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किसी भी इंसान का गैस छोड़ना एक सामान्य प्रक्रिया है. एक सामान्य व्यक्ति दिन में पांच से पंद्रह बार गैस छोड़ता है.
सच तो यह है कि अगर गैस छोड़ने से होने वाली दिक्कत या शर्मिंदगी को नज़रअंदाज़ कर दिया जाए, तो ज़्यादा गैस छोड़ना बेहतर सेहत की निशानी मानी जा सकती है.
ऐसे में यह माना जा सकता है कि आप अच्छी सेहत में मददगार चीजें खा रहे हैं, जिनसे गैस बनती है.
जिन खाद्य पदार्थों से गैस बनती है, वे आमतौर पर दिल के लिए फ़ायदेमंद हो सकते हैं. ये फाइबर से भरपूर कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं.
साबुत अनाज, ब्राउन राइस, ओट्स और सब्ज़ियों को कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट कहा जाता है क्योंकि ये धीरे पचते हैं और लंबे समय तक पेट भरा महसूस होता है.
हमारा शरीर इन कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट को पूरी तरह पचा नहीं पाता, लेकिन आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया इन्हें तोड़ते हैं और इस प्रक्रिया में गैस बनती है.
आइए जानें, खाने की वे कौन-सी चीजें हैं जिनसे गैस बनती है, वे कौन-सी चीजें हैं जिनसे गैस में दुर्गंध आ सकती है, और यह भी कि गैस संबंधी दिक्कत होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए.
1. वसा युक्त खाना
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वसा यानी चिकनाई वाला खाना शरीर में पाचन की रफ्तार को धीमा कर देता है. इससे यह भोजन आंतों में ज़्यादा देर तक बना रहता है और उसमें फर्मेंटेशन शुरू हो जाता है. इसी प्रक्रिया के कारण गैस में बदबू आने लगती है.
उदाहरण के तौर पर, चर्बी वाला मीट खाने से ऐसा हो सकता है.
फैटी मीट (जैसे लाल मांस) थोड़ा जटिल होता है क्योंकि यह मेथियोनीन नामक अमीनो एसिड से भरपूर होता है, जिसमें सल्फर पाया जाता है.
आपकी आंतों में मौजूद बैक्टीरिया इसे हाइड्रोजन सल्फाइड में बदल देते हैं, जिससे सड़े हुए अंडे जैसी गंध पैदा होती है.
सिर्फ मीट ही नहीं, खाने की अन्य चीजें भी गैस की बदबू बढ़ा सकती हैं.
2. बीन्स
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बीन्स और दालों में काफी फाइबर होता है, लेकिन इनमें रेफ़िनोज नामक एक जटिल शुगर भी होती है, जिसे शरीर पूरी तरह प्रोसेस नहीं कर पाता.
यह शुगर सीधे आंतों में पहुंचती है, जहां मौजूद बैक्टीरिया इसे ऊर्जा के रूप में उपयोग करने के लिए तोड़ते हैं.
इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन, मीथेन और कभी-कभी बदबूदार सल्फर जैसी गैसें बनती हैं.
3. अंडे
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आम धारणा के विपरीत, अंडों से ज्यादातर लोगों को गैस नहीं होती. हालांकि, इनमें मेथियोनीन नामक अमीनो एसिड पाया जाता है, जो सल्फर से भरपूर होता है.
इसलिए अगर आप बदबूदार गैस से बचना चाहते हैं, तो अंडे को गैस बनाने वाली बीन्स (जैसे राजमा, लोबिया) और चर्बी वाले मीट के साथ न खाएं.
अगर अंडा खाने से आपको पेट फूलने या गैस की समस्या होती है, तो संभव है कि आपको अंडे से एलर्जी हो.
4. प्याज
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प्याज, आर्टिचोक, लहसुन और हरे प्याज में फ्रक्टेन नामक कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है.
यह एक ऐसा तत्व है जो गैस बनाता है और पेट फूलने की समस्या पैदा कर सकता है
5. दूध और डेयरी प्रोडक्ट
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गाय और बकरी के दूध में लैक्टोज नामक एक प्रकार की शुगर होती है, जिससे गैस बन सकती है.
दुनिया भर में करीब 65 फ़ीसदी वयस्क आबादी किसी न किसी स्तर पर लैक्टोज को सहन नहीं कर पाती.
ऐसे लोगों को दूध या अन्य डेयरी उत्पादों के सेवन से पेट फूलने और गैस की समस्या हो सकती है.
6. गेहूं और साबुत अनाज
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फ्रक्टेन एक प्रकार के फाइबर होते हैं, जो गैस बनाते हैं और साबुत अनाज में पाए जाते हैं.
ओट्स और गेहूं से बनी चीजों- जैसे ब्रेड, पास्ता और अन्य साबुत अनाज के सेवन से भी गैस बन सकती है.
इसके अलावा, कुछ साबुत अनाज जैसे गेहूं, जौ और राई में ग्लूटेन होता है.
अगर आपका शरीर ग्लूटेन सहन नहीं कर पाता, तो इन चीजों के सेवन से गैस या पेट फूलने की समस्या हो सकती है.
7. ब्रोकोली, फूल गोभी और पत्ता गोभी
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पत्तागोभी, ब्रोकोली, फूलगोभी, स्प्राउट्स, केल और दूसरी हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में फाइबर की मात्रा काफी ज़्यादा होती है.
इन सब्ज़ियों को शरीर के लिए पचाना थोड़ा कठिन हो सकता है, लेकिन आंतों में मौजूद बैक्टीरिया इस फाइबर का उपयोग ऊर्जा के रूप में करते हैं.
इसी प्रक्रिया में गैस बनती है.
इनमें से कई क्रुसीफ़ेरस सब्ज़ियों, जैसे पत्तागोभी, फूलगोभी और ब्रोकोली में सल्फर भी पाया जाता है, जो गैस की बदबू बढ़ा सकता है.
8. फल
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सेब, आम और नाशपाती जैसे फलों में प्राकृतिक शुगर फ्रक्टोज की मात्रा अधिक होती है.
इसके अलावा, कुछ सेब और नाशपाती में फाइबर की मात्रा भी काफी ज़्यादा होती है.
कई लोगों को फ्रक्टोज को पचाने में दिक्कत होती है.
जब ऐसे लोग ये मीठे फल खाते हैं, तो गैस या पेट फूलने की समस्या हो सकती है क्योंकि उनका शरीर इस शुगर को पूरी तरह से तोड़ नहीं पाता.
हालांकि, फ्रक्टोज इन्टॉलरेंस उतना आम नहीं है जितना कि लैक्टोज इन्टॉलरेंस.
क्या गैस छोड़ना बंद कर सकते हैं
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फल, सब्ज़ियां और दालें गैस बना सकती हैं, लेकिन इनका नियमित सेवन गैस से बचने की कोशिश से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है.
अगर आप पहले से ज्यादा फाइबर नहीं खा रहे थे और अचानक इसकी मात्रा बढ़ा देते हैं, तो पेट में असहजता और गैस बनने की संभावना बढ़ सकती है.
इसलिए फाइबर को धीरे-धीरे अपने भोजन में शामिल करें, ताकि शरीर को इसकी आदत हो सके और इसके दुष्प्रभाव न हों.
पर्याप्त पानी पीने से कब्ज की समस्या कम होती है, जो गैस बनने का एक प्रमुख कारण है.
अगर मल आंतों में ज्यादा देर तक रुका रहता है, तो वह धीरे-धीरे फर्मेंट होने लगता है, जिससे ज़्यादा मात्रा में गैस बनती है और उसमें तेज़ बदबू आ सकती है.
इसलिए कोशिश करें कि हर बार खाने के साथ कुछ न कुछ तरल ज़रूर लें और पूरे दिन पानी या अन्य तरल पदार्थ पीते रहें, ताकि शरीर में पानी का स्तर बना रहे.
ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस गैस और पेट फूलने से राहत के लिए पेपरमिंट चाय पीने की सलाह देती है.
वहीं कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (जैसे कोल्ड ड्रिंक) में पहले से ही गैस होती है. इन्हें ज़्यादा पीने से डकार आती है और शरीर से गैस ज़्यादा बाहर निकलती है.
च्युइंग गम चबाने, चम्मच से सूप या अनाज जल्दी-जल्दी खाने से भी गैस बन सकती है.
अगर आप खाना खाते या पीते समय हवा निगलते हैं, तो वह शरीर से या तो डकार के रूप में या गैस के रूप में बाहर निकलती है.
क्या आपको गैस से चिंतित होना चाहिए?
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ज़्यादातर मामलों में गैस बनना चिंता की बात नहीं होती.
गैस बनने के कई सामान्य और नुकसान न पहुंचाने वाले कारण ऐसे होते हैं, जिनके लिए किसी जांच या इलाज की ज़रूरत नहीं पड़ती.
हालांकि, कुछ मामलों में ज़्यादा गैस किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकती है.
अगर आपको शक या चिंता हो, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें.
इसके अलावा, कुछ दवाओं के सेवन से भी दुर्गंध वाली गैस बन सकती है. यह एक संभावित साइड इफेक्ट हो सकता है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.