बुधवार को सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिका पर सुनवाई करेगा। इस याचिका में 1961 के चुनाव नियमों में संशोधन को चुनौती दी गई है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा कि आयोग की सिफारिशों के बाद 21 दिसंबर को पेश इस संशोधन ने चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी होने से रोक दिया है। ये प्रक्रिया जवाबदेह होनी चाहिए।
आईएएनएस, नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश की उस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा जिसमें 1961 के चुनाव नियमों में संशोधन को चुनौती दी गई है। इस संशोधन के जरिये सीसीटीवी फुटेज जैसी चुनाव सामग्री तक सार्वजनिक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया गया है, जब तक कि इसे चुनाव आयोग द्वारा स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध न किया गया हो।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत में 24 दिसंबर को दायर याचिका में कांग्रेस महासचिव रमेश ने दलील दी कि आयोग को 1961 के चुनाव नियमों में इस तरह एकतरफा और बिना सार्वजनिक परामर्श के संशोधन की अनुमति नहीं दी जा सकती।
चुनावी प्रक्रिया हो पारदर्शी: कांग्रेस
राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने कहा कि आयोग की सिफारिशों के बाद 21 दिसंबर को पेश इस संशोधन ने चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने वाली आवश्यक जानकारी तक सार्वजनिक पहुंच को खत्म कर दिया है। उनका कहना था कि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता तेजी से क्षीण हो रही है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसे बहाल करने में मदद करेगा।
तमिलनाडु के सीएम ने भी की थी संशोधन की आलोचना
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