मनोजित की राजनीतिक पकड़ ही उसकी असली ताकत थी। वह 2007 में कॉलेज में दाखिल हुआ था और फिर 2017 में दोबारा नामांकन लिया लेकिन दोनों बार पढ़ाई पूरी नहीं की। 2017 में कॉलेज की आधिकारिक TMCP यूनिट भंग होने के बाद भी मनोजित का प्रभाव कम नहीं हुआ। वह कॉलेज के व्हाट्सएप ग्रुप चलाता था जहां से छात्रों को अपनी मर्जी से निकाल देता था।
कॉलेज से जुड़े एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि मनोजित महिलाओं के निजी पलों को रिकॉर्ड करता था, उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर व्हाट्सएप ग्रुप में मजाक उड़ाता था।
एक पूर्व छात्रा ने बताया “वह महिलाओं के साथ निजी पलों की रिकॉर्डिंग करता और दोस्तों को दिखाता था। वह और उसके साथी लड़कियों की तस्वीरें लेकर ग्रुप में डालते थे और उनका मजाक उड़ाते थे”।
नहीं हुई कार्रवाई
वास्तव में, मनोजित की राजनीतिक पकड़ ही उसकी असली ताकत थी। वह 2007 में कॉलेज में दाखिल हुआ था और फिर 2017 में दोबारा नामांकन लिया, लेकिन दोनों बार पढ़ाई पूरी नहीं की।
राजनीति से मिली ताकत
लड़कियों को करता था टारगेट
2017 में कॉलेज की आधिकारिक TMCP यूनिट भंग होने के बाद भी मनोजित का प्रभाव कम नहीं हुआ। बताया जाता है कि वह बिना किसी आधिकारिक पद के कॉलेज में तानाशाही तरीके से काम करता था।
वह कॉलेज के व्हाट्सएप ग्रुप चलाता था, जहां से छात्रों को अपनी मर्जी से निकाल देता था, स्टाफ रूम तक खुला पहुंच था और कॉलेज कार्यक्रमों की व्यवस्था अपने हिसाब से करता था। छात्रों का कहना है कि उसकी लीडरशिप डर और महिलाओं के प्रति घृणा से भरी हुई थी।
समाज में था बदनाम
उसके पिता ने कहा “अगर उसने गलत किया है, तो उसे सजा मिलनी चाहिए। पीड़िता भी किसी की बेटी है”। पड़ोसियों के मुताबिक, मनोजित का व्यवहार उग्र और हिंसक था।