लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने वाली आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले टकराव तेज हो गया है.
दोनों पार्टियों के मतभेदों की वजह से विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की एकता भी ख़तरे में पड़ गई है क्योंकि आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वो गठबंधन में शामिल दलों से कांग्रेस को निकालने के लिए कहेगी.
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि अगर कांग्रेस ने अपने नेता अजय माकन के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की तो वो इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों से कहेगी वो कांग्रेस को इससे अलग कर दे.
सवाल ये है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच इस तू-तू-मैं-मैं से विपक्षी एकता चरमरा तो नहीं जाएगी?
क्या दोनों पार्टियों के इस रवैये से ‘इंडिया’ गठबंधन के वोटर खुद को छला हुआ महसूस तो नहीं करेंगे? बीबीसी हिंदी ने कुछ राजनीतिक विश्लेषकों से इन सवालों के जवाब जाने की कोशिश की है.
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आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के ख़िलाफ़ मोर्चा क्यों खोला
दिल्ली में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक अजय माकन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल को ‘फ़र्ज़ीवाल’ करार दिया था.
उन्होंने आम आदमी पार्टी और बीजेपी को कटघरे में खड़ा करते हुए 12 सूत्रीय ‘श्वेत पत्र’ जारी किया था और कहा था कि केजरीवाल उन स्कीमों के जरिये लोगों को धोखा दे रहे हैं और गुमराह कर रहे हैं जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है.
इसके बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह कांग्रेस पर हमलावर हो गए.
दोनों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस पर अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया.
संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”दिल्ली में कांग्रेस बीजेपी के साथ खड़ी है. वो विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाने का हर काम कर रही है. अजय माकन बीजेपी की स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं. उन्होंंने अरविंद केजरीवाल को राष्ट्र-विरोधी कहकर सारी हदें तोड़ दी हैं. क्या उन्होंने कभी किसी बीजेपी नेता को राष्ट्र-विरोधी कहा है.”
संजय सिंह ने कहा, ”हमने हरियाणा में कांग्रेस से गठबंधन की कोशिश की थी, लेकिन ये हो नहीं सका. हम अलग-अलग चुनाव लड़े. लेकिन पूरे चुनाव अभियान के दौरान कांग्रेस के किसी नेता के ख़िलाफ़ एक शब्द भी नहीं बोला. लेकिन अब कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट देखकर ऐसा लग रहा है कि ये बीजेपी मुख्यालय में बनाई गई है. मैं कांग्रेस से अपील करता हूं कि वह 24 घंटे के अंदर अजय माकन के ख़िलाफ़ कार्रवाई करे नहीं तो हम ‘इंडिया’ गठबंधन के दलों को कांग्रेस को इससे निकालने के लिए कहेंगे.”
इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी को जानकारी मिली है कि बीजेपी संदीप दीक्षित समेत सभी कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए फंडिंग कर रही है.
आतिशी ने कहा, ”हमें आधिकारिक सूत्रों से पता चला है कि कांग्रेस के प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार का खर्चा भारतीय जनता पार्टी से आ रहा है. इसमें सबसे प्रमुख संदीप दीक्षित और जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे फरहाद सूरी हैं.”
उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी को नहीं जिताना चाहती तो फिर वो 24 घंटे में अजय माकन के ख़िलाफ़ एक्शन ले. कांग्रेस के नेता दिल्लीवालों को बताएं कि संदीप दीक्षित और फरहाद सूरी के चुनाव लड़ने का पैसा कहां से आ रहा है.”
आतिशी ने कहा, “अगर कांग्रेस पार्टी अपने इन नेताओं के ख़िलाफ़ एक्शन नहीं लेती है तो फिर आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन के बाकी सभी घटक दलों से बात करेगी कि कांग्रेस पार्टी के साथ अब एक अलायंस में नहीं रहा जा सकता है.”
कांग्रेस ने नई दिल्ली विधासभा सीट पर अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ संदीप दीक्षित को उतारा है.
उधर, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास मुख्यमंत्री आतिशी, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है.
इस शिकायत में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के ऊपर ग़लत तरीके से महिलाओं से जुड़े आंकड़े हासिल करने का आरोप लगाया गया है.
संदीप दीक्षित ने कहा है, “आतिशी जी और अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि हम दिल्ली में एक मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना चला रहे हैं, ये नहीं कहा कि चलाएंगे.”
उन्होंने कहा है, “आपने कहा कि 1000 रुपये की स्कीम चल रही है और हम फॉर्म भरवाकर 2100 रुपये देंगे. दिल्ली सरकार के एक विभाग ने कहा कि ऐसी कोई योजना है ही नहीं. इसके जितने दस्तावेज़ भरवाए जा रहे हैं वह धोखाधड़ी का मामला बनता है.”
संदीप दीक्षित के मुताबिक़, “ये धोखाधड़ी का मामला आपराधिक होता है. ये सरकार की तरफ से धोखाधड़ी का मामला है. आम आदमी पार्टी तमाम महिलाओं से उनके फ़ोन नंबर, उनका पता इकट्ठा कर रही है.”
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के इस टकराव क्या असर होगा?
दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच इस टकराव के बाद जो लोग बीजेपी के विरोधी खेमे में थे उन्हें निराशा हाथ लगी है.
लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस को इससे फर्क़ नहीं पड़ता.
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक शरद गुप्ता ने बीबीसी हिंदी से कहा, ”कांग्रेस यूपी में एसपी और बीएसपी, बिहार में आरजेडी और और तमिलनाडु में द्रमुक को समर्थन देकर सहायक भूमिका निभा चुकी है. लेकिन इससे इन राज्यों में उसे फ़ायदा नहीं हुआ. लगता है कांग्रेस अपनी इस गलती से सीखने की कोशिश कर रही है. उसे लग रहा है कि दिल्ली में अगर इसने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया तो बीजेपी के ख़िलाफ़ लड़ने का सारा श्रेय वही ले जाएगी.”
शरद कहते हैं, ”दिल्ली में आम आदमी पार्टी की शुरुआत काफी अच्छी रही थी. लेकिन पिछले पांच साल के दौरान पार्टी और इसके नेता लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं. इसके कई नेता जेल जा चुके हैं. लिहाजा कांग्रेस को लग रहा है कि दिल्ली में बीजेपी विरोधी स्पेस को हासिल करने का ये सही समय है. ये राजधानी में लगभग ध्वस्त हो चुकी कांग्रेस को दोबारा खड़ा करने की भी सही मौका है. यही वजह है कि वो आप के साथ भिड़ने की मुद्रा में है.”
क्या कांग्रेस को विपक्षी एकता की परवाह नहीं है
आखिर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के ख़िलाफ़ ये रुख़ क्यों अपनाया है. क्यों राष्ट्रीय स्तर पर एक गठबंधन में शामिल पार्टियां एक-दूसरे पर हमलावर हो रही हैं?
इस सवाल के जवाब में वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अदिति फडणीस कहती हैं, “दिल्ली में लंबे समय तक कांग्रेस का शासन रहा है. लिहाजा आम आदमी पार्टी को लग रहा है कि वो कभी भी पलटवार कर सकती है. इसलिए वो भी कांग्रेस पर हमलावर है. दिल्ली में दोनों एक ही स्पेस के लिए लड़ रहे हैं. इसलिए दोनों आमने-सामने हैं.”
क्या इससे इंडिया गठबंधन की एकता को झटका नहीं लगेगा. क्या इससे मिलकर बीजेपी से लड़ने की विपक्षी दलों की रणनीति कमजोर नहीं होगी?
इस सवाल के जवाब में अदिति फडणीस कहती हैं, ” देखिये, इंडिया गठबंधन में शुरू से ये लाइन ली गई है कि राष्ट्रीय स्तर का अलायंस जरूरी नहीं कि राज्य स्तर पर भी अलायंस बन जाए. कई राज्यों में ऐसा हो चुका है.”
क्या इससे विपक्षी दलों के वोटरों में गलत संदेश नहीं जाएगा?
अदिति फडणीस कहती हैं, ”अब माहौल पहले जैसा नहीं रहा है. वोटर अब काफी परिपक्व हैं. उन्हें मालूम है कि राष्ट्रीय स्तर पर किस तरह की वोटिंग करनी है और विधानसभा में कैसे वोटिंग करनी है. इसलिए वोटरों पर इस तरह के विवाद का ख़ास असर नहीं पड़ेगा.”
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के टकराव पर क्या बोली बीजेपी
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “खबरों में बने रहने के लिए आम आदमी पार्टी अक्सर विचित्र प्रकार के बयान देती रहती है और ये बयान उसी श्रृंखला का मज़ेदार और रहस्य उद्घाटन करने वाला बयान है. इसलिए एक बात उनसे अनजाने में साफ़ हो गई कि उन्होंने दिल्ली चुनाव में अपनी पराजय स्वीकार कर ली है.”
“इससे एक और बात साबित हो जाती है कि दिल्ली की जनता को अच्छी तरह याद होगा कि मात्र छह महीने पहले ये (कांग्रेस और आप) इंडिया गठबंधन के रूप में साथ में चुनाव लड़े थे. अब साफ़ दिखाई देता है कि ये तथाकथित मोहब्बत की दुकान में जितने भी किरदार थे, एक-दूसरे के ख़िलाफ़ कितनी नफ़रती और ज़हर भरी बातें अपने दिल में रखे हुए हैं.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित