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सारांश
- दिल्ली में वायु प्रदूषण को क़ाबू में करने के लिए मंगलवार को आर्टिफ़िशियल बारिश कराने की प्रक्रिया शुरू हुई.
- ‘क्लाउड सीडिंग’ के ज़रिए यह आर्टिफ़िशियल बारिश कराई जाएगी जिस प्रक्रिया में विमान के ज़रिए कुछ रासायनों को बादलों में डाला जाता है.
- इसके लिए सिल्वर आयोडाइड, पोटैशियम क्लोराइड और सोडियम क्लोराइड जैसे पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है.
- दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी और बीजेपी सरकार आमने-सामने है.
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मंगलवार को ‘क्लाउड सीडिंग’ के तीन ट्रायल किए गए
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्लाउड सीडिंग के दूसरे चरण के तीन ट्रायलों की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि इन तीनों ट्रायल्स के रिज़ल्ट आईआईटी कानपुर जल्द जारी करेगा.
‘क्लाउड सीडिंग’ दिल्ली के बाहरी इलाक़ों बुराड़ी से शुरू हुई जो मयूर विहार तक जारी रही. मंत्री सिरसा ने यह भी बताया है कि मंगलवार को तीनों ट्रायल बाहरी दिल्ली के अलग-अलग इलाक़ों में किए गए.
इस क्लाउड सीडिंग का मक़सद कृत्रिम वर्षा के माध्यम से हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों में कमी लाना है, जिससे दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार हो सके.