केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की उपस्थिति में गोवा में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में गोवा में पुलिस जेल अदालत अभियोजन और फोरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। शाह ने 100 प्रतिशत फोरेंसिक नमूना परीक्षण हासिल करने पर जोर दिया।
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि तीन नए आपराधिक कानून को असरदार ढंग से लागू करने में गोवा को एक मानक स्थापित करना चाहिए और एक आदर्श राज्य बनना चाहिए।
तीन नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने तेजी से न्याय प्रदान करने के लक्ष्य का सख्ती से पालन करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आपराधिक मामलों में सात वर्ष से अधिक की सजा के प्रविधान वाले 90 प्रतिशत दोषसिद्धि की दर पाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
प्रविधानों के दुरुपयोग रोकने को कहा
उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे संबंधित प्रविधानों के दुरुपयोग को रोकने के लिए संगठित अपराध, आतंकवाद और भीड़ द्वारा हत्या से संबंधित मामलों की नियमित निगरानी करें।
उन्होंने 100 प्रतिशत फोरेंसिक नमूना परीक्षण हासिल करने की जरूरत पर जोर देते हुए इस लक्ष्य का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए।
1 जुलाई को लागू हुए थे नये कानून
- दरअसल, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने क्रमश: अंग्रेजों के समय की भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लिया है।
- यह कानून बीते वर्ष 1 जुलाई से लागू हुए थे। इस मौके पर उपस्थित गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि इन कानूनों को असरदार ढंग से लागू करके गोवा एक राष्ट्रीय मानक स्थापित करेगा।
- बैठक के बाद उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा, ‘मैं अपनी प्रतिबद्धता को फिर से पुष्टि करता हूं कि न्याय को बनाए रखने और हमारे नागरिकों के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करने के लिए दृढ़ विश्वास के साथ गोवा इन कानूनों को लागू करते हुए मिसाल पेश करेगा।’
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