छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ जिसमें तीन नए भाजपा विधायकों – राजेश अग्रवाल गुरु खुशवंत साहेब और गजेंद्र यादव को शामिल किया गया। राज्यपाल रमेन डेका ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस विस्तार के साथ मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है जो राज्य के इतिहास में पहली बार है क्योंकि पहले 13 सदस्य ही होते थे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में बुधवार (20 अगस्त, 2025) को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंत्रिमंडल में तीन भाजपा विधायकों को शामिल किया गया। अब मंत्रिमंडल की संख्या बढ़कर 14 हो गई, जो राज्य के इतिहास में सबसे अधिक है। परंपरागत रूप से 13 सदस्यीय मंत्रिमंडल होता था।
राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल रमेन डेका ने भाजपा विधायकों राजेश अग्रवाल, गुरु खुशवंत साहेब और गजेंद्र यादव (सभी पहली बार विधायक बने हैं) को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नवनियुक्त मंत्रियों के विभागों की घोषणा अभी नहीं की गई है।
राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा काम
समारोह में मुख्यमंत्री साय, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह, राज्य के मंत्री और अन्य नेता शामिल हुए। राज्य के गठन (2000 में) के बाद से 90 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित 13 विधायक पारंपरिक रूप से मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे हैं लेकिन इस बार पहली बार है जब 13 मंत्रियों का मंत्रिमंडल बनाया गया है। इस विस्तार से पहले छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में सीएम साय सहित 11 सदस्य थे।
अपनाया इस राज्य का मॉडल
सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ ने “हरियाणा मॉडल” अपनाया है, जहां 90 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित 14 मंत्री होते हैं। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, किसी राज्य की मंत्रिपरिषद का आकार, विधानसभा की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता। छत्तीसगढ़ में यह सीमा 13.5 है, जिससे 14 कैबिनेट सदस्यों के लिए जगह बनती है।
मंत्रिमंडल में दिखा जातिगत संतुलन
स्तारित मंत्रिमंडल में जातिगत और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व का संतुलन झलकता है। नए शामिल किए गए तीन मंत्रियों में से यादव अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से हैं, साहेब अनुसूचित जाति से और अग्रवाल सामान्य वर्ग से हैं।