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‘चैन से नहीं बैठूंगा’, सार्वजनिक पद पर 23 साल पूरे करने पर बोले पीएम मोदी – अभी बहुत कुछ करना बाकी

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Oct 8, 2024


प्रधानमंत्री मोदी ने सात अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। सोमवार को उनके सार्वजनिक पद पर रहने के 23 वर्ष पूरे हुए। इस दौरान उन्होंने देशवासियों के नाम संदेश में कहा कि वह बिना थके और भी अधिक जोश के साथ अथक परिश्रम करेंगे और तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे जब तक कि विकसित भारत का सामूहिक लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता।

पीटीआई, नई दिल्ली। पहले गुजरात में मुख्यमंत्री और फिर केंद्र में प्रधानमंत्री के रूप में सार्वजनिक पद पर रहते हुए 23 वर्ष पूरे करने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारतीयों को आश्वस्त किया कि वह जनसेवा के लिए बिना थके और भी अधिक जोश के साथ अथक परिश्रम करेंगे और तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे जब तक कि विकसित भारत का सामूहिक लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता।

मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में बहुत कुछ हासिल किया गया है, लेकिन अभी भी काफी कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने एक्स पर कई पोस्ट किए। कहा-‘सरकार के मुखिया के रूप में 23 वर्ष की अवधि पूरे होने पर मुझे आशीर्वाद और शुभकामनाएं देने वाले सभी लोगों का हार्दिक आभार। सात अक्टूबर, 2001 को मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने की जिम्मेदारी संभाली थी। यह मेरी पार्टी भाजपा की महानता थी कि उसने मुझ जैसे कार्यकर्ता को राज्य प्रशासन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी।’

‘सीएम बनने पर कई चुनौतियां सामने थीं’

मोदी ने कहा कि जब मैंने मुख्यमंत्री का पद संभाला था तो गुजरात कई चुनौतियों जैसे 2001 का कच्छ भूकंप, इससे पहले सुपर साइक्लोन, भयंकर सूखा और कई दशकों के कांग्रेस का कुशासन जैसे लूट, सांप्रदायिकता और जातिवाद का सामना कर रहा था। जनशक्ति से प्रेरित होकर हमने गुजरात का पुनर्निर्माण किया और इसे प्रगति की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, यहां तक कि कृषि जैसे क्षेत्र में भी जिसके लिए राज्य को पारंपरिक रूप से नहीं जाना जाता था।

उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके 13 वर्ष के कार्यकाल के दौरान, राज्य ‘सबका साथ, सबका विकास’ का एक उज्ज्वल उदाहरण बनकर उभरा, जिससे समाज के सभी वर्गों के लिए समृद्धि सुनिश्चित हुई। मोदी ने कहा कि 2014 में देश की जनता ने भाजपा को रिकार्ड तोड़ बहुमत दिया और उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने का मौका मिला।

पच्चीस करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर निकले: मोदी

मोदी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि 30 वर्षों में पहली बार किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में हम अपने देश के समक्ष मौजूद अनेक चुनौतियों का समाधान करने में सफल रहे हैं। पच्चीस करोड़ से अधिक लोग गरीबी के चंगुल से बाहर निकल चुके हैं। भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और इससे विशेष रूप से हमारे एमएसएमई, स्टार्ट-अप क्षेत्र तथा अन्य को मदद मिली है।

उन्होंने कहा कि मेहनतकश किसानों, नारी शक्ति, युवा शक्ति और गरीबों के साथ-साथ समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए समृद्धि के नए रास्ते खुले हैं। पीएम ने कहा कि यह बड़ी बात है कि आज विश्व हमारे साथ जुड़ने, हमारे यहां निवेश करने और हमारी सफलता का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक है। साथ ही भारत वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रहा है, चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो, स्वास्थ्य सेवा में सुधार हो, सतत विकास लक्ष्य हासिल करना हो।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने सात अक्टूबर, 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और इस पद पर लगातार 13 साल तक रहे। इसके बाद वह 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने और गत जून महीने में उन्होंने लगातार तीसरी बार देश की कमान संभाली।

राष्ट्रहित और जनसेवा को समर्पण का अद्वितीय उदाहरण

सोमवार को कई नेताओं ने मोदी को बधाई दी। गृह मंत्री शाह ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि एक व्यक्ति अपना पूरा जीवन राष्ट्रहित और जनसेवा को कैसे समर्पित कर सकता है, यह 23 वर्ष की साधना उस अद्वितीय समर्पण की प्रतीक है। उन्होंने लिखा, ‘मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मैं मोदी जी की इस यात्रा का साक्षी रहा हूं। मोदी जी ने यह दिखाया है कि कैसे गरीब कल्याण, विकास, देश की सुरक्षा व वैश्विक पहचान को मजबूती देने के कार्य समानांतर किए जा सकते हैं।’

शाह ने कहा, ‘उन्होंने समस्याओं को टुकड़ों में देखने की जगह समग्र समाधान का विजन देश के सामने रखा। बिना रुके, बिना थके, बिना अपनी परवाह किए देश और देशवासियों के लिए समर्पित ऐसे राष्ट्रसाधक मोदी जी को सेवा और समर्पण के 23 वर्ष पूर्ण करने पर बधाई देता हूं।’ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने भी उनके इस काल को अतुलनीय और अनुकरणीय बताया।

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