US China Trade War डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार संभालते ही एक बार फिर चीन पर भारी भरकम आयात शुल्क लगा सकते हैं। इसका वादा उन्होंने अपने चुनावी अभियान में भी किया था। ऐसे में एक बार फिर भारत के पास बड़ा मौका होगा कि वह अमेरिकी बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ा सके। इससे भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग को बड़ा बूस्ट मिलेगा।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार (व्यापार युद्ध) छिड़ने के प्रबल आसार दिख रहे हैं। ट्रंप ने यह साफ कर दिया है घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए वह अमेरिका में होने वाले सभी आयात पर 10-20 प्रतिशत का शुल्क तो चीन से होने वाले आयात पर 60 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाएंगे।
महंगे हो जाएंगे चीनी उत्पाद
चीन पर 60 प्रतिशत का आयात शुल्क लगने से चीन की वस्तु अमेरिका के बाजार में काफी महंगी हो जाएगी और भारत को इलेक्टि्रकल व इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर लेदर, अपैरल, मशीनरी व खिलौना जैसे कई उत्पादों का निर्यात अमेरिका के बाजार में बढ़ाने का मौका मिलेगा। राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के पहले कार्यकाल में अमेरिका में चीन से खरीदारी को हतोत्साहित करना शुरू हुआ। नतीजतन वर्ष 2018 के बाद हर साल चीन से अमेरिका का आयात कम हो रहा है।
वर्ष 2017 में अमेरिका के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2023 में घटकर 13.9 प्रतिशत रह गई। हालांकि यह हिस्सेदारी भी भारत के कुल निर्यात से अधिक है। चीन ने 2023 में अकेले अमेरिका में 448 अरब डॉलर का निर्यात किया, जो गत वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के 437 अरब डॉलर के कुल निर्यात से अधिक है।
भारत को मिल सकता है अतिरिक्त व्यापार
पिछले वित्त वर्ष में भारत ने अमेरिका को 82 अरब डॉलर का निर्यात किया था। निर्यातकों का कहना है कि अमेरिका के बाजार में चीन के हिस्से का पांच प्रतिशत व्यापार अगर भारत के पाले में आ जाए तो भारत को 20 अरब डॉलर का अतिरिक्त व्यापार मिल सकता है और भारत के वस्तु निर्यात में पांच प्रतिशत का इजाफा हो जाएगा।
चीन ने वर्ष 2023 में अमेरिका को 126 अरब डॉलर का इलेक्टि्रकल व इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम का निर्यात किया। इस अवधि में ही चीन ने अमेरिका को 85 अरब डॉलर की मशीनरी, 10.4 अरब डॉलर का फुटवियर, 10 अरब डॉलर के गारमेंट तो 33 अरब डॉलर के खिलौने व अन्य प्रकार के गेम आइटम का निर्यात किया। निर्यातकों का कहना है कि इन सभी आइटम में भारत अपने निर्यात को बढ़ा सकता है।
वियतनाम और मलेशिया ने उठाया फायदा
छह साल पहले अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर के शुरू होने के बाद भारत को सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के वैश्विक व्यापार में चीन की हिस्सेदारी को अपने पाले में करने का मौका मिला और फोन निर्माता कंपनी एपल को भारत में लाने में सफलता मिली। अमेरिका-चीन ट्रेड वार का फायदा भारत से अधिक वियतनाम व मलेशिया जैसे देशों को हुआ। जानकार बताते हैं कि ये देश एक बार फिर से अमेरिका व चीन के ट्रेड वार का फायदा उठाने की तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि भारत का वाणिज्य विभाग भी इस घटनाक्रम पर अपनी नजर बनाए हुए हैं और ट्रंप प्रशासन के सक्रिय होते ही विभाग कुछ नीतिगत फैसला भी ले सकता है।