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चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चुनी गई भारतीय टीम में क्रिकेट का उभरते सितारे यानी यशस्वी जायसवाल का नाम ग़ायब है.
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में दुनिया की शीर्ष आठ टीमें भाग लेती हैं. इसके मुक़ाबले 19 फरवरी को पाकिस्तान में शुरू होंगे. हालांकि भारत के सारे मैच दुबई में खेले जाएंगे.
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए यशस्वी जायसवाल का चयन न होना चौंकाने वाला फ़ैसला रहा है. जायसवाल ने पारी संवारने की अच्छी क्षमता दिखाई है. अच्छे स्ट्राइक रेट के साथ वो एक हमलावर बल्लेबाज के तौर पर उभरे हैं.
इसने उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी से पहले तैयारी के तौर पर देखे जा रहे इंग्लैंड के साथ वनडे मैचों में जगह दिलाने में मदद की. भले ही उनके पास इसके पहले वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का कोई अनुभव नहीं था.
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टॉप ऑर्डर में जगह न होने से तो बाहर नहीं हुए जायसवाल?
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इस नौजवान खिलाड़ी ने इससे पहले तक भारत के लिए 19 टेस्ट मैच और 23 टी-20 मैच खेले थे. लेकिन पिछले हफ्ते उन्हें इंग्लैंड के ख़िलाफ़ नागपुर वनडे में उतारा गया.
मुंबई के इस बल्लेबाज ने अब तक 33 लिस्ट ए मैच (घरेलू एक दिवसीय) मैच खेले हैं. इनमें उन्होंने 52 से अधिक औसत से 1526 रन बनाए हैं. ये काफी अच्छा प्रदर्शन है और ऐसा लग रहा था कि सेलेक्टर उनके इस प्रदर्शन को मान्यता दे रहे हैं.
लेकिन 6 फरवरी को इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एक वनडे इंटरनेशनल में खेलने का मौका देने के बाद उन्हें बिठा दिया गया. और फिर चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम चुनते समय उन्हें मौका नहीं दिया गया.
बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी जायसवाल को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम चुनते वक़्त नजरअंदाज क्यों किया गया?
इसकी एक वजह तो ये हो सकती है कि भारत टॉप ऑर्डर में ज्यादा बल्लेबाज नहीं रखना चाहता है.
टीम में टॉप ऑर्डर के तीन बल्लेबाज- रोहित शर्मा, शुभमन गिल और विराट कोहली पहले से ही मौजूद हैं. गिल उप कप्तान हैं और रन बना रहे हैं. इसलिए उन्हें हटाया नहीं जा सकता था.
रोहित कप्तान हैं और कोहली अपने अनुभव की बदौलत टीम में जगह बनाए हुए हैं. श्रेयस अय्यर नंबर चार पर रन बना रहे हैं. तो इस तरह ये टॉप ऑर्डर में चार जगह तो पहले से तय हैं.
जायसवाल ओपनिंग बल्लेबाज हैं. शायद उन्हें बल्लेबाजी क्रम में कहीं और फिट नहीं किया जा सकता.
यहां तक कि गिल या रोहित ओपनिंग नहीं भी करते हैं तो भारत के पास केएल राहुल हैं.
उन्हें बल्लेबाजी क्रम के शीर्ष पर ले जाया जा सकता है क्योंकि उनके पास नई गेंद का सामना करने का अनुभव है.
वरुण चक्रवर्ती का चयन क्यों?
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हालांकि जिस तरह से जायसवाल को तैयार किया गया था और सिर्फ एक वनडे में मौका देकर बिठा दिया गया वो उनके आत्मविश्वास के लिए ठीक नहीं है. ये फ़ैसला सेलेक्शन कमेटी की छवि भी खराब करता है.
आश्चर्यजनक रूप से उनकी जगह एक स्पिन गेंदबाज ने ली है, जिनका नाम है वरुण चक्रवर्ती.
चक्रवर्ती ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टी-20 सिरीज में 14 विकेट लेकर सबका ध्यान खींचा. उस प्रदर्शन ने उन्हें इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे सिरीज में टीम में जगह दिलाई.
और उन्होंने कटक में दूसरे वन-डे मैच में बल्लेबाजों को मदद करने वाली पिच पर अच्छा प्रदर्शन किया.
चक्रवर्ती ने इस सिरीज से पहले वनडे इंटरनेशनल मैच नहीं खेला था. उन्होंने सिर्फ घरेलू स्तर पर अपने सात साल के अपने करियर में सिर्फ 24 ए लिस्ट मैच खेले हैं.
चक्रवर्ती समेत भारत पांच स्पिनर्स के साथ चैंपियंस ट्रॉफी में खेलेगा. उनमें से रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर बेहतरीन बल्लेबाजी भी कर सकते हैं.
हालांकि भारत के लिए सबसे बड़ा नुकसान तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह का न खेलना है. चोटिल होने की वजह से वो चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चयनित टीम में नहीं हैं.
पीठ की चोट की वजह से उन्हें बाहर रखना पड़ा. बुमराह की जगह हर्षित राणा को शामिल किया गया है. मंगलवार देर रात बीसीसीआई ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी थी.
हर्षित राणा के चयन पर सवाल?
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कुछ लोगों को जायसवाल को बाहर रखना और राणा को बहुत ज्यादा आजमाए बगैर टीम में जगह शामिल करना भी चौंका रहा है.
भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज अतुल वासन ने हाल हीमें पत्रकारों को बताया था, ”भारत को बुमराह की जगह मोहम्मद सिराज को रखना चाहिए था. सिराज के पास अनुभव है. वो भले फॉर्म में न हों लेकिन उनके अनुभव की कीमत है. जबकि राणा अनुभवहीन हैं. “
वासन ने यह भी बताया कि टीम में मोहम्मद शमी की मौजूदगी से बुमराह की कमी की भरपाई हो सकती है. लेकिन सिराज होते तो भारत का बॉलिंग अटैक मजबूत होता.
राणा ने नागपुर के पहले एकदिवसीय में तीन विकेट लिए थे. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैंचों में चार विकेट लिए हैं लेकिन प्रति ओवर सात से अधिक रन दिए थे.
भारतीय तेज़ गेंदबाज़ अटैक भी ज़्यादा अनुभवी और विश्वसनीय नहीं हैं. क्योंकि राणा और अर्शदीप सिंह अभी एक-दिवसीय क्रिकेट में नए हैं और मोहम्मद शमी चोट से रिकवर करके वापस आ रहे हैं.
पांच स्पिनरों को लेकर चयनकर्ताओं ने शायद एक जगह बर्बाद कर दी है. इसने टीम प्रबंधन के लिए फैसलों को थोड़ा कठिन बना दिया है.
ख़ासकर ये देखते हुए कि भारत को अपने सभी मैच दुबई में खेलने हैं. वहां की पिचें स्पिन गेंदबाजों की ज्यादा मदद नहीं करतीं.
जडेजा और अक्षर पटेल दोनों का बॉलिंग स्टाइल एक ही है. ये दोनों बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिनर हैं और बाएं हाथ के निचले-क्रम के बल्लेबाज.
दोनों इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहले दो वनडे में खेले थे. लेकिन जडेजा को बुधवार को आखिरी मैच से बाहर बैठना पड़ा क्योंकि टीम में कुलदीप यादव को लाया गया था.
कुलदीप यादव कितने कारगर होंगे
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आखिरी मैच के लिए चक्रवर्ती को भी हटा दिया गया था. ये आश्चर्य पैदा करता है. क्योंकि वह अपने पूरे करियर में टी-20 गेंदबाज रहे हैं. उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी जैसे एक महत्वपूर्ण एक-दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट की तैयारी के लिए सभी तीन मैचों या कम से कम दो मैच खेलने की उम्मीद तो जरूर की होगी.
स्पिनरों के संयोजन के के आसपास काम करना एक मुश्किल काम होगा. जिस तरह से कोच गौतम गंभीर और कैप्टन रोहित शर्मा इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे सिरीज के लिए खिलाड़ियों का सेलेक्शन कर रहे हैं उससे ये दिखता है कि वो स्पिनरों के चयन को लेकर भ्रम की स्थिति मं हैं.
चक्रवर्ती को अचानक बाहर से बुलाया गया है लेकिन तैयारी करने के लिए केवल एक मैच दिया गया है.
कुलदीप यादव हाल ही में नेशनल क्रिकेट अकादमी में चोट से रिकवर कर रहे थे और उन्हें गेम-टाइम की जरूरत थी. उन्हें बुधवार के आख़िरी मैच के लिए वापस बुलाए जाने से पहले नौ फरवरी को इंग्लैंड के साथ हुए दूसरे मैच से बाहर कर दिया गया था.
चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप आईसीसी टूर्नामेंट में भारत के गो-टू स्पिनर रहे हैं. 2023 में 50 ओवरों के विश्व कप में उन्होंने 15 विकेट और 2024 टी 20 विश्व कप में दस विकेट लिए थे.
इसलिए उन्हें निश्चित रूप से हर मैच में खेलना चाहिए था. लेकिन बाकी चार गेंदबाजों में किसे मौका मिलेगा ये देखना दिलचस्प होगा.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित