पंजाब के अजनाला में मिनी बस चलाने वाला सलेमपुर गांव का दलेर सिंह उस दिन को कोस रहा है जब वह नजदीकी गांव कोटली के एजेंट सतनाम सिंह के झांसे में आ गया था। अजनाला के गांव राजाताल के आकाशदीप सिंह ने भी अमेरिका जाने के लिए 60 लाख रुपये लगा दिए। ये कहानी अमेरिका के ख्वाब में डंकी रूट अपनाने वाले हर शख्स की है।
जागरण टीम, नई दिल्ली। सुनहरे सपने का ख्वाब लेकर अमेरिका जाना उन्हें इंतिहा दर्द दे गया। किसी ने पुस्तैनी जमीन बेची, तो किसी ने पिता की जीवनभर की कमाई दांव पर लगा दी। हजार किलोमीटर दूर अनजान लोगों के बीच में जाने का खतरा उठाया।
सिर्फ इसलिए कि एक बार अमेरिका चले गए तो सबकुछ हासिल कर लेंगे। पूरी जिंदगी संवर जाएगी, लेकिन सबकुछ गंवा बैठे। ऐसी यातना मिली जिससे जीवन में शायद ही उबर सकें। अमेरिका से जबरिया वापस भेजे गए युवाओं की पीड़ा सुन कलेजा मुंह आने को हो रहा है।
भूखे प्यासे जंगलों में बिताए दिन
पंजाब के अजनाला में मिनी बस चलाने वाला सलेमपुर गांव का दलेर सिंह उस दिन को कोस रहा है, जब वह नजदीकी गांव कोटली के एजेंट सतनाम सिंह के झांसे में आ गया था। अमेरिका जाने के लिए 45 लाख रुपये में बात हुई थी, लेकिन 60 लाख रुपये दिए थे।
बीते 15 अगस्त को अमेरिका के लिए निकला था। एजेंट ने पहले उसे दुबई भेजा और वहां से उसे ब्राजील का वीजा लगवा दिया। ब्राजील में उसे साथी एजेंटों से किडनैप करवा परिवार से 15 लाख रुपये और मांगे। एजेंट ने पत्नी चरनजीत कौर को फोन किया कि 15 लाख रुपये और भेजो, तभी पति अमेरिका जा सकेगा।
पत्नी ने गहने गिरवी रखे और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर पैसे भिजवाए। पैसे देने के बावजूद उसे तरह-तरह की यातनाएं दी गईं। ब्राजील से निकलने के बाद 15-20 दिन भूखे-प्यासे पनामा के जंगलों में भटकना पड़ा। उसके बाद वह मैक्सिको से होते हुए तेजवाना बॉर्डर पहुंचा और वहीं से 23 जनवरी को अमेरिका में एंट्री हुई और पहुंचते ही अमेरिकी पुलिस ने पकड़ लिया।
जंगलों में पड़ी थी लाशें
पनामा के जंगलों से गुजरे तो वहां कई लाशें पड़ी मिलीं। 22 जनवरी को मैक्सिको बॉर्डर पार करते ही अमेरिकी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। मां दलजीत कौर ने उसे विदेश भेजने के लिए घर गिरवी रख दिया और बैंक से कर्ज भी लिया।
जमीन बेचकर भेजा अमेरिका
- अजनाला के गांव राजाताल के आकाशदीप सिंह ने भी अमेरिका जाने के लिए 60 लाख रुपये लगा दिए। वह पहले दुबई गया था और दुबई में ही किसी एजेंट के संपर्क में आया और उस एजेंट ने उसे डंकी रूट से अमेरिका भिजवाया।
- पिता स्वर्ण सिंह का कहना है कि बेटे ने दुबई से फोन करके अमेरिका जाने की बात कहते हुए 45 लाख रुपये मांगे, तो अपनी छह कनाल जमीन बेच दी। डेढ़ किल्ले जमीन गिरवी रख दी। उसकी मां के नाम जो जमीन थी, उस पर लोन ले लिया।
- इसके अलावा भैंसे, खेती वाले औजार आदि बेचकर पैसे इकट्ठा करके बेटे को भेजे। 23 जनवरी 2024 को अमेरिका पहुंचा था और वहां पुलिस ने पकड़कर डिपोर्ट कर दिया। स्वर्ण सिंह ने कहा कि अब वह सपने में भी नहीं सोचेगा कि बेटा विदेश जाए।
फ्लश टैंक का पानी पीकर काटे दिन
तरनतारन के चोहला साहिब निवासी मंदीप सिंह 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद इटली गया। पाकिस्तानी एजेंट इब्राहिम ने उसे डंकी रूट से मैक्सिको बॉर्डर से दो दिन में अमेरिका भेजने का आश्वासन दिया था।
एजेंट धोखे में रखकर लगातार पैसे मांगता रहा। सोने की चेन, एप्पल का फोन, पासपोर्ट व तीन हजार यूरो भी छीन लिए। 20 महीने इटली में रहने के बाद वह बीते 23 जनवरी को अमेरिका पहुंचा। रास्ते नौ दिन उसने जिस पीड़ा में गुजारे उसे वह जीवन भर नहीं भूल सकता।कनपटी पर गन रखकर उससे मारपीट की जाती थी। खाना तो दूर पीने के लिए पानी तक नहीं दिया जाता था। टॉयलेट के फ्लश टैंक का पानी पीकर उसने नौ दिन गुजारे। 42 लाख खर्च कर विदेश गए मंदीप ने दावा किया कि मैक्सिको बॉर्डर पार कर अमेरिका जाने के लिए करीब आठ हजार भारतीय अब भी वहां फंसे हैं।
12 वर्ष ऑस्ट्रेलिया रहकर गए अमेरिका
- तीन बेटियों के पिता जालंधर के लद्देवाली निवासी रकिंदर सिंह 12 साल ऑस्ट्रेलिया में अच्छा काम कर रहे थे। पता नहीं क्या सूझी कि डंकी रुट से अमेरिका जाने का फैसला कर लिया। 45 लाख रुपये खर्च भी कर दिए। अब कह रहे हैं कि विदेश जाना तो पासपोर्ट भी नहीं बनवाऊंगा।
- भगवान का शुक्र है घर वापस पहुंच गया। 41 वर्षीय रकिंदर सिंह ने कहा कि एजेंट ने उसे दुबई बुलाया और वहां से डंकी रूट से पंद्रह देशों में भेजा। उसे अहसास हो गया कि गलती कर दी। दुबई में पांच दिन रहने के बाद उनको बुलेविर्या, पेरू, एक्वाडोर कंबोडिया, पनामा कोस्टा रिक्का, ब्राजील और मेक्सिको में रखा गया।
- हर जगह माफिया के एजेंट कभी जंगल से, तो कभी पैदल एक से दूसरी जगह लेकर जाते थे। एतराज करने पर अमानवीय व्यवहार करते। आठ अगस्त 2023 को शुरू हुआ अमेरिका का सफर 15 जनवरी को खत्म हुआ। अमेरिका के बॉर्डर पर पहुंचते पुलिस ने पकड़ लिया।
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