दरअसल, इसका मुख्य कारण पाकिस्तान के दो प्रमुख बांधों- झेलम नदी पर मंगला और सिंधु नदी पर तरबेला में पानी का स्तर बेहद कम होना है। बता दें कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमले के बाद भारत ने चिनाब नदी के पानी के बहाव को नियंत्रित करना शुरू कर दिया है। इससे नदी में पानी की मात्रा अचानक कम हो गई है। इस वजह से पाकिस्तान को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने भी इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में ग्लेशियर संरक्षण पर एक सम्मेलन में चिंता व्यक्त की। उन्होंने दुनिया का ध्यान सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले की तरफ खींचने की कोशिश की।
पाकिस्तान के सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (IRSA) के नए अनुमान बताते हैं कि पड़ोसी मुल्क पहले से ही पानी के बहाव में 21% की कमी का सामना कर रहा है। इसके अलावा, दो मुख्य बांधों में पानी का स्तर लगभग 50% तक गिर गया है। ये बांध पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में सिंचाई और पनबिजली उत्पादन के लिए बहुत जरूरी हैं।
IRSA ने गर्मियों में बुवाई के लिए पानी की उपलब्धता का आकलन किया है। मई से सितंबर के दौरान पानी की कमी को लेकर IRSA ने चिंता जताई है। IRSA ने कहा कि भारत के चिनाब नदी से पानी की आपूर्ति कम करने के कारण मराला में नदी के पानी में अचानक कमी आई है। इससे खरीफ के शुरुआती मौसम में और भी कमी हो सकती है।
IRSA ने कुल मिलाकर 21% की कमी की घोषणा की है। उसने बांध अधिकारियों और सिंचाई आपूर्ति निगरानी एजेंसियों को जलाशयों से पानी का इस्तेमाल सावधानी से करने की सलाह दी है। हालांकि, मानसून में बारिश होने से स्थिति में सुधार हो सकता है, लेकिन पाकिस्तान की खेती का काम इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत चेनाब नदी पर बने अपने जलाशयों – बगलीहार और सलाल- से पानी का बहाव कैसे नियंत्रित करता है। ये जलाशय जम्मू और कश्मीर में हैं।
भारत ने अभी तक इन जलाशयों से गाद निकालकर अतिरिक्त पानी जमा किया है। इसके अलावा, पहलगाम नरसंहार के बाद 1960 की संधि को स्थगित करते हुए पाकिस्तान के साथ पानी के बहाव का डेटा साझा करना भी बंद कर दिया है। पाकिस्तान के अहम जलाशयों में पानी के स्तर की जानकारी से पता चलता है कि मंगला बांध में अपनी कुल क्षमता (5.9 MAF) का 50% से भी कम पानी (2.7 मिलियन एकड़ फीट) बचा है। वहीं, तरबेला बांध में अपनी कुल क्षमता (11.6 MAF) का थोड़ा सा ही ज्यादा 50% (6 MFA) पानी है।