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चीन का के-वीज़ा क्या है और भारतीयों के लिए ये एच-1बी वीज़ा की जगह ले सकेगा?

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Sep 24, 2025


के वीज़ा

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन, अमेरिका ने प्रोफ़ेशनल्स को दिए जाने वाले एच-1 बी वीज़ा की फ़ीस बढ़ाई, जिसके बाद चीन का के-वीज़ा भी चर्चा में आ गया है

अमेरिका की ओर से एच-1बी वीज़ा की फीस बढ़ाकर एक लाख डॉलर यानी लगभग 88 लाख रुपये करने के साथ ही चीन का के-वीज़ा फिर चर्चा में आ गया है.

अमेरिकी एच-1बी वीज़ा की शुरुआत साल 1990 में हुई थी. ज़्यादातर ये वीज़ा साइंस, इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और मैथमेटिक्स से जुड़े कुशल कर्मचारियों को दिया जाता है.

सबसे ज़्यादा एच-1बी वीज़ा भारतीयों को मिलते रहे हैं. इसके बाद चीन के लोगों को ये वीज़ा दिया जाता रहा है.

चीन ने भी अगस्त 2025 में साइंस और टेक्नोलॉजी की बेहतरीन प्रतिभाओं को अपने देश में बुलाने के लिए के- वीज़ा शुरू करने का एलान किया था.

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