कांग्रेस के चुनावी वादों पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को निशाना साधते हुए कहा कि सबसे पुरानी पार्टी जनता के सामने ‘बेनकाब’ हो गई है.
उन्होंने कहा, “कांग्रेस को बुरी तरीक़े से अहसास हो रहा है कि अवास्तविक वादे करना आसान है लेकिन उन्हें ठीक से लागू करना मुश्किल या नामुमकिन है.”
इसके बाद कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई और खुद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए हैं.
दरअसल, गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक में पांच गारंटियों को लागू करने पर “संदेह” जताने के लिए राज्य के कांग्रेस प्रमुख और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी.
कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने पांच गारंटियों का वादा किया था और जब सरकार बनी उसे लागू किया गया. ‘शक्ति’ गारंटी के तहत महिलाओं को फ़्री बस सेवा की सुविधा प्रदान की जाती है.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने बुधवार को एक मीटिंग में कहा था कि उनको उन महिलाओं के कई मैसेज और मेल मिले थे जिन्होंने उन्हें बताया था कि वे बस में यात्रा करने के लिए पैसे दे सकती हैं लेकिन बस के कंडक्टर उनसे पैसे लेने के लिए मना कर रहे थे.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स अकांउट पर कांग्रेस के चुनावी वादों को लेकर कई पोस्ट्स किए और लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा.
कर्नाटक में कांग्रेस के बीच उठे मतभेद पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाए, “कर्नाटक में कांग्रेस विकास की चिंता करने की बजाय आंतरिक राजनीति और लूट में व्यस्त है. यही नहीं वे मौजूदा स्कीमों को वापस लेने जा रही है.”
उन्होंने लिखा है, “अब कांग्रेस पार्टी को बुरी तरीके से यह एहसास हो रहा है कि अवास्तविक वादे करना आसान है, लेकिन उन्हें ठीक से लागू करना मुश्किल या नामुमकिन है. वे लोगों से लगातार चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे वादे करते हैं, जो उन्हें भी पता है कि वे कभी भी पूरा नहीं कर पाएंगे. अब वे लोगों के सामने बुरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं.”
हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है और पार्टी ने वहां चुनाव के दौरान जिन गारंटियों के वादे किए थे, उस पर भी पीएम मोदी ने निशाना साधा.
उन्होंने लिखा, “देश के लोगों को झूठे वादे करने की कांग्रेस की संस्कृति से सावधान रहना चाहिए.”
अपनी पोस्ट में उन्होंने हाल ही में सम्पन्न हुए हरियाणा चुनावों का भी ज़िक्र किया और लिखा, “हमने हाल ही में देखा कि किस तरह हरियाणा के लोगों ने उनके झूठ को ठुकरा दिया और ऐसी सरकार को चुना जो स्थिर है और विकास केंद्रित और एक्शन में विश्वास रखने वाली है.”
पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों के वेतन को लेकर हुई रुकावटों पर भी उन्होंने तंज़ कसा.
उन्होंने लिखा, “हिमाचल प्रदेश में, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी समय पर नहीं दी जा रही है. तेलंगाना में, किसान कर्ज़ माफ़ी का इंतज़ार कर रहे हैं, जिसका कांग्रेस ने वादा किया था.”
कर्नाटक के सीएम का पलटवार
पीएम मोदी के पोस्ट पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी एक जवाबी पोस्ट करते हुए कहा कि पीएम मोदी को कांग्रेस पर अंगुली उठाने से पहले बीजेपी की कर्नाटक में अपनी भयावह विरासत पर ग़ौर करना चाहिए.
अपने एक्स हैंडल पर सीएम सिद्धारमैया ने लिखा, “52,000 करोड़ रुपये की लागत से पांच गारंटियों को लागू किया जा रहा है और इसके अलावा कर्नाटक के भविष्य के निर्माण के लिए 52,903 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी का प्रावधान है.”
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कर्नाटक में 40% कमिशन का भ्रष्टाचार छोड़ा था.
सीएम सिद्धारमैया ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा, “आपके कार्यकाल में भारत के कर्ज़ के 2025 तक 185.27 ट्रिलियन रुपये बढ़ने का अनुमान है जो कि कुल जीडीपी का 56.8% है. यह केवल बुरा गवर्नेंस ही नहीं है बल्कि हर भारतीय की पीठ पर बोझ है.”
“और क्या विडंबना है कि कर्नाटक केंद्रीय खजाने में अच्छा ख़ासा योगदान देता है लेकिन उसके जायज़ हिस्से को भी आपकी सरकार नहीं दे रही है. कर्नाटक जो केंद्र को एक रुपया देता है उसे बदले में 13 पैसे वापस मिलते हैं. यह सहयोगी संघीय ढांचा नहीं बल्कि सीधे सीधे शोषण है.”
कांग्रेस का जवाब
पीएम मोदी के ट्वीट पर कांग्रेस ने भी पटलवार किया है. झारखंड के कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने उन पर ‘झूठ’ बोलने का आरोप लगाया.
ठाकुर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “कर्नाटक में जो हमने वादा किया उसे पूरा करने का काम किया है. प्रधानमंत्री अपने बारे में तो बात करते नहीं हैं. उन्होंने दो करोड़ रोज़गार देने, खाते में 15-15 लाख रुपए देने के अलावा बहुत कुछ कहा था. वो अपने बारे में भी ट्वीट कर देते कि कितनी नौकरियां दी हैं तो लगता कि मुद्दों पर लड़ाई हो रही है.”
तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री भट्टी विक्रामारका मल्लू ने कहा, “कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जो चुनाव के समय किए वादे पूरा कर सकती है. तेलंगाना में हमने महिलाओं के मुफ़्त यात्रा का वायदा किया था, मैं हर महीने आरटीसी को 400 करोड़ रुपये देते हैं. 500 रुपये गैस सिलेंडर का वादा पूरा हुआ. 200 यूनिट मुफ़्त बिजली के वायदे को लागू करने पर पहले ही काम शुरू हो चुका है.”
कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर कर्नाटक में अपने कामों का एक वीडियो जारी करते हुए लिखा है, “युवाओं का हौसला बन रही कर्नाटक की कांग्रेस सरकार.”
एक दूसरे ट्वीट में कांग्रेस ने एक और वीडियो जारी करते हुए लिखा, “कांग्रेस है तो खुशहाली है, कांग्रेस है तो भरोसा है.”
खड़गे और डीके शिवकुमार की तक़रार क्या थी?
बेंगलुरु में बीबीसी के सहयोगी पत्रकार इमरान क़ुरैशी के अनुसार, गुरुवार की सुबह इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए खड़गे अचानक पार्टी कार्यालय पहुंचे. वहां उनके बायें तरफ शिवकुमार बैठे थे. तभी खड़गे उनकी तरफ देखते हैं और कहते हैं, “आज आपने ऐसा कहा कि आप गारंटी को लागू नहीं करेंगे.”
इस बात पर शिवकुमार कहते हैं, “हम इस पर चर्चा करेंगे, ऐसी महिलाओं की संख्या यहां 5 से 10 फ़ीसदी ही है, देखा जाएगा.”
तभी खड़गे के दाईं ओर बैठे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘नहीं..नहीं.’
इस पर खड़गे ने कहा, “आप अख़बार नहीं पढ़ते हैं, हम पढ़ते हैं.. खैर जाने दीजिए.”
सिद्धारमैया ने फिर से हस्तक्षेप करते हुए कहा, “उन्होंने जो कहा, हम उस पर विचार करेंगे.”
तभी मुस्कुराते हुए खड़गे ने कहा कि ‘आपने लोगों के मन में संदेह पैदा कर दिया है. इससे दूसरों (विपक्ष) को मदद मिलेगी.’
खड़गे ने कहा, “5 या 6 फीसदी मत कहिए.. आपके पास गारंटी देने के लिए बचत है. अगर आप ऐसा नहीं कर सकते और बजट के बाहर से पैसे लेते हैं, तो आपकी वित्तीय स्थिति चरमरा जाएगी. इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा. इस बारे में बात क्यों करें.”
खड़गे ने कहा, “महाराष्ट्र में घोषणा करने से पहले राहुल गांधी ने साफ कर दिया था कि बजट में इसकी क्षमता है या नहीं. देरी से किए गए अध्ययन के बाद ही हमने नागपुर, मुंबई और अन्य जगहों पर इसकी घोषणा की.”
इस दौरान शिवकुमार पूरे समय मुस्कुराते रहे. बाद में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मीडिया और विपक्ष ने उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया है.
शिवकुमार कहते हैं, “इसमें कोई संदेह नहीं है. यह मीडिया और विपक्ष है जो इसमें भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने बस इतना कहा कि मुझे नौकरीपेशा महिलाओं से संदेश और मेल मिले हैं. उन महिलाओं ने बताया कि उन्हें परिवहन भत्ता मिलता है और वह बस के किराए का खर्चा उठा सकती हैं, वो किराया देकर यात्रा करने को तैयार थे.”
उन्होंने कहा, “जब वो कह रही हैं कि वह टिकटों के लिए पैसे देने के लिए तैयार हैं तो हम उन्हें क्यों रोकें? महिला के लिए मुफ्त यात्रा एक गारंटी थी जिसकी घोषणा राहुल गांधी और मैंने मंगलुरु में की थी. पांच गारंटियों में से किसी को भी हटाने का कोई सवाल ही नहीं है.”
इन गारंटी से राज्य के ख़ज़ाने पर 57,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है. सत्ताधारी दल के कई विधायकों ने सरकार से कहा है कि इन गारंटियों पर खर्च उनके निर्वाचन क्षेत्रों के विकास फंड को कम कर रहा है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित