एक बयान और अर्थ का अनर्थ
HAM की ओर से जारी एक प्रेस बयान के अनुसार जीतन राम मांझी ने जो कहा था उसका ये कतई मतलब नहीं था कि वो NDA छोड़ रहे हैं। कैबिनेट की बात उन्होंने जरूर कही थी, लेकिन असल मसला वो था ही नहीं, जो कि समझ लिया गया और उनके महागठबंधन जाने का ब्लू प्रिंट तक बताया जाने लगा।
मांझी के कैबिनेट छोड़ने का मतलब समझिए
हम पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुन्दर शरण ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के कैबिनेट से इस्तीफे की खबर को पूरी तरह से भ्रामक बताया। श्याम सुन्दर शरण ने पूरे भाषण के बीच में कैबिनेट छोड़ने की बात के संदर्भ को समझाने की कोशिश की। उन्होंने NBT को भी बताया कि सभा के अगले दिन कैबिनेट की बैठक में जीतन राम मांझी को शामिल होना था।
मांझी ने कैबिनेट की बैठक के संदर्भ में दिया बयान
हम नेता ने आगे कहा कि उन्हें इसके लिए शाम में पटना से फ्लाइट पकड़नी थी। लेकिन कार्यक्रम जो मुंगेर में आयोजित था। उस में देर होने लगी। इसके चलते आयोजिकों को भी मांझी ने कहा कि जल्दी कीजिए नहीं तो कैबिनेट की बैठक छूट सकती है। भाषण के दरमियान जब उन्हें लगा कि कहीं फ्लाइट न छूट जाए, तब जीतन राम मांझी ने कहा कि लगता है कैबिनेट छोड़ना पड़ेगा (न कि कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ेगा)।
मांझी के बेबाक बोल बने मुसीबत
HAM के अनुसार सबलोग जानते हैं कि जीतन राम मांझी को जो कहना होता है वो बिना लाग लपेट के बोलते हैं। लेकिन कैबिनेट छोड़ने की बात की सच्चाई बैठक के संदर्भ में थी। लेकिन उनकी इसी बेबाकी को कुछ और समझ लिया गया। HAM ने दावा किया है कि जीतन राम मांझी किसी हालत में NDA से अलग नहीं होने वाले। वैसे HAM के इस दावे में दम भी है, क्योंकि महागठबंधन जाकर मांझी को वो नहीं मिलेगा जो NDA ने उन्हें दिया।