दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने मंत्री पद और आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दिया.
उन्होंने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के नाम एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने लिखा कि ये उनके लिए ‘आख़िरी रास्ता’ है.
दिल्ली बीजेपी ने इस्तीफ़ा देने के लिए कैलाश गहलोत की तारीफ़ की. प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसे साहसिक कदम बताया.
आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने इसके लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहराया और इसे उसकी साजिश बताया.
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर ‘जनता से किए वादे पूरे न करने’ का आरोप लगाया है.
दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले कैलाश गहलोत के इस्तीफ़े से दिल्ली की राजनीति गरमा गई है.
वहीं, दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि कैलाश गहलोत ने सीधे-सीधे अरविंद केजरीवाल को आइना दिखाया है.
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंदर यादव ने कहा कि इस मामले पर अब तक अरविंद केजरीवाल ने कुछ नहीं कहा है.
उन्होंने कहा, “इसका मतलब स्पष्ट है कि अभी बहुत सारे राज़ हैं, जो कैलाश गहलोत जी खोल सकते हैं. इसलिए, केजरीवाल जी इस पर जवाब देने से बच रहे हैं.”
इस बीच, रविवार को दिल्ली में बीजेपी के पूर्व विधायक अनिल झा ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ले ली.
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कैलाश गहलोत ने इस्तीफ़े में क्या लिखा?
कैलाश गहलोत ने दिल्ली सरकार के मंत्री पद का इस्तीफ़ा दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को सौंपा.
साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को संबोधित करते हुए एक पत्र भी लिखा, जो उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया.
उन्होंने लिखा, “दिल्ली के मंत्री और विधायक के तौर पर जनता की सेवा का मौक़ा देने के लिए आपका शुक्रिया. लेकिन, मैं यह कहना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी को आज चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.”
गहलोत ने लिखा, “जनता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के बजाय राजनीति हावी हो गई है. कई सारे वादे अधूरे हैं, जैसे कि यमुना नदी, जिसे साफ़ करने का वादा किया गया था.”
“अब यमुना नदी पहले से भी ज़्यादा प्रदूषित है. इसके अलावा कई शर्मनाक विवाद भी रहे हैं. जैसे कि शीशमहल विवाद, जिसने आम आदमी पार्टी पर विश्वास करने वाले हर किसी के मन में संदेह पैदा कर दिया.”
उन्होंने आगे लिखा, “एक दुखद बात यह भी है कि जनता के मुद्दों पर लड़ने की बजाय हम केवल राजनीतिक एजेंडे पर लड़ रहे हैं.”
“अब यह साफ़ है कि अपना ज़्यादातर समय केंद्र सरकार से लड़ते हुए बिताने पर आम आदमी पार्टी सरकार दिल्ली के सही विकास को आगे नहीं बढ़ा सकती.”
गहलोत ने लिखा, “मैंने अपना राजनीतिक करियर दिल्ली की जनता की सेवा की प्रतिबद्धता के साथ शुरू किया था और मैं इसे जारी रखना चाहता हूं.”
“इसीलिए, मुझे यह लगता है कि आम आदमी पार्टी से दूर होना ही आख़िरी रास्ता है. मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा देता हूं.”
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बीजेपी ने क्या कहा?
दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “कैलाश गहलोत ने सीधे-सीधे अरविंद केजरीवाल को आइना दिखाया है और यह बताया है कि अरविंद केजरीवाल और उनके ‘लुटेरों’ का गैंग दिल्ली की जनता को लूटने में लगा है. कैलाश गहलोत उसके भागीदार नहीं बनना चाहते हैं.”
“उन्होंने (कैलाश गहलोत) बताया है कि कैसे अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के टैक्स के पैसे को लूटने का काम किया.”
उन्होंने आरोप लगाया, “यमुना की सफ़ाई पर केंद्र सरकार ने जो 8500 करोड़ रुपये दिए थे, वो भी अरविंद केजरीवाल पी गए.”
उन्होंने इस्तीफ़ा देने के लिए कैलाश गहलोत की तारीफ़ की. उन्होंने कहा, “कैलाश गहलोत ने काफ़ी साहसिक कदम उठाया है. हम उनकी सराहना करते हैं. आम आदमी पार्टी के भीतर भी ऐसे लोग हैं, जो चाहते हैं कि दिल्ली बची रहे. वे अरविंद केजरीवाल के साथ नहीं रहेंगे.”
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आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?
कैलाश गहलोत के इस्तीफ़े को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बीजेपी की साज़िश बताया.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “ये इस्तीफ़ा भारतीय जनता पार्टी की घिनौनी राजनीति और षड्यंत्र का हिस्सा है.”
“भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उनके ऊपर ईडी के छापे मरवाए उनको कई बार पूछताछ के लिए ईडी के दफ़्तर में बुलाया. उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया.”
“कई दिनों तक उनके घर पर इनकम टैक्स के छापे मारे गए. 112 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप इसी भारतीय जनता पार्टी ने लगाया, कैलाश गहलोत जी के ऊपर. तो एक दबाव उन पर बनाया गया जिसके कारण कैलाश गहलोत ने यह फ़ैसला लिया है.”
संजय सिंह ने कहा, “ये भारतीय जनता पार्टी के षड्यंत्र का हिस्सा है. और अब उनके पास बीजेपी में जाने की बजाए कोई रास्ता बचा नहीं था.”
“आप देखिए कि पांच साल तक वो सरकार का हिस्सा रहे. पांच साल तक वो सरकार में मंत्री रहे और भारतीय जनता पार्टी जो उनसे कहना चाह रही है, वो उनसे कहलवा रही है.”
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कांग्रेस ने क्या कहा?
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंदर यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई से कैलाश गहलोत के इस्तीफ़े को लेकर कहा कि इसका मतलब स्पष्ट है कि अभी बहुत सारे राज़ हैं जो कैलाश गहलोत खोल सकते हैं.
उन्होंने कहा, “इसी वजह से, उससे बचने के लिए जो दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और पार्टी के संयोजक हैं, उन्होंने ख़ुद इस मामले पर जवाब न देते हुए एक सामान्य विधायक को आगे किया.”
“इससे स्पष्ट नज़र आता है कि केजरीवाल जी डर रहे हैं. और सवाल का जवाब देने से बच रहे हैं. वो कौन से राज़ हैं जो कैलाश गहलोत के दिल और दिमाग़ में हैं, जिनके बाहर आने को लेकर केजरीवाल जी डर रहे हैं.”
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कौन हैं कैलाश गहलोत?
दिल्ली के पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत नजफ़गढ़ से मौजूदा विधायक हैं.
उनके पास परिवहन विभाग के अलावा राजस्व, क़ानून, न्याय एवं विधायी मामले, सूचना और प्रौद्योगिकी, प्रशासनिक सुधार विभाग भी थे.
फरवरी 2015 में उन्होंने दिल्ली विधानसभा का पहला चुनाव जीता था. पेशे से कैलाश गहलोत एक वकील रहे हैं. उन्होंने 16 साल सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में वकालत की है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित