• Sat. Nov 15th, 2025

24×7 Live News

Apdin News

कौन थे राजा ‘पेरुम पिडुगु’ मुथरयार? जिनके लिए तमिलनाडु सरकार ने केंद्र को लिखी लिखकर की ये डिमांड

Byadmin

Nov 15, 2025


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिल भाषा को देश की सबसे पुरानी भाषाओं में जाता है। वहीं, तमिलनाडु के समृद्ध इतिहास से भी कोई अछूता नहीं है। वैसे तो तमिलनाडु में कई बड़े राजा हुए हैं, लेकिन राज्य को बांधने में राजा ‘पेरुम पिडुगु’ (Perum Pidugu Mutharayar) का खासा योगदान रहा है। वहीं, अब तमिलनाडु की सरकार ने तमिल राजा ‘पेरुम पिडुगु’ के नामपर डाक टिकट जारी करने की मांग की है।

तमिलनाडु सरकार ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से यह मांग की। राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री शिव वी मेय्यानाथन ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखते हुए कहा कि राजा ‘पेरुम पिडुगु’ मुथरयार के नाम पर डाक टिकट जारी किए जाए, जिससे युवा पीढ़ी तमिल विरासत और राजनीति के प्रति और भी ज्यादा जागरूक हो सके।

Tamil Government writes to central (1)

तमिलनाडु सरकार की केंद्र से मांग

मेय्यानाथन के अनुसार, डाक टिकट जारी करने से तमिलनाडु का समूचे भारत के साथ जुड़ाव बढ़ेगा। इससे राज्य की एकता में तमिल राजा के योगदान के बारे में भी लोगों को पता चल सकेगा।

मेय्यानाथन ने कहा-

‘पेरुम पिडुगु’ मुथरयार का नाम मुथरयार वंश के मशहूर राजाओं में शुमार है। वो न सिर्फ बेहतरीन प्रशासन के लिए जाने जाते हैं, बल्कि कमाल के योद्धा भी थे। उन्होंने कला और खेती को बढ़ावा देने के लिए भी अद्भुत कार्य किए थे।

Tamil King 'Perum Pidugu' Mutharayar (1)

तमिल राजा ‘पेरुम पिडुगु’ मुथरयार। फोटो- X

कौन थे राजा ‘पेरुम पिडुगु’ मुथरयार?

बता दें कि ‘पेरुम पिडुगु’ मुथरयार ने 8वीं सदी में तिरुचिरापल्ली वाले क्षेत्र में शासन किया था। सेंथलाई और नार्थमलाई समेत कावेरी नदी के उत्तरी तट पर मिले कई शिलालेखों में उनका वर्णन मिलता है। उन्होंने सिंचाई को सरल बनाकर पूरे इलाके को खेती के लिए उत्तम बनाने का काम किया था।

मेय्यानाथन के अनुसार, ‘पेरुम पिडुगु’ को ‘ग्रेट थंडर’ भी कहा जाता है। आज भी तिरुचिरापल्ली, पुदुकोट्टई और तंजावुर के कई मंदिरों में गाए जाने वाले पारंपरिक गानों में उनका जिक्र सुनने को मिलता है। ऐसे में हम सरकार से आग्रह करते हैं कि उनकी याद में डाक टिकट जारी किया जाए।

By admin