भारत सरकार ने गुरुवार को 54 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के तमाम सैन्य उपकरणों की खरीद प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की स्वीकृति दे दी। तीनों सेनाओं की ताकत को मजबूती देने के लिए इनमें समयपूर्व हवाई हमले की चेतावनी और नियंत्रण (एईडब्ल्यूएंडसी) की अत्याधुनिक विमान प्रणाली स्वदेशी वरुणास्त्र टारपीडो और टी-90 टैंक के ज्यादा ताकतवर इंजन समेत कई साजो-सामान शामिल हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत सरकार ने गुरुवार को 54 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के तमाम सैन्य उपकरणों की खरीद प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की स्वीकृति दे दी।
तीनों सेनाओं की ताकत को मजबूती देने के लिए इनमें समयपूर्व हवाई हमले की चेतावनी और नियंत्रण (एईडब्ल्यूएंडसी) की अत्याधुनिक विमान प्रणाली, स्वदेशी वरुणास्त्र टारपीडो और टी-90 टैंक के ज्यादा ताकतवर इंजन समेत कई साजो-सामान शामिल हैं।
खरीद प्रस्तावों को स्वीकृति दी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने इन खरीद प्रस्तावों को स्वीकृति दी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, डीएसी ने पूंजी अधिग्रहण प्रक्रिया यानी खरीदारी के विभिन्न चरणों की समयसीमा को कम करने के दिशानिर्देशों को भी स्वीकृति दी है, जिससे यह प्रक्रिया ज्यादा तेज, असरदार और कुशल हो जाए।
खरीदारी प्रक्रिया को ज्यादा असरदार बनाने का निर्णय ‘2025 को सुधारों के वर्ष’ के रूप में मनाने की रक्षा मंत्रालय की पहल के अनुरूप है।
विमान प्रणाली से वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा
मंत्रालय ने बताया कि एईडब्ल्यूएंडसी विमान प्रणाली से वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा। इससे लड़ाई के पूरे तरीके बदल सकते हैं और विभिन्न हथियारों वाली प्रणालियों से लड़ाई में ताकत कई गुणा बढ़ जाएगी।
जबकि सेना में टी-90 टैंक के लिए मौजूदा 1,000 एचपी के इंजन की जगह 1,350 एचपी इंजन का अपग्रेड, विशेष रूप से ऊंचाई वाले इलाकों में वजन की तुलना में ताकत का अनुपात बढ़ाने से युद्ध के मैदान में इन टैकों की रफ्तार बढ़ाएगा।मंत्रालय के अनुसार, भारतीय नौसेना के लिए जहाज से छोड़ी जा सकने वाली पनडुब्बी-रोधी टारपीडो वरुणास्त्र काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। स्वदेश में बनी इस टारपीडो की ज्यादा संख्या पनडुब्बियों के खतरे से नौसेना को मजबूत बनाएगी।
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