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गोभी की खेती वाले पोस्ट पर जमकर मच रहा बवाल, क्या है बिहार में NDA की जीत से कनेक्शन?

Byadmin

Nov 17, 2025


दरअसल शुक्रवार को जब NDA बिहार विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत की ओर बढ़ने लगी तो असम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और सिंचाई विभाग के मंत्री अशोक सिंघल ने फूलगोभी की एक पोस्ट के साथ इसका जश्न मनाया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है।

मंत्री की ‘गोभी की खेती’ पोस्ट पर विवाद

अशोक सिंघल ने अपने में पोस्ट गोभी की खेती की एक तस्वीर के साथ लिखा ‘बिहार में गोभी की खेती तो मंजूरी मिल गई है।’ पहले तो यह पोस्ट बेमेल लगी लेकिन बाद में इसे साल 1989 में हुए भागलपुर दंगे से जोडकर देखा जाने लगा।

जिसमें सैकड़ों मुसलामानों को मार कर दफना दिया गया था और शव को छिपाने के लिए फूलगोभी के पौधे लगा दी गये थे।

गृह मंत्री को दिया जीत का श्रेय 

पोस्ट के कुछ घंटों बाद असम के मंत्री ने बिहार में बड़ी जीत का श्रेय अमित शाह को दिया और इसके कई कारण गिनाए। इनमें से एक सामाजिक इंजीनियरिंग और सांस्कृतिक पहुंच थी।

उन्होंने कहा, “माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने सामुदायिक पहुंच, नारी शक्ति और युवा शक्ति के सशक्तिकरण और एक मज़बूत सांस्कृतिक आख्यान के माध्यम से एनडीए के सामाजिक आधार का विस्तार किया।

विपक्ष ने जमकर साधा निशाना 

फूलगोभी वाली पोस्ट पर विवाद और लोगों की व्यापक आलोचनाओं के बावजूद भाजपा नेता ने इसे न तो हटाया है और न ही इसमें कोई बदलाव किया है।

सिंघल  पर हमला करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने पोस्ट को “अश्लील और शर्मनाक” बताया।

“एक मौजूदा कैबिनेट द्वारा “गोभी की खेती” वाले पोस्ट का इस्तेमाल बिहार चुनाव परिणामों के बाद असम के मंत्री का यह बयान अश्लील और शर्मनाक दोनों है। यह तस्वीर 1989 के लोगैन नरसंहार से व्यापक रूप से जुड़ी हुई है, जहां भागलपुर हिंसा के दौरान 116 मुसलमानों की हत्या कर उनके शवों को फूलगोभी के बागानों के नीचे छिपा दिया गया था।

इस ममाले पर बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद ने भी भाजपा पर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद ने कहा, “BJP/RSS कार्यकर्ताओं के पास अपने मूल मतदाताओं को देने के लिए बस एक ही चीज है! मुस्लिम नफरत।” सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने कहा कि यह पोस्ट “हिंसा भड़काने” वाली है।

विवाद पर बोले थरूर 

एक एक्स यूजर ने असम भाजपा नेता की पोस्ट पर जवाब देते हुए कहा कि एक कैबिनेट मंत्री, “चुनावी जीत का जश्न मनाने के लिए 116 मुसलमानों के नरसंहार का महिमामंडन कर रहे हैं।” उन्होंने शशि थरूर को टैग किया और पूछा कि क्या कांग्रेस नेता कुछ हिंदू नेताओं से बिहारी मुसलमानों के खिलाफ हुए सबसे बुरे नरसंहारों में से एक के सामान्यीकरण की निंदा करवा सकते हैं।

थरूर ने कहा, “मैं कोई सामुदायिक आयोजक नहीं हूं, इसलिए संयुक्त बयान जारी करना मेरा काम नहीं है। लेकिन भारत के एक उत्साही समर्थक और एक गौरवान्वित हिंदू होने के नाते, मैं अपनी और अपने जानने वाले ज्यादातर हिंदुओं की बात कह सकता हूं कि न तो हमारा धर्म और न ही हमारा राष्ट्रवाद ऐसे नरसंहारों की मांग करता है, उन्हें उचित ठहराता है या उनका समर्थन करता है, उनकी सराहना तो दूर की बात है।”

तृणमूल सांसद साकेत गोखले ने पोस्ट की आलोचना की

उन्होंने शनिवार को कहा, “गोभी की खेती का मतलब 1989 में बिहार के भागलपुर में मुसलमानों की सामूहिक हत्या का महिमामंडन करना है। सबूत छिपाने के लिए कब्रों पर फूलगोभी की खेती की गई। यह असम से मोदी की भाजपा का मंत्री है। कोई छिछला तत्व नहीं।”



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