क्या एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा का इस्तेमाल करने वाले पैसेंजर्स का डेटा इनकम टैक्स अधिकारियों के साथ शेयर किया जाता है? सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस सवाल का जवाब दिया। मंत्रालय ने कहा कि यह झूठा और निराधार दावा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से एक यात्रियों की सुविधा के लिए डिजी यात्रा एक डिजिटल पहल की शुरुआत की गई है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या टैक्स चोरी करने वालों की नकेल कसने के लिए (Digi Yatra) का डेटा इस्तेमाल किया जाएगा? क्या एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा का इस्तेमाल करने वाले पैसेंजर्स का डेटा इनकम टैक्स अधिकारियों के साथ शेयर किया जाता है? ये दो ऐसे सवाल हैं, जो पिछले कुछ दिनों से लोग पूछ रहे हैं।
इनकम टैक्स विभाग ने अपने आधिकारिक ऐक्स हैंडल पर लिखा, “ऐसा देखा गया है कि समाचार रिपोर्ट्स में कहा गया है कि डिजी यात्रा डेटा का उपयोग टैक्स की चोरी करने वालों पर नकेल कसने के लिए किया जाएगा। ये स्पष्ट किया जाता है कि आज की तारीख तक IncomeTaxIndia विभाग द्वारा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है।”
It is seen that news articles have appeared stating that Digiyatra data will be used to crack down on tax evaders.
In this connection it is clarified that as on date there is no such move by the @IncomeTaxIndia department.@nsitharamanoffc@officeofPCM@FinMinIndia@PIB_India— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) December 30, 2024
डिजी यात्रा के CEO ने क्या कहा?
क्या Digi Yatra?
बता दें कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से एक यात्रियों की सुविधा के लिए एक डिजिटल पहल की शुरुआत की गई है। हवाई यात्रा करने वालों को पेपर और आईडी कार्ड दिखाने की परेशानियों से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार फेशियल रिकग्निशन तकनीक लेकर आई।
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