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चीनी लोन एप मामले में ED ने चार आरोपितों को दबोचा, 400 फर्जी खातों में 230 करोड़ रुपये किए ट्रांसफर

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Feb 1, 2025


Chinese Loan App चीनी लोन एप मामले में प्रवर्तन निदेशालय को बड़ी सफलता मिली है। केंद्रीय एजेंसी ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने वसूली गई रकम को अपनी कंपनियों के माध्यम सिंगापुर ट्रांसफर किया है। आरोपित लोन एप इंस्टॉल करते ही लोगों के फोन का डाटा चोरी कर लेते थे। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू करते थे।

पीटीआई, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी लोन एप धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार आरोपितों को गुरुवार को गिरफ्तार किया। ईडी के कोच्चि कार्यालय ने जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया है उनमें एक्सोडुज साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और टायरानस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के संचालक डैनियल सेल्वाकुमार, अप्रीकिवी साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक एलन सैमुअल, ग्लोबल एक्सपोजिशन एंड इन्फोमीडिया साल्यूशंस के प्रमोटर एंटो पाल प्रकाश, फ्यूचर विजन मीडिया साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक कथिरावन रवि शामिल हैं।

400 फर्जी खातों में 230 करोड़ ट्रांसफर

ईडी ने शुक्रवार को बयान में कहा, जांच में पता चला कि सिंगापुर के नागरिक के निर्देश पर सभी आरोपितों ने फर्जी लोन एप के माध्यम से अर्जित 230.92 करोड़ रुपये 400 से अधिक फर्जी खातों में ट्रांसफर करने में भूमिका निभाई। फंड को आरोपितों द्वारा नियंत्रित कंपनियों के माध्यम से सिंगापुर में ट्रांसफर किया गया था।

लोन के नाम पर लोगों से की वसूली

मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला हरियाणा और केरल में पीड़ितों द्वारा दर्ज की गई 11 पुलिस प्राथमिकियों के आधार पर दर्ज किया गया था। पीड़ितों ने शिकायत की थी कि लोन के नाम पर उनसे वसूली की गई या अतिरिक्त पुनर्भुगतान के लिए ब्लैकमेल किया गया। ईडी ने इस मामले में पिछले साल फरवरी में तलाशी ली थी और 123 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि जब्त की थी।

निजी डाटा के नाम पर किया ब्लैकमेल

लोन एप इंसॉटाल करते समय पीड़ितों के मोबाइल फोन से हैक किए गए निजी डाटा का उपयोग करके लोन एप संचालक ब्लैकमेल करते थे। ईडी ने कहा कि जांच में पता चला कि इस तरह उगाही की गई रकम शेल कंपनियों (फर्जी कंपनियों) के विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से भेजी गई।

बड़ी खामी आई सामने

बाद में बैंकिंग चैनलों और नियुम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से सॉफ्टवेयर, डिजिटल सेवाओं के फर्जी आयात की आड़ में भारत के बाहर भेज दी गई। आरोपितों ने ग्लोबल रेमिटेंस कंपनी नियोम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का दुरुपयोग किया। ईडी ने कहा कि 1,677 करोड़ रुपये की धनराशि के रेमिटेंस में नियोम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से ‘बड़ी खामियां’ पाई गईं।

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