पीएम मोदी की पहलगाम हमले के बाद लगातार बैठकें
पहलगाम हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी दो दिवसीय यात्रा को बीच में ही समाप्त कर स्वदेश लौटने का फैसला किया। दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरते ही उन्होंने एनएसए अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ आपात बैठक की। इसके बाद 23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदमों पर चर्चा हुई, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी-वाघा सीमा को बंद करने जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए गए।
इसके बाद मंगलवार, 29 अप्रैल को पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ 90 मिनट की हाई-लेवल बैठक की, जिसमें सशस्त्र बलों को खुली छूट देने का निर्णय लिया गया। बुधवार, 30 अप्रैल को भी पीएम ने अपने आवास पर विदेश मंत्री जयशंकर, एनएसए डोभाल और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ एक और महत्वपूर्ण बैठक की। आज, 5 मई 2025 को पीएम मोदी ने एनएसए अजीत डोभाल के साथ अहम बैठक की, जिसके बाद उन्होंने गृह सचिव के साथ भी चर्चा की। इन बैठकों में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति, आतंकी नेटवर्क के खिलाफ ऑपरेशन और पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ाने की रणनीति पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
पाकिस्तान के खिलाफ रणनीति और सैन्य तैयारियां
भारत ने इस हमले के बाद न केवल सिंधु जल संधि को स्थगित किया, बल्कि पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने और अटारी सीमा को बंद करने जैसे कड़े कदम उठाए। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने सेनाओं को जवाबी कार्रवाई के लिए समय, लक्ष्य और तरीके तय करने की पूरी स्वतंत्रता दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संकेत दिए हैं कि आतंकवाद के समर्थकों को ‘मुंहतोड़ जवाब’ दिया जाएगा। भारतीय सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है और जम्मू-कश्मीर में तलाशी अभियान तेज कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी हमले की साजिश और आतंकी नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है।