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खाने से लेकर होटल की सुविधा… फ्लाइट कैंसिल या लेट होने पर क्या हैं DGCA के नियम, कितना मिलता है रिफंड?

Byadmin

Dec 7, 2025


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपकी फ्लाइट कैंसिल हो जाए या घंटों लेट हो जाए, तो एयरलाइन को क्या-क्या सुविधा देनी होती है? DGCA (भारत की विमानन नियामक संस्था) ने इसके लिए साफ नियम बनाए हैं। इन नियमों के तहत यात्रियों को पूरा रिफंड, मुआवजा और लंबे इंतजार की स्थिति में खाना, होटल और ट्रांसपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलती हैं। यहां आसान शब्दों में DGCA के वर्तमान नियम समझिए।

फ्लाइट कैंसिल होने पर क्या मिलता है?

  • DGCA के मुताबिक, अगर एयरलाइन फ्लाइट रद करती है, तो पूरा रिफंड देना अनिवार्य है।
  • अगर एयरलाइन कम से कम 2 हफ्ते पहले कैंसिलेशन की जानकारी दे दे, तो यात्री रिफंड या दूसरी फ्लाइट में से कोई विकल्प चुन सकता है।
  • अगर एयरलाइन 2 हफ्ते से कम लेकिन 24 घंटे से ज्यादा पहले बताती है, तब भी यात्री रिफंड या दूसरी फ्लाइट चुन सकता है।

अगर एयरलाइन समय पर जानकारी नहीं देती या एक ही टिकट पर दूसरी कनेक्टिंग फ्लाइट छूट जाती है, तो यात्रा के समय के अनुसार मुआवजा और रिफंड/दूसरी फ्लाइट देना होगा।

मुआवजा कितने का मिलता है?

  • 1 घंटे तक की उड़ान: 5000 रुपये
  • 2 घंटे तक: 7500 रुपये
  • 2 घंटे से ज्यादा: 10000 रुपये

एयरलाइन चाहे तो यह राशि देने के बजाय बेस फेयर और फ्यूल चार्ज दे सकती है। इसके साथ ही, यात्रियों को एयरपोर्ट पर वेटिंग-फैसिलिटीज भी मिलती हैं। लेकिन अगर यात्री ने अपने कॉन्टैक्ट डिटेल्स नहीं दिए या कैंसिलेशन एयरलाइन के नियंत्रण से बाहर की परिस्थितियों (जैसे मौसम, सुरक्षा कारण) से हुआ, तो कोई मुआवजा नहीं मिलेगा।

फ्लाइट लेट होने पर DGCA के नियम

अगर फ्लाइट लेट होती है और यात्री समय पर चेक-इन कर चुके हैं, तो एयरलाइन को इंतजार कर रहे यात्रियों को खाना-पीना जैसी बेसिक सुविधाएं देनी होंगी।

ये सुविधाएं इस समय के बाद जरूरी हो जाती हैं:

  • शॉर्ट रूट- 2 घंटे
  • मीडियम रूट- 3 घंटे
  • लॉन्ग रूट- 4 घंटे

अगर घरेलू फ्लाइट 6 घंटे से ज्यादा लेट होती है, तो एयरलाइन को या तो 6 घंटे के भीतर दूसरी फ्लाइट या फिर पूरा रिफंड देना होगा।।

ज्यादा देरी होने पर क्या मिलता है?

6 घंटे से ज्यादा या रात की फ्लाइट लेट होने पर, अगर देरी 24 घंटे से ज्यादा हो जाए या रात की फ्लाइट (8 PM3 AM) 6 घंटे से ज्यादा लेट हो जाए, तो एयरलाइन को होटल स्टे और एयरपोर्ट तक आने-जाने की सुविधा देनी होगी।

लेकिन इसी नियम में भी छूट है, अगर देरी का कारण एयरलाइन के नियंत्रण से बाहर हो (जैसे मौसम, राजनीतिक अशांति, प्राकृतिक आपदा) तो होटल या अन्य सुविधाएं देने की जरूरत नहीं होती।

यात्रियों को क्या मिलता है फायदा?

  • फ्लाइट कैंसिल पर पूरा रिफंड अनिवार्य
  • समय पर सूचना न देने या कनेक्शन मिस होने पर 5000 रुपये-10000 रुपये मुआवजा
  • लेट फ्लाइट पर खाना-पीना, ज्यादा लेट होने पर होटल और ट्रांसपोर्ट
  • असाधारण परिस्थितियों में एयरलाइन पर जिम्मेदारी नहीं

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