कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार अब तक चुनाव आयुक्त के तौर पर जिम्मेदारी देख रहे थे। वे पहले सहकारिता मंत्रालय के सचिव थे और 31 जनवरी 2024 को रिटायर हुए। कुमार अनुच्छेद 370 हटाने जैसे महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल रहे हैं। उन्होंने गृह मंत्रालय और संसदीय कार्य मंत्रालय में भी काम किया है। कुल मिलाकर, कुमार का एक लंबा और प्रभावशाली प्रशासनिक करियर रहा है।
राम मंदिर मामले से भी जुड़े थे
अनुच्छेद 370 हटाने के दौरान कुमार की भूमिका बेहद अहम थी। अगस्त 2019 में, वे गृह मंत्रालय में कश्मीर डिवीजन के संयुक्त सचिव थे। इस दौरान उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के साथ मिलकर काम किया। इस संवेदनशील मामले को सुलझाने में उनका योगदान महत्वपूर्ण माना जाता है। यह उनकी प्रशासनिक क्षमता का प्रमाण है। 2020 में, ज्ञानेश कुमार को गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव बनाया गया। उन्हें अयोध्या मामले से जुड़े सभी मामलों की जिम्मेदारी दी गई थी। इसमें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन भी शामिल था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद के सभी कार्य उनकी देखरेख में हुए। यह एक और महत्वपूर्ण भूमिका थी जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक निभाया।
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कमिटी में फैसला
बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में तीन सदस्यीय चयन समिति की बैठक हुई। यह बैठक साउथ ब्लॉक स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में आयोजित की गई। चयन समिति की बैठक में पीएम मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए।