पंजाब पुलिस ने एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत कई अन्य मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे किसानों के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर को हिरासत में ले लिया है.
उनके साथ इस आंदोलन के कई और अहम नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है. डल्लेवाल किसानों की मांग को लेकर पिछले साल नवंबर से ही भूख हड़ताल कर रहे थे.
इसके साथ ही पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर में कार्रवाई की है. बीबीसी संवाददाता सरबजीत धालीवाल ने बताया कि पुलिस ने बुधवार को दोनों जगहों पर किसानों की ट्रैक्टर ट्रॉलियों को हटा दिया है. इसके साथ ही हाईवे खुलवाने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है. किसानों के अस्थायी टेंटों को भी हटा दिया गया है.
दरअसल, बुधवार को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच सातवें दौर की बातचीत हुई. बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपभोक्क्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए. पंजाब सरकार की ओर से वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कृषि गुरमीत सिंह खुड्डियां बैठक में उपस्थित रहे.
चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक के बाद जैसे ही किसान नेता अपने वाहनों में चंडीगढ़ से निकलकर मोहाली में दाखिल हुए, पंजाब पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
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संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) के नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने भी किसानों को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की है.
पुलिस ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की गाड़ी को रोकने की कोशिश की और फिर उन्हें हिरासत में ले लिया.
पुलिस ने एम्बुलेंस के ड्राइवर को उतार दिया और पुलिसकर्मी खुद गाड़ी चलाकर उन्हें ले गया.
किसानों को हिरासत में लेते समय पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हाथापाई भी हुई. इसमें कई किसानों के घायल होने की ख़बर है.
इससे पहले, पंजाब और हरियाणा की खनौरी और शंभू सीमाओं से कुछ ही दूरी पर पंजाब पुलिस को भारी संख्या में तैनात किया गया था. बड़ी संख्या में बसें और वाहन लाए गए थे.
‘पंजाब सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया’
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इमेज कैप्शन, किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने के वक़्त पुलिस से उनकी हाथापाई हुई
भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किए गए एक वीडियो में हिरासत में लिए गए किसान नेताओं में से एक को ये कहते हुए दिखाया गया है, “पंजाब की भगवंत मान सरकार ने केंद्र सरकार के इशारे पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को धोखे से हिरासत में लिया है.”
चंडीगढ़ में बैठक के बाद किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने पंजाब के लोगों से बड़ी संख्या में ‘मोर्चों’ पर पहुंचने की अपील की.
कोटड़ा ने कहा कि किसान किसी भी हालत में मोर्चे खाली नहीं करेंगे, लेकिन किसान नेताओं की नजरबंदी के बाद मोर्चे नेतृत्वविहीन हो गए हैं और पटियाला व संगरूर से लेकर शंभू बॉर्डर व खनौरी बॉर्डर पर भारी पुलिस तैनाती संभावित कार्रवाई की ओर इशारा कर रही है.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने कहा, “पंजाब सरकार ने किसान नेताओं की पीठ में छुरा घोंपा, उन्हें बैठक में बुलाकर हिरासत में ले लिया.”
एसकेएम गैर-राजनीतिक नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने हिरासत में लिए गए किसानों के नाम साझा किए हैं.
नवजोत कौर ने बीबीसी पंजाबी को बताया कि किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान पंजाब सरकार से पूछा था कि बॉर्डर पर पुलिस क्यों है. पंजाब सरकार को इसका जवाब देना चाहिए.
बैठक के बाद किसान नेता मनजीत सिंह राय ने मीडिया से बातचीत में बताया, ”हमने पंजाब के मंत्रियों गुरमीत सिंह खुडियां और लाल चंद कटारूचक से पूछा कि पंजाब सरकार की मंशा क्या है. सीमाओं पर पुलिस क्यों तैनात की गई है. उन्होंने जवाब दिया कि पुलिस की तैनाती नशे के खिलाफ कार्रवाई के कारण की गई है. सरकार की कोई और मंशा नहीं है.”
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस कार्रवाई
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इमेज कैप्शन, किसान नेताओं की गिरफ़्तारी के समय कुछ किसान पुलिसवालों से उलझ गए
किसान नेताओं की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के अस्थायी टेंटों और ट्रैक्टर ट्रॉलियों को हटाना शुरू कर दिया था. पुलिस ने वहां हाईवे खुलवाने की भी कार्रवाई की.
यहां सुबह से ही दोनों सीमाओं के पास पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई थी. बीबीसी के सहयोगी चरणजीव कौशल के मुताबिक़ खनौरी बॉर्डर पर किसानों की संख्या 200 के करीब थी. शाम छह बजे बजे से ही पुलिस लगातार खनौरी बॉर्डर की ओर बढ़ रही थी. इससे लग रहा था कि पुलिस किसानों को मोर्चे से हटाने की कोशिश कर सकती है.
किसानों ने खनौरी बॉर्डर पर ट्रॉलियां लगाकर सड़कें जाम कर दी थीं. किसानों ने यहां अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियां उन सड़कों पर खड़ी कर दी थीं जो पहले खुली थीं, ताकि पुलिस किसानों को प्रदर्शन स्थल से हटा न सके.
पंजाब सरकार का रुख़
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इमेज कैप्शन, पंजाब सरकार के मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद
किसानों की गिरफ्तारी के बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सौंद ने किसानों को हिरासत पर लिए जाने पर कोई बात नहीं की है. हालांकि उन्होंने किसानों से बॉर्डर खोलने की अपील की.
एक वीडियो जारी करते हुए कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सौंद ने कहा, “हम हमेशा किसानों के साथ खड़े रहे हैं. लेकिन अब किसानों की मांगें केंद्र सरकार से हैं.”
उन्होंने कहा, “लेकिन केंद्र सरकार ने अब किसानों को सीमा पर रोकने और पंजाब को बाकी राज्यों से काटने का एक तरीका ढूंढ लिया है, जिसके कारण पंजाब को भारी नुकसान हुआ है. राजमार्ग बंद होने से व्यापारियों को आर्थिक नुकसान हुआ है. हमारा किसानों से अनुरोध है कि अगर आप पंजाब की भलाई चाहते हैं तो सीमाएं खोल दें.”
सरकार और किसानों की बातचीत बेनतीज़ा
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इस कार्रवाई से पहले बुधवार सुबह किसानों और सरकार के बीच बैठक हुई थी. लेकिन बैठक बेनतीजा रही थी,
बैठक की जानकारी देते हुए हरपाल चीमा ने बताया कि केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक काफी देर तक चली और सकारात्मक रही. हालांकि कोई अंतिम हल नहींं निकल पाया.
उन्होंने बताया, “पिछली बैठक में किसान नेताओं की ओर से कुछ डेटा साझा किए गए थे, जिसके आधार पर वे एमएसपी और कानूनी गारंटी की मांग कर रहे थे. उस पर केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि इस पर और अध्ययन की ज़रूरत है और देशभर के हितधारकों की बातें सुनना भी जरूरी है, क्योंकि अगर कानून बनेगा तो पूरे देश के लिए बनेगा.”
उन्होंने कहा, “इसके लिए भारत सरकार के एक अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है इन सभी चर्चाओं के लिए समय की जरूरत है और इस बात पर सहमति बनी है कि 4 मई को उसी एजेंडे और उसी समय पर एक और बैठक होगी.”
बैठक के बाद केरल से आए किसान नेता पीटी जॉन ने कहा कि केरल में बड़ी संख्या में किसान मांग कर रहे हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को संसद में पारित किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, “हम इस मांग पर कतई समझौता नहीं करेंगे. जब तक एमएसपी गारंटी कानून लोकसभा में पारित नहीं हो जाता, हम लड़ाई जारी रखेंगे.”
पुलिस कार्रवाई की निंदा
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इमेज कैप्शन, केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है.
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने पुलिस कार्रवाई को किसानों के साथ विश्वासघात करार दिया है.
राजा वारिंग ने कहा, “एक तरफ किसानों के साथ बंद कमरे में बैठक हो रही है, दूसरी तरफ बाहर निकलते ही किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. दोनों सरकारें पंजाब के किसानों को अलग-थलग करने की कोशिश कर रही हैं. केंद्र और पंजाब, दोनों सरकारें किसानों के साथ धोखा कर रही हैं. खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों को भगाने की कोशिश हो रही है. “
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने किसानों पर हुई कार्रवाई के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं अभी हमारे कृषि मंत्री शिवराज चौहान और मंत्री पीयूष गोयल से बात कर रहा था और वे हमें बता रहे थे कि सातवें दौर की किसानों के साथ बैठक बहुत अच्छी तरह से हुई और इसकी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को दे दी गई है.”
उन्होंने कहा, “जब वे दिल्ली पहुंचे तो मैंने उन्हें बताया कि ऐसा (किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है) हुआ है तो उन्हें आश्चर्य हुआ. मुझे लगता है कि पंजाब सरकार की जितनी अधिक आलोचना की जाए, उतनी ही कम है.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.