डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के करूर में भगदड़ (Karur Stampede Case)के बाद तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) पार्टी के प्रधान सचिव आधव अर्जुन ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनावई के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। आधव ने अपनी याचिका में उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद करने की मांग की थी।
दरअसल करूर भगदड़ के बाद आधव ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर किया था, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया। वहीं, आधव की इस पोस्ट पर सख्त रुख अपनाते हुए तमिलनाडु सरकार ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
किसने दर्ज की FIR?
आधव ने अपनी पोस्ट में तमिलनाडु सरकार के खिलाफ जेन-जी आंदोलन होने की आशंका जताई थी। उनकी इस पोस्ट पर एक्शन लेते हुए चेन्नई साइबर क्राइम पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। उनपर हिंसा भड़काने, राष्ट्रीय अंखडता को हानि पहुंचाने और झूठी जानकारी फैलाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

मद्रास हाईकोर्ट पहुंचे TVK नेता
FIR दर्ज होने के बाद आधव अर्जुन ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि यह शिकायत राजनीतिक कारणों से प्रेरित है। उन्होंने अपनी पोस्ट में किसी भी जाति, धर्म या समुदाय का जिक्र नहीं किया था। वहीं, पोस्ट को आधे घंटे में ही डिलीट कर दिया गया और इसे हटाने के 18 घंटे बाद उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
वहीं, चेन्नई साइबर पुलिस का कहना है कि पोस्ट डिलीट करने से पहले लगभग 1 लाख से ज्यादा लोग इसे पढ़ चुके थे। पुलिस को ऐसे बयानों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। मामले की सुनवाई के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि करूर भगदड़ के बाद 27 सितंबर को आधव ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए तमिलनाडु सरकार को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर सरकार जनता का गुस्सा झेलने में नाकामयाब रही तो तमिलनाडु में भी श्रीलंका और नेपाल की तरह जेन-जी आंदोलन हो सकता है।