खरीफ की खेती शुरू होने से पहले सरकार ने किसानों के पक्ष में बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को वर्ष 2025-26 के खरीफ सत्र के लिए 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की गई। सामान्य किस्म के धान के एमएसपी को 69 रुपये बढ़ाकर 2369 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खरीफ की खेती शुरू होने से पहले सरकार ने किसानों के पक्ष में बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को वर्ष 2025-26 के खरीफ सत्र के लिए 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की गई। सामान्य किस्म के धान के एमएसपी को 69 रुपये बढ़ाकर 2,369 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
धान का एमएसपी 2,389 रुपये क्विंटल होगा
‘ए ग्रेड’ धान का एमएसपी 2,389 रुपये क्विंटल होगा। अन्य फसलों में मूंग, उड़द, कपास, मूंगफली, सूरजमुखी, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, अरहर, सोयाबीन (पीला), तिल एवं रामतिल शामिल हैं। इन सभी फसलों का एमएसपी खेती में आने वाली लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक रखा गया है।
अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को दी जानकारी
सरकार के इस फैसले से किसानों का उत्साह बढ़ेगा और वे उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे। कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को बताया कि दलहन-तिलहन के एमएसपी में नौ प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है।
देश में सबसे ज्यादा मांग अरहर (तुअर) दाल की है
देश में दालों की भारी कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसके अधिक से अधिक उत्पादन के लिए किसानों को प्रेरित करने की योजना के तहत यह फैसला लिया है। देश में सबसे ज्यादा मांग अरहर (तुअर) दाल की है। घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रति वर्ष लाखों टन अरहर दाल का आयात करना पड़ता है।
उत्पादन बढ़ाने के लिए अरहर के एमएसपी में 450 रुपये की वृद्धि करते हुए इसे 8,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इससे घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। वैसे भी सरकार ने दलहन में आत्मनिर्भर बनने के लिए अभियान भी चला रखा है।
सरकार ने तिलहनों के एमएसपी में भी बड़ी वृद्धि की
सरकार ने तिलहनों के एमएसपी में भी बड़ी वृद्धि की है। रामतिल का एमएसएपी 820 रुपये बढ़ाकर 9,537 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वैष्णव ने बताया कि सरकार का जोर पोषण वाली फसलों पर भी है।
‘श्रीअन्न’ की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा
हाल के वर्षों में दलहन, तिलहन और पोषणयुक्त ‘श्रीअन्न’ की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इनके एमएसपी में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। बाजरे की खेती पर आने वाली लागत पर 63 प्रतिशत एवं मक्का और अरहर पर 59 प्रतिशत बढ़ाकर किसानों को भुगतान किया जाएगा।
किसान क्रेडिट कार्ड पर जारी रहेगी ब्याज छूट
छोटे एवं सीमांत किसानों को बड़ी राहत देते हुए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) पर ब्याज छूट योजना को जारी रखने का निर्णय लिया गया है। यानी समय पर भुगतान करने वाले किसानों को सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज पर तीन लाख रुपये तक का लोन मिलता रहेगा। इससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होने के साथ-साथ उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
ग्रामीण ऋण प्रणाली को सशक्त बनाने पर जोर
वैष्णव ने बताया कि इस निर्णय से किसानों की आय बढ़ाने, ग्रामीण ऋण प्रणाली को सशक्त बनाने के साथ ही कृषि विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। कृषि कार्य के लिए केसीसी पर तीन लाख रुपये तक कर्ज लेने पर सात प्रतिशत ब्याज का प्रविधान है। समय पर भुगतान करने पर तीन प्रतिशत की छूट किसानों को सीधे दी जाती है, जिससे प्रभावी ब्याज दर सिर्फ चार प्रतिशत रह जाती है। पशुपालन एवं मत्स्य पालन के लिए ऋणों पर यह लाभ दो लाख रुपये तक पर लागू होगा।
किस फसल का कितना एमएसपी बढ़ा
फसल
नया एमएसपी
वृद्धि
लागत पर लाभ
धान (सामान्य)
2,369
69
50 फीसदी
ज्वार (हाइब्रिड)
3,699
328
50 फीसदी
बाजरा
2,775
150
63 फीसदी
रागी
4,886
596
50 फीसदी
मक्का
2,400
175
59 फीसदी
तूर
8,000
450
59 फीसदी
उड़द
7,800
400
53 फीसदी
मूंग
8,768
86
50 फीसदी
मूंगफली
7,263
480
50 फीसदी
सोयाबीन (पीला)
5,328
436
50 फीसदी
सूरजमुखी
7,721
441
50 फीसदी
तिल
9,846
579
50 फीसदी
रामतिल
9,537
820
50 फीसदी
कपास (मध्यम रेशा)
7,710
589
50 फीसदी
(एमएसपी प्रति क्विंटल रुपये में)
‘श्रीअन्न’ की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा
हाल के वर्षों में दलहन, तिलहन और पोषणयुक्त ‘श्रीअन्न’ की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इनके एमएसपी में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। बाजरे की खेती पर आने वाली लागत पर 63 प्रतिशत एवं मक्का और अरहर पर 59 प्रतिशत बढ़ाकर किसानों को भुगतान किया जाएगा।
किसान क्रेडिट कार्ड पर जारी रहेगी ब्याज छूट
छोटे एवं सीमांत किसानों को बड़ी राहत देते हुए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) पर ब्याज छूट योजना को जारी रखने का निर्णय लिया गया है। यानी समय पर भुगतान करने वाले किसानों को सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज पर तीन लाख रुपये तक का लोन मिलता रहेगा। इससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होने के साथ-साथ उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
ग्रामीण ऋण प्रणाली को सशक्त बनाने पर जोर
वैष्णव ने बताया कि इस निर्णय से किसानों की आय बढ़ाने, ग्रामीण ऋण प्रणाली को सशक्त बनाने के साथ ही कृषि विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। कृषि कार्य के लिए केसीसी पर तीन लाख रुपये तक कर्ज लेने पर सात प्रतिशत ब्याज का प्रविधान है। समय पर भुगतान करने पर तीन प्रतिशत की छूट किसानों को सीधे दी जाती है, जिससे प्रभावी ब्याज दर सिर्फ चार प्रतिशत रह जाती है। पशुपालन एवं मत्स्य पालन के लिए ऋणों पर यह लाभ दो लाख रुपये तक पर लागू होगा।
किस फसल का कितना एमएसपी बढ़ा
फसल | नया एमएसपी | वृद्धि | लागत पर लाभ |
धान (सामान्य) | 2,369 | 69 | 50 फीसदी |
ज्वार (हाइब्रिड) | 3,699 | 328 | 50 फीसदी |
बाजरा | 2,775 | 150 | 63 फीसदी |
रागी | 4,886 | 596 | 50 फीसदी |
मक्का | 2,400 | 175 | 59 फीसदी |
तूर | 8,000 | 450 | 59 फीसदी |
उड़द | 7,800 | 400 | 53 फीसदी |
मूंग | 8,768 | 86 | 50 फीसदी |
मूंगफली | 7,263 | 480 | 50 फीसदी |
सोयाबीन (पीला) | 5,328 | 436 | 50 फीसदी |
सूरजमुखी | 7,721 | 441 | 50 फीसदी |
तिल | 9,846 | 579 | 50 फीसदी |
रामतिल | 9,537 | 820 | 50 फीसदी |
कपास (मध्यम रेशा) | 7,710 | 589 | 50 फीसदी |
(एमएसपी प्रति क्विंटल रुपये में)