डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल में लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी एक बार फिर चिंता का कारण बन गई है। साल 2025 में अब तक इस बीमारी के हजारों मामले सामने आ चुके हैं और सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। केंद्र सरकार ने संसद में इससे जुड़े ताजा आंकड़े साझा किए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि 1 जनवरी से 5 दिसंबर 2025 के बीच केरल में लेप्टोस्पायरोसिस के 3259 पक्के मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 209 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह जानकारी एक सवाल के लिखित जवाब में दी।
किन जिलों में सबसे ज्यादा मामले
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, केरल के 14 जिलों में से तिरुवनंतपुरम में सबसे ज्यादा 583 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद एर्नाकुलम में 492 और त्रिशूर में 340 मामले सामने आए हैं। जेपी नड्डा ने कहा कि जन स्वास्थ्य राज्य का विषय है, इसलिए बीमारी की निगरानी, रिपोर्टिंग और रोकथाम की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है।
बता दें, लेप्टोस्पायरोसिस एक बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है, जो खासतौर पर मानसून के मौसम में फैलती है और केरल में इसे स्थानिक बीमारी माना जाता है।
केंद्र सरकार की रोकथाम योजना
केंद्र सरकार, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के जरिए लेप्टोस्पायरोसिस की रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (PPCL) चला रही है। यह कार्यक्रम देश के 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है।
इन राज्यों में गुजरात, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, असम, गोवा, पंजाब, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में अंडमान-निकोबार और दादरा एवं नगर हवेली व दमन-दीव शामिल हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बीमारी से होने वाली बीमारी और मौतों को कम करना, जल्दी पहचान और इलाज, बेहतर मरीज देखभाल और विभागों के बीच बेहतर समन्वय है।
जागरूकता पर जोर
कार्यक्रम के तहत राज्य और जिला स्तर के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। निजी डॉक्टरों को भी निरंतर मेडिकल शिक्षा (CME) के जरिए जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को मजबूत किया गया है और देशभर में 75 सेंटिनल निगरानी केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 5 केरल में हैं। यह व्यवस्था नेशनल वन हेल्थ प्रोग्राम के तहत की गई है।
साथ ही, जागरूकता के लिए सूचना-संप्रेषण सामग्री (IEC), ई-लर्निंग मॉड्यूल, दिशा-निर्देश, रियल-टाइम रिपोर्टिंग सिस्टम और मौसम के अनुसार सलाह भी जारी की जा रही है।
राज्यों को वित्तीय और तकनीकी मदद
नड्डा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता देती है। यह मदद राज्यों द्वारा भेजी गई योजनाओं, तय नियमों और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर दी जाती है।