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कौन है ISIS के वो दो आतंकी जिसको इंडोनेशिया ने भारत को सौंपा? पहलगाम हमले के बाद बड़ा कदम – indonesia hands over isis suspects to india a major victory in the fight against terrorism

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May 19, 2025


नई दिल्ली: आतंकवाद के खिलाफ भारत की जंग में इंडोनेशिया ने एक बार फिर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले इस देश ने ISIS से जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों को भारत को सौंपकर वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता जताई है। ये दोनों आतंकी, अब्दुल्ला फयाज और तालहा खान, महाराष्ट्र में ISIS के स्लीपर सेल के सदस्य बताए जा रहे हैं। जकार्ता से मुंबई पहुंचते ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यह कदम अप्रैल में कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहलाने वाले आतंकी हमले के बाद भारत के लिए बड़ा सहारा बन सकता है, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी।

इंडोनेशिया से पकड़े गए आतंकी कौन?
अब्दुल्ला फयाज शेख उर्फ डायपरवाला और तालहा खान उर्फ तल्हा लियाकत खान दो संदिग्ध आतंकी हैं। एनआईए ने रविवार को दोनों को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया। इन आतंकियों के तार महाराष्ट्र में ISIS के स्लीपर सेल मॉड्यूल से जुड़े हैं। 2023 के पुणे IED ब्लास्ट मामले में ये दोनों वांछित थे। अब्दुल्ला पर 3 लाख रुपये का इनाम था। तल्हा लियाकत खान पर भी पुणे में IED बनाने और आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप है। उस पर भी 3 लाख रुपये का इनाम घोषित था। दोनों आतंकियों पर UAPA और अन्य आतंकवाद-रोधी कानूनों के तहत मामला दर्ज है। वे अन्य आरोपियों के साथ मिलकर कट्टरपंथी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे थे।

आतंकवाद के खिलाफ इंडोनेशिया का साथ
पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कड़ी कार्रवाई की थी। अब इंडोनेशिया ने भी भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आतंकवाद के खिलाफ जंग में अपनी भूमिका निभाई है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों आतंकी इंडोनेशिया में छिपे हुए थे, लेकिन वहां की सरकार ने इन्हें पकड़कर भारत को सौंप दिया। यह कदम न केवल भारत-इंडोनेशिया के मजबूत रिश्तों को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का भी प्रतीक है।

इंडोनेशिया का भारत के प्रति समर्थन
इंडोनेशिया हमेशा से कश्मीर मुद्दे पर भारत के साथ खड़ा रहा है। इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में भी उसने भारत का समर्थन किया है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने जनवरी में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत की थी और पाकिस्तान की अपनी यात्रा रद्द कर नई दिल्ली में ज्यादा समय बिताया था। उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच बढ़ते भरोसे का सबूत थी। सुबियांतो ने जकार्ता में भारतीय राजदूत से मुलाकात के दौरान पहलगाम हमले पर गहरा दुख जताया और कहा कि यह हमला इंडोनेशिया में माने जाने वाले इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है।

आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त रणनीति
जनवरी में सुबियांतो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई मुलाकात में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने पर सहमति बनी थी। दोनों नेताओं ने आतंकी फंडिंग को रोकने, आतंकियों की भर्ती को खत्म करने और ऑनलाइन कट्टरता पर लगाम लगाने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया। संयुक्त बयान में कहा गया, “आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा करते हुए, दोनों नेता आतंकी समूहों को सुरक्षित ठिकाने और समर्थन नेटवर्क से वंचित करने के लिए सामूहिक कार्रवाई पर सहमत हुए।” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का भी आह्वान किया।

वैश्विक आतंकवाद पर करारा प्रहारइंडोनेशिया का यह कदम न केवल भारत के लिए मददगार है, बल्कि यह वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी देता है। दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश के नेता का आतंकवाद के खिलाफ खुला रुख और भारत के साथ सहयोग इस बात का सबूत है कि शांति और मानवता की रक्षा के लिए देशों को एकजुट होना होगा। दोनों आतंकियों की गिरफ्तारी से भारत को ISIS के स्लीपर सेल के नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिलेगी, जो देश की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम है।

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