी, घाटशिला, गुमला और गांडेय में भी कम मार्जिन रहा
इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी खिजरी, घाटशिला, गुमला और गांडेय विधानसभा सीट पर भी कम वोटो से हारी थी। ऐसे में इस हार के मार्जिन को खत्म करने के लिए भाजपा एड़ी चोटी के जोर लगा रही है।
26 आदिवासी सीटों को हासिल करने के लिए खास प्लान
वर्ष 2019 के चुनाव में आदिवासियों के लिए आरक्षित 28 में से 26 सीटों पर बीजेपी चुनाव हार गई। इन 26 सीटों पर जीत हासिल करने पर इस बार बीजेपी का विशेष फोकस है। आदिवासियों के लिए आरक्षित जिन सीटों पर बीजेपी को हार मिली थी, उनमें मनोहरपुर, मझगांव, चक्रधरपुर, सरायकेला, खरसावां, जगन्नाथपुर, घाटशिला, सिमडेगा, कोलेबिरा ,गुमला, बिशुनपुर, सिसई, लोहरदगा,खिजरी, चाईबासा, पोटका, मांडर, मनिका, तमाड़, बरहेट, महेशपुर,लिट्टीपाड़ा, दुमका, जामा, शिकारीपाड़ा और बोरियो शामिल है।
पिछली बार आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों में बीजेपी को सिर्फ दो सीट खूंटी और तोरपा में जीत मिली थी। इस बीजेपी ने आदिवासियों के लिए आरक्षित दो सीटें मनोहरपुर और लोहरदगा सीट सहयोगी दल आजसू पार्टी छोड़ी है।