गावसकर-बॉर्डर ट्रॉफी के पाँच टेस्ट मैचों की सिरीज़ में भारतीय क्रिकेट टीम 1-2 से पीछे चल रही है.
तीन जनवरी से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर इस सिरीज़ का आख़िरी टेस्ट मैच शुरू हो रहा है.
मैच से पहले गुरुवार को कप्तान रोहित शर्मा की जगह हेड कोच गौतम गंभीर प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए.
वहाँ पूछे गए सवालों को लेकर उनके जबाव देने का अंदाज़ दो बड़े सवाल खड़े कर गया कि क्या कप्तान रोहित शर्मा सिडनी टेस्ट में खेलेंगे?
क्या नए साल का तीसरा दिन बतौर टेस्ट क्रिकेटर उनका आख़िरी दिन होने वाला है?
गंभीर के बात करने के ढंग से एक सवाल यह भी खड़ा होता है कि रोहित को लेकर चयनकर्ताओं की क्या भूमिका रहने वाली है?
गंभीर जब पत्रकारों से खचाखच भरे मीडिया रूम में पीसी के लिए आए तो उनसे रोहित की ग़ैर-मौजूदगी का कारण पूछा गया.
गंभीर ने कहा, “रोहित के साथ सब ठीक ठाक है. हेड कोच यहाँ है, इतना काफ़ी होना चाहिए. टॉस से पहले पिच देखने के बाद इस बात का फ़ैसला किया जाएगा कि कप्तान प्लेइंग इलेवन में होंगे या नहीं?”
गंभीर के जवाब देने के अंदाज़ से ऐसा लग रहा था कि जैसे वो कह रहे हों, “बॉस मैं हूँ.”
तो क्या रोहित के टेस्ट क्रिकेट का भविष्य अब हेड कोच गौतम गंभीर के हाथ में है?
इस सवाल के जवाब के लिए सिडनी टेस्ट के टॉस तक इंतज़ार करना पड़ेगा क्योंकि गंभीर का जवाब स्पष्ट नहीं था और ना ही इसमें कोई वादा किया गया था.
उन्होंने इसमें कहा था, सवाल किया जाना चाहिए कि भारतीय टीम के कोच बनने के पीछे उनके बीजेपी के नेता होने का क्या असर रहा और क्या उनको कोच बनाया जाना उनकी क्रिकेट क्षमताओं और सही फ़ैसले लेने की क्षमता का नतीजा है?
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच बनने से पहले गौतम गंभीर बीजेपी के लोकसभा सांसद थे.
टीम इंडिया में चल क्या रहा है?
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित ख़बर के अनुसार, पिछली हार के बाद टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में सब कुछ ठीक नहीं था और कोच ने टीम से सदस्यों को काफ़ी फटकार लगाई है.
जैसा कि होता आया है, आधिकारिक तौर पर बीसीसीआई या ऑस्ट्रेलिया में मौजूद टीम इंडिया के स्टाफ़ की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई. बेशक गंभीर ने कहा कि ड्रेसिंग रूम की बात बाहर नहीं जानी चाहिए.
हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं है कि रोहित अपनी फॉर्म को वापस हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पिछले नौ टेस्ट मैचों में रोहित ने 10.93 की औसत से रन बनाए हैं. इस सिरीज़ की पांच पारियों में उनका औसत महज 6.2 है.
भारतीय टीम के सूत्रों के मुताबिक़ सिडनी टेस्ट की प्रैक्टिस के दौरान रोहित ना केवल देरी से आए बल्कि उनके आसपास का माहौल भी काफ़ी अलग दिखा, क्योंकि बीसीसीआई की डिज़िटल टीम और कोचिंग स्टाफ़ के सदस्य लगातार उनकी बल्लेबाज़ी के वीडियो और फोटोग्राफ़ उतार रहे थे.
वहीं रोहित शर्मा के कोच दिनेश लाड ने कहा कि रोहित अभी और खेलना चाहते हैं और उनमें काफ़ी क्रिकेट बचा है. वह ऐसे बल्लेबाज हैं, जो कभी भी फॉर्म में लौट सकते हैं.
यक़ीनन उनकी नज़र में रोहित के फुटवर्क में थोड़ी दिक़्क़त है. हालांकि यह परमानेंट दिक़्क़त नहीं है. लेकिन गंभीर के बयान को सुनने से हालात रोहित के लिए ठीक नहीं लग रहे.
रोहित मुंबई के खांटी क्रिकेट कल्चर की देन हैं, जहाँ पर अपना विकेट ग़लत तरीक़े के गंवाना एक अपराध है. रोहित बिना कोई जोख़िम लिए सेशन-दर-सेशन खेलने के लिए जाने जाते हैं.
इस ख़राब फॉर्म से पहले तक रोहित के पास गेंद को खेलने का इतना समय रहता था कि वह अपनी मर्ज़ी से फील्डिंग के साथ खेलते थे.
लेकिन पिछले दो साल के दौरान देखा गया है कि वह आते ही गेंदबाज़ पर हावी होने की कोशिश करने में अपना विकेट गंवा दे रहे हैं. इसमें वह स्लिप के गलियारे के अलावा बोल्ड आउट भी हो रहे हैं.
माना जाता है कि भारतीय क्रिकेट में जब भी कोई बदलाव होता है तो पूर्व क्रिकेटर और एक्सपर्ट सुनील गावसकर हमेशा सबसे पहले इसका संकेत दे देते हैं.
मेलबर्न टेस्ट में टीम इंडिया की बड़ी हार के बाद गावसकर ने कॉमेंट्री के दौरान कहा कि रोहित एक समझदार क्रिकेटर हैं, वो टीम के लिए कभी भी भार नहीं बनना चाहेंगे और वह भारतीय क्रिकेट के लिए समर्पित और उसे सम्मान देने वाले खिलाड़ी हैं.
गावसकर ने यह भी कहा, “ऐसे में अगर वह अगले कुछ मैचों में रन नहीं बना पाते हैं तो मुझे लगता है कि रोहित ख़ुद ही रिटायरमेंट ले लेंगे.”
रोहित शर्मा के भविष्य पर सवाल
मेलबर्न में हार के बाद रोहित ने स्वीकार किया था कि बतौर बल्लेबाज़, वह टीम के लिए जैसा योगदान करना चाह रहे हैं, वैसा नहीं हो पा रहा है.
उन्होंने कहा, “इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह जहनी तौर पर परेशान कर देने वाला है.”
इसी सिरीज़ में वह एक मौक़े पर कह चुके हैं, “कई बार अपने स्कोर को देखने के बाद लगता है कि यह ज़्यादा नहीं है.”
उन्होंने कहा था, लेकिन जब तक शरीर, पैर और दिमाग़ उनका साथ दे रहे हैं, वह ख़ुश हैं कि चीज़ें वैसी हो रही हैं, जैसा वह चाह रहे हैं.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद सबसे अहम सवाल उठता है कि तीन जनवरी से शुरू हो रहे पांचवें टेस्ट मैच में अगर रोहित शर्मा को ड्रॉप कर दिया जाता है तो कप्तानी कौन करेगा?
कप्तान के तौर पर एक विकल्प जसप्रीत बुमराह तो हैं ही लेकिन गंभीर और विराट कोहली के दिल्ली कनेक्शन को भी जोड़कर देखा जा रहा है.
हालांकि ऐसे किसी भी फ़ैसले में चयनकर्ताओं की भूमिका क्या रहने वाली है, इसे लेकर भी चर्चा का दौर शुरू हो चुका है.
रोहित से साथ क्या होने वाला है, यह अभी स्पष्ट नहीं है. लेकिन अगर वह अपने करियर को लेकर कोई फ़ैसला करते हैं तो साबित हो जाएगा कि ऑस्टेलिया का दौरा बड़े स्टार क्रिकेटरों का करियर समाप्त करने की परंपरा को आगे बढ़ाने वाला है.
इससे पहले एमएस धोनी, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और वीरेंद्र सहवाग जैसे क्रिकेटरों के करियर को ऑस्ट्रेलियाई दौरे ने प्रभावित किया है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित