भारत का प्रतिनिधिमंडल हाल ही में सऊदी अरब के रियाद शहर पहुंचा, जहां AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने पठानकोट हमले का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बिना बुलाए पाकिस्तान गए थे। ओवैसी ने कहा कि उन्होंने इस दौरे की आलोचना की थी।
आखिर किससे की जाए बात?
ओवैसी ने आगे कहा कि पाकिस्तान के साथ बात करने के लिए आखिर बात किससे की जाए। पहले भी जांच के लिए पाकिस्तानी टीम को बुलाया जा चुका है, लेकिन कुछ नहीं हुआ। ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री बिना बुलाए पाकिस्तान गए, उस समय भी मैंने उनकी वहां जाने के लिए आलोचना की थी।
बिना बुलाए जाने पर उठाए सवाल
कई विपक्षी दलों ने भी आलोचना की थी कि प्रधानमंत्री अफगानिस्तान से नवाज शरीफ के घर बिना बुलाए क्यों गए। हमारे एयर बेस पर हमला हुआ, और हमने वहां कई कर्मियों को खो दिया। प्रधानमंत्री ने कहा पाकिस्तान को सबूत चाहिए। आप (पाकिस्तान) अपनी टीम भेजें।
सारे रिकॉर्ड दिए, कुछ नहीं हुआ
ओवैसी ने सवाल पूछा कि क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई देश पड़ोसी देश की जासूसी एजेंसी को आमंत्रित कर रहा है? उन्हें आमंत्रित किया गया, उन्हें सारे रिकॉर्ड दिए गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ, कुछ नहीं हुआ। अगर सवाल यह है कि हम पाकिस्तान से बात क्यों नहीं करते, तो हम पाकिस्तान में किससे बात करें?
पाकिस्तान से बातचीत का क्या मतलब
ओवैसी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना बुलाए पाकिस्तान गए थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने खुद इस दौरे की आलोचना की थी। पठानकोट हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से जांच में सहयोग करने को कहा था। यहां तक कि पाकिस्तानी जांच टीम को भारत बुलाया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। ओवैसी ने सवाल उठाया कि ऐसी स्थिति में पाकिस्तान से बातचीत करने का क्या मतलब है? वे किससे बात करें?