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घर-घर से इकट्ठा कर नष्ट की जाएंगी एक्सपायर्ड दवाएं, केरल सरकार ने शुरू किया नया प्रोग्राम

Byadmin

Feb 20, 2025


केरल सरकार ने एक अनोखा कदम उठाते हुए घरों से एक्सपायर्ड और अनुपयोगी दवाओं को इकट्ठा कर वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम का नाम एनप्राउड (न्यू प्रोग्राम फॉर रिमूवल ऑफ अनयूज्ड ड्रग्स) रखा गया है और यह देश में अपनी तरह का पहला प्रयास होगा। घरों का दौरा करके अनुपयोगी दवाएं इकट्ठा की जाएंगी।

एजेंसी, तिरुवनंतपुरम। केरल सरकार ने एक्सपायर्ड और अनुपयोगी दवाओं के खिलाफ एक अनोखा कदम उठाया है। घरों से एक्सपायर्ड और अनुपयोगी दवाओं को इकट्ठा कर वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने का प्रोग्राम शुरू करने का फैसला लिया है।

इस कार्यक्रम का नाम ‘एनप्राउड’ (न्यू प्रोग्राम फॉर रिमूवल ऑफ अनयूज्ड ड्रग्स) रखा गया है और यह देश में अपनी तरह का पहला प्रयास होगा। बता दें कि इस प्रोग्राम की शुरुआत राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज 22 फरवरी को कोझिकोड में करेंगी।

घर से इकट्ठा की जाएंगी दवाएं

इस अभियान के तहत घर-घर से अनुपयोगी और एक्सपायर्ड दवाएं एकत्रित की जाएंगी या उन्हें नष्ट करने के लिए निर्दिष्ट स्थानों पर सुविधाएं दी जाएंगी। इस अभियान को सबसे पहले कोझिकोड कॉपोरेशन और उलीयरी पंचायत में लागू किया जाएगा। यह पहली बार है जब सरकार स्तर पर ऐसा प्रोग्राम शुरू और लागू किया जा रहा है। सरकार की योजना इस प्रोग्राम को पूरे राज्य में लागू करने की है।

अब आप सोच रहे होंगे इस प्रोग्राम को अंजाम कैसे दिया जाएगा। दरअसल घरों का दौरा करके अनुपयोगी दवाएं इकट्ठा की जाएंगी। इसके अलावा, लोग कलेक्शन पॉइंट पर लगाए गए नीले बॉक्स में भी दवाएं जमा कर सकते हैं। थोक और खुदरा प्रतिष्ठानों और क्लीनिकों को अनुपयोगी दवाओं को पहले से निर्धारित कलेक्शन पॉइंट पर लाकर जमा करना होगा।

पूरे राज्य में लागू किया जाएगा प्रोग्राम

सरकार की योजना है कि इसे पूरे राज्य में लागू किया जाए, हालांकि पहले चरण में इसे कोझिकोड कॉर्पोरेशन और उलीयरी पंचायत में लागू किया जाएगा।

वहीं इन दवाइयों का अगर ठीक से कहीं नहीं फेंका गया तो इससे खतरा भी हो सकता है। लापरवाही से मिट्टी और जल स्रोतों में फेंकने से स्वास्थ्य समस्याओं और प्रदूषण कार खतरा होने की संभावना ज्यादा है।

मिट्टी में फेंकने से होगा ये नुकसान

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसको लेकर कहा, ‘अध्ययनों से पता चला है कि एक्सपायर्ड और अनुपयोगी दवाओं को लापरवाही से मिट्टी और जल स्रोतों में नहीं फेंकना चाहिए। इससे एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस, स्वास्थ्य समस्याएं और पर्यावरण प्रदूषित होता है। ऐसे अध्ययनों के आधार पर, राज्य के ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट और नियमों के प्रावधानों का पालन करते हुए अनुपयोगी दवाओं से निपटने के लिए एन्प्राउड प्रोग्राम लॉन्च किया है।

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