अमेरिकी खुफ़िया एजेंसी सीआईए ने शनिवार को कोविड महामारी के फैलने पर एक नया आकलन जारी किया है.
सीआईए ने कहा है कि कोरोना वायरस के जानवरों की बजाय चीनी प्रयोगशाला से लीक होने की “ज़्यादा संभावना” है.
लेकिन खुफिया एजेंसी ने आगाह किया कि उसे अपने इस फ़ैसले पर “कम भरोसा” था.
सीआईए के प्रवक्ता ने कहा कि उपलब्ध रिपोर्ट के आधार पर महामारी के प्राक़तिक तौर पर फ़ैलने की अपेक्षा “रिसर्च के दौरान फ़ैलने” की संभावना ज़्यादा है.
हालांकि इस तरह के दावों पर चीन पहले से आपत्ति जताता रहा है. इससे पहले जब इस तरह के आरोप चीन पर लगे थे तब उसका कहना था कि कोरोना वायरल लैब से नहीं आया है.
चीन का कहना था कि अमेरिका सरकार और पश्चिमी मीडिया कोरोना के सोर्स को लेकर अफ़वाहें फैलाने का काम कर रहा है.
नए आकलन को जारी करना सीआईए के नए निदेशक जॉन रैटक्लिफ का पहला फ़ैसला है, जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप ने नियुक्त किया है. जॉन रैटक्लिफ ने गुरुवार को ही एजेंसी का कार्यभार संभाला है.
ट्रंप प्रशासन से पहले का है नया मूल्यांकन
रैटक्लिफ ने ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में काम किया था.
वो लंबे समय से लैब लीक सिद्धांत का समर्थन करते रहे हैं. उनका दावा है कि कोविड वायरस संभवतः वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में लीक की वजह से आया था.
यह संस्थान ह्यूनान वेट मार्केट से 40 मिनट की दूरी पर है, जहां एक समूह में संक्रमण का पहला मामला सामने आया था.
शुक्रवार को प्रकाशित ब्रेइटबार्ट न्यूज़ के साथ एक इंटरव्यू में रैटक्लिफ ने कहा कि वह चाहते हैं कि सीआईए वायरस की उत्पत्ति पर अपना तटस्थ रुख छोड़ दे.
उन्होंने कहा, “जिन चीजों के बारे में मैंने बहुत बात की है, उनमें से एक है कई मोर्चों पर चीन से ख़तरे पर ध्यान देना और यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्यों दस लाख अमेरिकियों की मौत हुई?”
“क्यों केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने पांच साल तक कोविड की उत्पत्ति के बारे में आकलन नहीं किया और चुप बैठी रही.”
हालांकि अधिकारियों ने अमेरिकी मीडिया को बताया कि नया मूल्यांकन नई खुफिया जानकारी पर आधारित नहीं है और यह ट्रंप प्रशासन से पहले का है.
कथित तौर पर इस समीक्षा का आदेश जो बाइडन प्रशासन के अंतिम सप्ताह के दौरान दिया गया था और सोमवार को ट्रंप के पदभार संभालने से पहले इसे पूरा कर लिया गया था.
हालांकि शनिवार को पेश की गई समीक्षा “कम यकीन” पर आधारित है, जिसका मतलब है कि इसका समर्थन करने वाली खुफिया जानकारी अपूर्ण, अनिर्णायक या विरोधाभासी है.
कोविड महामारी की वजह पर कोई आम सहमति नहीं
कुछ लोग कोविड महामारी की “प्राकृतिक उत्पत्ति” सिद्धांत का समर्थन करते हैं. इसके मुताबिक़ कोविड का वायरस किसी भी वैज्ञानिक या प्रयोगशाला की वजह से नहीं फ़ैला, बल्कि यह जानवरों के ज़रिए स्वाभाविक रूप से फैला.
लैब लीक के सिद्धांत पर विशेष रूप से वैज्ञानिकों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है , जिनमें से कई का कहना है कि इसका समर्थन करने के लिए कोई निश्चित सबूत नहीं है.
इससे पहले चीन ने लैब से लीक के दावे को “राजनीतिक हेरफेर” करकर खारिज कर दिया था.
फिर भी पहले से ही विवादास्पद रहा यह लैब लीक सिद्धांत कुछ खुफिया एजेंसियों के बीच समर्थन पाता रहा है.
साल 2023 में ही एफ़बीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने फॉक्स न्यूज़ को बताया था कि यह उनके ब्यूरो का आकलन था कि “महामारी की उत्पत्ति संभवतः एक संभावित प्रयोगशाला से पैदा हुई है.”
कोरोना वायरस को लेकर डब्लूएचओ ने क्या कहा था
कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक जाँच रिपोर्ट साल 2021 में सामने आई थी.
डब्ल्यूएचओ की एक टीम इसकी जाँच के लिए चीन के दौरे पर गई थी. जाँच टीम की रिपोर्ट में कोरोना महामारी को लेकर कई बातों का ज़िक्र किया था.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडहानोम ग़ेब्रेयेसुस ने कहा था, “ये रिपोर्ट एक बहुत अच्छी शुरुआत है लेकिन ये अंत नहीं है. हमें अभी वायरस के स्रोत की जानकारी नहीं मिली है.”
चीन के 17 विशेषज्ञों और 17 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के समूह की जाँच के बाद ये दस्तावेज़ तैयार किया गया था.
120 पन्नों की रिपोर्ट में वायरस की उत्पत्ति और उसके इंसानों में फैलने के संबंध में चार संभावनाएं बताई गई थी.
1. वायरस के जानवर से इंसान में पहुँचने की संभावना
रिपोर्ट के मुताबिक़, इस बात के ठोस प्रमाण हैं कि इंसानों तक पहुँचे कई कोरोना वायरसों की उत्पत्ति जीव-जंतुओं से हुई.
2. जानवर से इंसानों में संक्रमण फैलने के बीच में एक और जीव-जंतु होने की संभावना
इसके मुताबिक़ जिस जीव-जंतु को पहली बार कोरोना हुआ हो, उसने इंसानों से पहले किसी अन्य जानवर को संक्रमित किया हो. उस दूसरे संक्रमित जानवर से फिर इंसान संक्रमित हुए हों.
3. खाने के सामान से इंसानों में पहुँचने की संभावना
इस अवधारणा के मुताबिक़ कोविड-19 वायरस खाने के सामान या उन्हें रखने वाले कंटेनर्स के ज़रिए इंसानों में पहुँचा होगा.
इसमें फ्रोज़न फूड शामिल हैं जो आमतौर पर वुहान के बाज़ारों में बेचे जाते हैं.
4. वायरस के प्रयोगशाला से इंसानों में फैलने की संभावना कम
रिपोर्ट में संभावना जताई गई थी कि प्रयोगशाला में हुई एक दुर्घटना के कारण यह वायरस वहां के कर्मियों में फैल गया.
दस्तावेज़ स्पष्ट करता है कि उन्होंने इस संभावना का विश्लेषण नहीं किया कि किसी ने जानबूझकर वायरस फैलाया था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित