इस वायरल वीडियो को आरएलपी नेता और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने शेयर करते हुए मुख्यमंत्री से दोषी अधिकारी के निलंबन की मांग भी कर डाली। वीडियो को लेकर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आरपीएस अधिकारी द्वारा महिला पुलिसकर्मी पर हाथ उठाने के मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की। वहीं, वायरल वीडियो की नवभारत टाइम्स पुष्टि नहीं करता है।
महिला कांस्टेबल ने दर्ज कराया केस
अब इधर, महिला कांस्टेबल की शिकायत पर चूरू कोतवाली पुलिस में छह लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है। इन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है।
क्या था मामला?
चूरू कलेक्ट्रेट के बाहर सोमवार को कांग्रेस पार्टी ने प्रदर्शन किया। इसी दौरान डीएसपी और अन्य अधिकारी प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने में लगे थे। वायरल वीडियो में डीएसपी को महिला कांस्टेबल की पीठ पर हाथ मारते हुए दिखाया गया। महिला कांस्टेबल का कहना है कि कांग्रेस के हल्ला बोल प्रदर्शन के दौरान अफरा-तफरी मच गई थी। डीएसपी सर ने सिर्फ यह कहा कि मैं प्रदर्शनकारियों के आगे जाऊं, कोई हाथ उठाने जैसी बात नहीं हुई, लेकिन कुछ लोगों ने वीडियो को तोड़-मरोड़ कर सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिससे मेरी और पुलिस विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। उस समय का वीडियो बिना उसकी अनुमति के गलत मंशा से वायरल कर दिया गया। इससे उसकी व पुलिस की छवि खराब करने का प्रयास किया गया।
क्या बोली चूरू पुलिस?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डीएसपी सुनील झाझड़िया ने भी वायरल वीडियो को एडिटेड बताया है। वीडियो में जो दिखाया जा रहा है, वह सच नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया, महिला कांस्टेबल दूसरी दिशा में देख रही थी इसलिए मैंने उसे आवाज लगाई और कहा कि रैली के आगे बढ़ो। कोई हाथ उठाने या अपमानजनक व्यवहार की बात नहीं थी। दूसरी तरफ ध्यान होने के कारण महिला कांस्टेबल ने सुना नहीं, तो उसके पीछे से जाकर उसे कहा था कि जल्दी से रैली के आगे जाओ। उधर, चूरू जिला पुलिस ने भी सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा है कि यह वीडियो एडिटेड है और इसका उद्देश्य भ्रामक प्रचार करना है। पुलिस अब इस मामले की गहनता से जांच कर रही है