Malegaon blast case मालेगांव ब्लास्ट मामले में अदालत के फैसले के बाद भगवा आतंक शब्द पर बहस फिर शुरू हो गई है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और जो लोग आतंकवाद को रंग से जोड़ते हैं वे इसके समर्थक हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मालेगांव ब्लास्ट मामले में फैसला आने के बाद भगवा आतंक को लेकर एक बार फिर से बहस शुरू हो गई है। मालेगांव ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया गया।
इस बीच भगवा आतंक शब्द पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद शब्द में रंग का कोई मतलब नहीं है और कहा कि जो लोग आतंकवाद को रंग से जोड़ते हैं, वे आतंकवाद के समर्थक हैं।
‘आतंकवाद में रंग का कोई मतलब नहीं’
दरअसल, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि आतंकवादी तो आतंकवादी होता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद शब्द में रंग का क्या मतलब है? आतंकवाद तो आतंकवाद है, और इसके ख़िलाफ़ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई जानी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि मालेगांव विस्फोट हुआ, लेकिन आप उसे अंजाम देने वाले का पता नहीं लगा पाए। जो लोग आतंकवाद में रंग ढूंढते है, वे आतंकवाद के समर्थक हैं।
मालेगांव ब्लास्ट मामले में सभी आरोपी बरी
गौरतलब है कि गत 31 जुलाई को मुंबई की एक विशेष अदालत ने 2008 के मालेगांव विस्फोटों के सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले में पुख्ता सबूत साबित करने में विफल रहा।
इसके साथ ही NIA की विशेष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से पीड़ितों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50000 रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया।
सात लोगों के बनाया गया था आरोपी
जानकारी दें कि इस मामले में कुल 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था। आरोपियों में पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर, सुधांकर धर द्विवेदी (शंकराचार्य) और समीर कुलकर्णी शामिल थे।
17 साल पहले हुआ था ब्लास्ट
उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव शहर के भिक्कू चौक स्थित एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण में ब्लास्ट हो गया था। इस घटना में 6 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 95 लोग घायल हुए थे। (इनपुट एएनआई के साथ)