डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के कई शहरों में पिछले कुछ दिनों में बम की अफवाह से जुड़ी कई घटनाएं बढ़ी हैं। कई स्कूलों, अस्पतालों और एयरपोर्ट को बम उड़ाने की धमकी मिली, इसके बाद हुई जांच में इसे अफवाह पाया गया।
इस बीच बेंगलुरु पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने अहमदाबाद सेंट्रल जेल में सजा काट रही एक महिला को शहर भर के स्कूलों में बम की धमकी वाले कई ईमेल भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
जानिए पूरा मामला
दरअसल, 14 जून की रात को बेंगलुरु के एक पब्लिक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी मिली। इस धमकी के बाद स्कूल की प्रिंसिपल ने पुलिस ने शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
इसके बाद बेंगलुरू में इसी तरह के फर्जी बम अलर्ट सामने आने पर, सिटी पुलिस कमिश्नर ने नॉर्थ डिवीजन साइबर क्राइम यूनिट को सभी संबंधित मामलों को अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया। जांच के दौरान पुलिस ने एक अप्रत्याशित संदिग्ध की को पाया, जिसका नाम रेने जोशिल्डा है और वह गुजरात में कैद एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।
महिला को गुजरात से लाया गया गुजरात
रिपोर्ट्स के अनुसार, जोशिल्डा को 28 अक्टूबर को बॉडी वारंट पर बेंगलुरु लाया गया था। इस दौरान पुलिस ने उससे पूछताछ की। इस दौरान महिला ने बताया कि उसने न केवल शहर के स्कूलों, बल्कि मैसूर, चेन्नई और गुजरात के संस्थानों को भी बम की धमकी वाले ईमेल भेजने की बात कबूल की।
विस्तृत पूछताछ के बाद जोशील्डा को 31 अक्टूबर को अहमदाबाद सेंट्रल जेल वापस भेज दिया गया, जहां वह अभी भी हिरासत में है।
पुलिस ने क्या बताया?
इस मामले में पुलिस ने बताया कि जोशील्डा को तकनीकी जानकारी होने के कारण उसने गेट कोड ऐप के जरिए बनाए गए वीपीएन और वर्चुअल मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करके कई व्हाट्सएप अकाउंट बनाए और धमकियां देते समय अपने डिजिटल फुटप्रिंट को छुपाया।