- Author, प्रभाकर मणि तिवारी
- पदनाम, कोलकाता से, बीबीसी हिंदी के लिए
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पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सरकारों ने चक्रवात दाना से निपटने के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं.
ऐसा अनुमान है कि ये चक्रवात ओडिशा और पश्चिमी बंगाल के समुद्री तटों से गुरुवार को टकराएगा . बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न होना वाला निम्न दबाव तेजी से तटवर्ती इलाकों की ओर बढ़ रहा है.
दाना तूफ़ान पर भारतीय मौसम विभाग की ओडिशा में निदेशक मनोरमा मोहन्ती ने जानकारी दी है.
उन्होंने कहा है कि दाना तूफ़ान ने पिछली रात एक घातक चक्रवाती तूफ़ान का रूप ले लिया है और यह पिछले छह घंटों से उत्तर पश्चिम दिशा में 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है.
कब तटों से टकराएगा तूफ़ान?
मनोरमा मोहन्ती ने बताया है कि दाना तूफ़ान अभी ओडिशा के पाराद्वीप से 260 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की ओर मध्य और उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर है.
उन्होंने बताया है कि इसके उत्तर पश्चिम में उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ने की आशंका है. दाना तूफान गुरुवार देर रात को तट से भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में टकरा सकता है. इस दौरान उसकी रफ्तार 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी.
मौसम विभाग की निदेशक ने बताया है, “मयूरभंज, भद्रक, बालेश्वर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, जगतसिंहपुर, कटक में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है. वहीं पूरी, खोरदा, नयागढ़, ढेनकनाल और केंडोझार जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.”
पश्चिम बंगाल सरकार ने नौ ज़िलों के तमाम स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है.
जिला प्रशासन ने मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है. पहले से समुद्र में गए मछुआरों को वापस बुला लिया गया है. तटीय इलाकों में माइक के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है.
ओडिशा के मशहूर पर्यटन स्थल पुरी से मंगलवार को पर्यटकों को बाहर निकाल लिया गया है. पहले से बुकिंग कर चुके पर्यटकों को पुरी आने से मना कर दिया गया है. राज्य में 23 से 25 तक 14 ज़िलों के सभी स्कूल बंद रहेंगे. दाना को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दौरा भी स्थगित कर दिया गया है.
इस तूफान की वजह से रेल यातायात सेवा भी प्रभावित है. रेलवे ने वंदे भारत और राजधानी एक्सप्रेस समेत दो सौ से ज्यादा ट्रेनों का संचालन स्थगित कर दिया है.
पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकार ने एहतियाती तौर पर तटीय इलाकों से करीब तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.
दोनों राज्यों में तटवर्ती जिलों के तमाम स्कूलों को 25 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है और डॉक्टरों समेत तमाम सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.
इस चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए तैयारियां करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने दीघा, ताजपुर, शंकरपुर और डायमंड हार्बर जैसे तटीय पर्यटन स्थलों के तमाम होटलों को बुधवार दोपहर तक खाली करा लिया है.
इन इलाकों से मंगलवार को ही पर्यटकों की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया था.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दाना के संभावित असर वाले जिलो में हालात पर निगरानी की जिम्मेदार सचिव स्तर के अधिकारियों को सौंपी है. इलाके में कई कंट्रोल रूम खोले गए हैं.
करीब एक हज़ार राहत शिविर खोले गए हैं. इलाके के स्कूलों और सरकारी भवनों में भी लोगों के रहने-खाने का इंतजाम किया गया है.
दाना तूफान बुधवार रात से बृहस्पतिवार सुबह तक पुरी से सागर द्वीप के बीच तटों से टकरा सकता है. इसकी वजह से बृहस्पतिवार और शुक्रवार को भारी बारिश की संभावना है.
राज्य मौसम विभाग ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न होने वाला निम्न दबाव बुधवार दोपहर तक ही चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. इसकी वजह से अंडमान निकोबार द्वीप समूह के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश हो रही है.
विभाग के एक अधिकारी बताते हैं, निम्न दबाव के कारण बंगाल के उत्तर और दक्षिण 24-परगना के अलावा पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली और झाड़ग्राम के अलावा बांकुड़ा में भारी बारिश की आशंका है.
इसी तरह ओडिशा के भद्रक, बालासोर, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी और खुर्दा जिलों में भी 25 अक्तूबर की सुबह तक भारी बारिश हो सकती है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने नौ जिलों के तमाम स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है.
जिला प्रशासन ने मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है. पहले से समुद्र में गए मछुआरों को वापस बुला लिया गया है. तटीय इलाकों में माइक के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है.
मंगलवार से अब तक करीब दो लाख लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है. यह सिलसिला आज भी जारी है.
कंट्रोल रूम और राहत शिविर
जिला प्रशासन ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के पर्यटन स्थल दीघा के अलावा मंदारमनी, ताजपुर और शंकरपुर के होटल मालिकों को भेजे निर्देश में बुधवार दोपहर तक पर्यटकों से होटल खाली कराने का निर्देश दिया है.
राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने पत्रकारों को बताया कि सरकार ने दाना से निपटने की तैयारी पूरी कर ली है. विभिन्न जिलों में कंट्रोल रूम खोले गए हैं.
इसके साथ ही आपदा प्रबंधन टीमों को तैयार रखा गया है. तटीय इलाके से लाखों लोगों को निकाल कर सुरक्षित इलाके में बने राहत शिविरों तक पहुंचाने का काम जारी है.
पूर्व मेदिनीपुर जिले के डीएम पूर्णेंदु माझी कहते हैं, “इलाके में तमाम एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं. बुधवार को भी तटीय इलाके के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम जारी रहेगा.”
उन्होंने मंगलवार को दीघा का दौरा कर परिस्थिति व तैयारियों का जायजा लिया है. जिला प्रशासन ने चार कंट्रोल रूम खोले हैं. साथ ही करीब एक हजार राहत शिविर खोले जा चुके हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “तूफान को ध्यान में रखते हुए नौ जिलों के सभी को 23 से 26 अक्तूबर के बीच बंद कर दिया गया है. तूफान के असर से निपटने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम खोले गए हैं. वह चौबीसों घंटे खुला रहेगा.”
ओडिशा में क्या हैं इंतज़ाम?
ओडिशा के मशहूर पर्यटन स्थल पुरी को मंगलवार को पर्यटकों से खाली करा लिया गया. पहले से बुकिंग वाले पर्यटकों को पुरी पहुंचने से मना कर दिया गया है. राज्य में 23 से 25 तक 14 जिलों के सभी स्कूल बंद रहेंगे. दाना को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दौरा भी स्थगित कर दिया गया है.
ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री बिजय महापात्रा ने बताया कि 23 से 25 अक्तूबर तक सभी डॉक्टरों की छुट्टी रदद्द कर दी गई है. राज्य में ऐसे तूफान आते रहते हैं. इसलिए सरकार ने ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए द्विस्तरीय प्रोटोकॉल तय किया है.
इस बीच, ईस्ट कोस्ट रेलवे की ओर से जारी बयान में 198 ट्रेनों को रद्द करने की सूचना दी गई है. मौसम विभाग ने बताया है कि पुरी, बालासोर, चांदीपुर, गंजाम, जाजपुर और खुर्दा रोड समेत कई इलाकों में दाना का सीधा असर होने की आशंका है.
ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने पर्यटकों से अगले चार दिनों तक तमाम होटल बुकिंग रद्द करने को कहा है. वो बताते हैं कि पुरी से मंगलवार को तीन हजार से ज्यादा पर्यटकों को सुरक्षित उनके घर भेजा गया है. बुधवार सुबह भी कुछ लोगों को भेजा गया है. फिलहाल पुरी के तमाम होटल लगभग खाली हैं.
पुरी के मशहूर जगन्नाथ मंदिर को भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है. मंदिर प्रबंधन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि फिलहाल आम लोगों के लिए मंदिर को बंद रखने का फैसला किया गया है. इस दौरान मंदिर की नियमित पूजा तो जारी रहेगी. लेकिन आम लोगों के लिए दर्शन बंद रहेगा.
कैसे रखा गया तूफान का नाम
चक्रवात दाना पिछले दो महीनों में भारतीय तट पर आने वाला दूसरा चक्रवाती तूफान होगा. इससे पहले अगस्त के अंत में चक्रवात ‘असना’ ने प्रायद्वीप को प्रभावित किया था.
इस तूफान का नाम क़तर ने चुना है. यह नाम चक्रवातों के लिए बनाए गए मानकों के अनुसार रखा गया है.
वर्ष 2000 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन/एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग के तहत नामांकरण की शुरुआत की गई थी.
इस समूह में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल थे, जिसका बाद में विस्तार करते हुए 2018 में इसमें पांच और देशों ईरान, क़तर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन को जोड़ा गया. डब्ल्यूएमओ नामों की एक पहले से तय सूची का इस्तेमाल करता है. उनको हर छह साल में बदला जाता है.
‘दाना’ शब्द को अरबी भाषा से लिया गया है. इसका अर्थ ‘उदारता’ है. चक्रवातों का नाम क्षेत्रीय शब्दों या नामों के आधार पर करने से तूफान-प्रभावित देशों के बीच जागरूकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में सहायता मिलती है. साथ ही इससे संचार और चेतावनी प्रणाली भी मजबूत बनती है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित