नौ मार्च को दुबई में जब चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ रविंद्र जडेजा ने विजयी चौका मारा तो भारत की जीत को सेलिब्रेट करने के लिए पवेलियन से अर्शदीप सिंह और ऋषभ पंत मैदान की ओर भागे.
दोनों ही टूर्नामेंट के किसी भी मैच में अंतिम 11 में शामिल नहीं थे और विकेटकीपर बल्लेबाज़ के तौर पर टीम में शामिल पंत की जगह पर सभी मैचों में टीम मैनेजमेंट ने के एल राहुल को तरज़ीह दी जो उस वक़्त जडेजा के साथ क्रीज़ पर मौजूद थे.
राहुल ने अपने चयन को सही ठहराते हुए अहम मौक़ों पर ज़रूरी योगदान दिए. पहले पंत की जगह पर राहुल को फ़ाइनल 11 में जगह मिलना और फिर उनके अच्छे प्रदर्शन से अब सवाल ये उठने लगा है कि क्या वनडे फॉर्मेट में उन्होंने पंत की राह मुश्किल कर दी है?
पाँचवें या छठे नंबर पर आने वाले बल्लेबाज़ों को जहाँ कम ही ओवर खेलने को मिलते हैं और मुकाबले में जिस मोड़ पर उन्हें क्रीज पर आना होता है, उस समय कम ही बल्लेबाज़ ‘कूल’ बने रहते हैं, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफ़ी में केएल राहुल बदले हुए अंदाज़ में नज़र आए और कुछ लोग तो उन्हें टीम इंडिया का नया ‘मिस्टर कूल’ कहने लगे हैं.
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चैंपियंस ट्रॉफ़ी में राहुल का प्रदर्शन?
के एल राहुल ने सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ और फ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ भारतीय पारी को संभाला और जीत तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई.
फ़ाइनल में उन्होंने 33 गेंदों पर नॉट आउट 34 रन बनाए.
इससे पहले सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उन्होंने नॉट आउट 42 रन बनाए और एक वक़्त संकट में पड़ी टीम इंडिया को चार विकेट से जीत दिलाई.
इस मैच में जब विराट कोहली 84 रन बनाकर आउट हुए तब भी भारत जीत से 40 रन दूर था, लेकिन राहुल ने धैर्य बनाए रखा और अंत तक क्रीज़ पर जमे रहे.
विकेट के पीछे और आगे दोनों ही जगह अच्छा प्रदर्शन करने वाले राहुल के कारण क्या वनडे फॉर्मेट में ऋषभ पंत के लिए टीम में जगह बनाना मुश्किल हो गया है.
राहुल ने मानी कॉम्पटीशन की बात
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चैंपियंस ट्रॉफ़ी में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ ग्रुप स्टेज के मैच से पहले प्रेस कॉन्फ़्रेंस में राहुल ने क़बूल किया था कि ऋषभ पंत और उनके बीच टीम में जगह को लेकर कॉम्पटीशन है.
उन्होंने कहा, “हां, मेरे और पंत के बीच प्रतिस्पर्धा है. मैं इसे लेकर झूठ नहीं बोलूंगा. पंत बहुत टैलेंटेड खिलाड़ी हैं. उन्होंने हमें दिखाया है कि वो कितने आक्रामक बल्लेबाज़ हैं और कितनी जल्दी मैच का रुख़ बदल सकते हैं. इसलिए टीम के कैप्टन और कोच में हमेशा इस बात को लेकर ये सोच चलती रहती है कि फ़ाइनल 11 में मुझे चुनें या पंत को.”
राहुल ने कहा, “जब भी मुझे मौक़ा मिलता है तो मैं इस बात पर फ़ोकस करता हूं कि मैं क्या सबसे बेहतर तरीक़े से कर सकता हूं. मैं ऋषभ से मुक़ाबला नहीं करता. मैं ना उनके जैसा खेलने की कोशिश करता हूं और ना ही वो मेरे या किसी और के जैसा खेलने की. उन्हें उनकी क़ाबिलियत के आधार पर चुना जाता है और मुझे मेरी क़ाबिलियत के हिसाब से.”
चैंपियंस ट्रॉफ़ी से पहले आख़िरी बड़ा टूर्नामेंट 2023 में हुआ विश्व कप था. उसमें के एल राहुल ने विकेटकीपर बल्लेबाज़ के तौर पर खेलते हुए 11 मैचों में 75.33 के औसत से 452 रन बनाए. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 90.76 रहा.
चैंपियंस ट्रॉफ़ी में उन्होंने छठे नंबर पर बैटिंग की जिसके कारण टीम मैनेजमेंट अक्षर पटेल को उनसे पहले बैटिंग के लिए भेज सका. अक्षर बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी करते हैं जिसके कारण लेफ़्ट हैंड- राइट हैंड कॉम्बिनेशन की वजह से टीम को कई मैचों में मदद भी मिली.
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इमेज कैप्शन, पंत (दाएं) को चैंपियंस ट्रॉफ़ी के एक भी मैच में फ़ाइनल 11 में जगह नहीं मिली
भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ फ़ारुख़ इंजीनियर मानते हैं कि राहुल ने अच्छा प्रदर्शन करके पंत के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है.
एक समारोह के दौरान उन्होंने कहा, “ये भारत के लिए बहुत ही अच्छा संकेत है कि टीम में इस तरह की प्रतिस्पर्धा चल रही है. ऋषभ बढ़िया खिलाड़ी हैं. वो विध्वंसक बल्लेबाज़ हैं लेकिन अनलकी हैं कि राहुल भी उसी वक़्त अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. राहुल को जो मौक़े मिले उसमें उन्होंने कुछ भी ग़लत नहीं किया.”
क्या कहते हैं आंकड़ें?
ऋषभ पंत ने पिछले ढाई सालों में सिर्फ़ एक वन डे खेला था. सात अगस्त 2024 को श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेला था जिसमें उन्होंने सिर्फ़ 6 रन बनाए थे.
पंत ने कुल 31 वन मैचों में 33.50 के औसत से 871 रन बनाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट 106.21 रहा है.
इस दौरान उन्होंने 27 कैच लिए हैं और एक स्टंप किया है.
जबकि के एल राहुल ने 85 वनडे में 49.08 के औसत से 3043 रन बनाए. उनका औसत 88.17 रहा. उन्होंने 71 कैच भी लिए.
विकेटकीपर के तौर पर उन्होंने 45 वनडे मैचों में 54.41 के औसत से 1578 रन बनाए. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 92.66 रहा और उन्होंने 8 स्टंपिंग भी कीं.
हालांकि चैंपियंस ट्रॉफ़ी से पहले इंग्लैंड के ख़िलाफ़ तीन वनडे मैचों की सिरीज़ में राहुल फ़्लॉप रहे. उन्होंने महज़ 40, 10 और 2 रन ही बनाए थे.
हालांकि पूर्व तेज़ गेंदबाज़ अतुल वासन, पंत को टीम में ना लिए जाने से सख़्त नाराज़ दिखे.
चैंपियंस ट्रॉफ़ी के दौरान न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, “गौतम गंभीर अपनी ख़ुद की टीम चुने जा रहे हैं. मैं इस बात से बहुत परेशान हूं कि ऋषभ पंत को मौक़ा नहीं दिया जा रहा है. ये सब चल क्या रहा है. पंत एक करिश्माई खिलाड़ी हैं. दूसरी टीमें उनसे डरती हैं. वो अपने दम पर मैच जिता सकते हैं. अगर उन्हें मौक़े नहीं दिए गए तो इतना अच्छा खिलाड़ी हम बर्बाद कर देंगे.”
उन्होंने आगे कहा, “के एल राहुल अच्छे खिलाड़ी हैं. लेकिन पता नहीं लोग उनमें क्या देख रहे हैं कि उन्हें टेस्ट भी खिला रहे हैं. वनडे भी और सब कुछ. अगर हम पंत जैसे अच्छे प्लेयर को लगातार इस स्थिति में डालेंगे कि वो हमेशा यही सोचता रहे कि उसे मौक़ा मिलेगा या नहीं, तो हम उसे हीरो से ज़ीरो बना देंगे. “
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.